पानागढ़.
पश्चिम बर्दवान जिले के पानागढ़ बाजार स्टेशन तालाब छठघाट पर सोमवार को चार दिवसीय छठ महापर्व के तीसरे दिन हजारों छठव्रतियों ने डूबते सूरज (भगवान भास्कर) को अपना पहला अर्घ्य दिया. इस दौरान छठघाट को हिंदी सांस्कृतिक परिषद व चंद्रकांत क्लब पूजा कमेटी की ओर से सुसज्जित किया गया था. जीटी रोड से लेकर छठघाट तक पुलिस की कड़ी सुरक्षा व्यवस्था थी. कांकसा एसीपी आयुष पांडेय, आरपीएफ एएससी आशीष कुमार पांडेय, कांकसा थाने के आइसी प्रसून खां, पानागढ़ आरपीएफ पोस्ट निरीक्षक कमलराज, आरपीएफ उप-निरीक्षक आरएस सिंह, कांकसा ट्रैफिक गार्ड प्रभारी, दुर्गापुर जीआरपी समेत अन्य जवान व सिविक वॉलंटियर्स मुस्तैद रहे. रेलवे स्टेशन तालाब छठ घाट पर पुलिस और आरपीएफ के अफसर व जवान लगातार टहलते नजर आये. किसी तरह की अप्रिय घटना ना घटे, इसे लेकर सतर्कता बरती जा रही थी. रेलवे स्टेशन, फुटब्रिज 102 -103 नंबर रेल गेट पर आरपीएफ, जीआरपी तथा कांकसा पुलिस की सुरक्षा व्यवस्था कड़ी थी. स्टेशन रोड पर ट्रैफिक पुलिस ने ‘नो एंट्री’ का बोर्ड लगा रखा था. ओल्ड टिकट काउंटर के सामने छठघाट के आनेवाले रास्ते को बैरिकेड कर दिया गया था. किसी भी वाहनों को प्रवेश नहीं करने दिया जा रहा था.रेल गेट पर भी सुरक्षा के कड़े इंतजाम किये गये थे, ताकि असावधानी बरत कर कोई भी छठव्रती रेललाइन को पार ना करे .इस बाबत जहां पुलिस, आरपीएफ की पूरी सुरक्षा व्यवस्था रही. वहीं, हिंदी सांस्कृतिक परिषद के सदस्यगण तथा वॉलिंटियर्स भी चौकसी कर रहे थे. छठघाट पर कांकसा एसीपी आयुष पांडेय ने बताया कि इस छठघाट पर किसी भी छठव्रती को कोई असुविधा या दिक्कत ना हो, इसका विशेष ख्याल रखा गया. भक्तों की भीड़ भी कंट्रोल में रही. पूरी मुस्तैदी के साथ छठव्रतियों की सुरक्षा व्यवस्था को लेकर सुबह से ही पुलिस, आरपीएफ व जीआरपी लगे थे. इस दौरान आसनसोल, दुर्गापुर से भी आरपीएफ ने अतिरिक्त फोर्स मंगायी थी. पूजा मंडप परिसर में अतिथियों का स्वागत किया जा रहा था. छठघाट मंडप के समक्ष पुलिस सेल, हेल्थ सेल, मेडिकल सेल भी खोला गया था. हिंदी सांस्कृतिक परिषद के सदस्यगण भी डटे हुए थे. स्टेशन तालाब छठघाट पर हजारों छठव्रतियों ने अस्ताचलगामी भगवान भास्कर को अपना पहला अर्घ्य दिया.
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