जामुड़िया.
जामुड़िया प्रखंड अंचर के परसिया पंचायत क्षेत्र के बूथ नंबर 240 एवं 241 (जोटजानकी) में पिछले छह महीनों से पानी के लिए हाहाकार मचा है. इलाके की 2000 से अधिक की आबादी पानी के लिए मोहताज है. भीषण पेयजल संकट से जूझ रहे ग्रामीणों का धैर्य अब जवाब देने लगा है, जिससे स्थानीय प्रशासन और जनप्रतिनिधियों के खिलाफ भारी आक्रोश व्याप्त है.क्षतिग्रस्त पाइपलाइन बनी मुसीबत
स्थानीय लोगों के अनुसार, हीरापुर क्षेत्र में पानी की मुख्य पाइपलाइन क्षतिग्रस्त होने के बाद से जलापूर्ति पूरी तरह ठप हो गयी. संकट की शुरुआत में प्रशासन ने टैंकरों के माध्यम से पानी भेजने की औपचारिकता पूरी की, लेकिन वह व्यवस्था भी कुछ ही दिनों में बंद कर दी गई.वर्तमान में स्थिति यह है कि लोगों को दैनिक कार्यों और पीने के पानी के लिए मीलों भटकना पड़ रहा है.
खंडहर हुए हैंडपंप, डिब्बा बंद पानी खरीदने की मजबूरी
सबसे बदतर स्थिति जोटजानकी के दो माझी पाड़ा और गोप पाड़ा की है.ग्रामीणों ने बताया कि इलाके के अधिकतर हैंडपंप महीनों से खराब पड़े हैं और कुओं की संख्या नगण्य है. उत्तम बाउरी और शांति हासदा जैसे स्थानीय लोगों ने अपना दर्द साझा करते हुए कहा कि वे मजबूरी में 20 लीटर के पानी के डब्बे खरीदकर किसी तरह गुजारा कर रहे हैं.आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों के लिए हर दिन पानी खरीदना अब बोझ बनता जा रहा है.
विधानसभा चुनाव में ”वोट से चोट” की चेतावनी
ग्रामीणों ने स्पष्ट रूप से चेतावनी दी है कि यदि पेयजल जैसी बुनियादी समस्या का समाधान तत्काल नहीं हुआ, तो इसका सीधा असर आने वाले विधानसभा चुनाव पर पड़ेगा. लोगों का कहना है कि जब छह महीने में एक पाइपलाइन ठीक नहीं हो सकती, तो विकास के अन्य दावों पर कैसे भरोसा किया जाए.
क्या कहती हैं पंचायत प्रधान
इस गंभीर विषय पर पंचायत प्रधान अनीता घोष ने कहा कि पानी की समस्या केवल परसिया ही नहीं, बल्कि पूरे जामुड़िया प्रखंड में बनी हुई है. उन्होंने आश्वासन दिया कि समाधान के लिए प्रयास युद्ध स्तर पर जारी हैं और जल्द ही इलाके में जलापूर्ति बहाल कर दी जायेगी.
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