आसनसोल/रूपनारायणपुर.
सालानपुर प्रखंड अंचल के देंदुआ इलाके स्थित शाकंभरी ग्रुप एलोक्वेंट स्टील प्राइवेट लिमिटेड कारखाना में गुरुवार को एक दुर्घटना हुई. पिघला हुआ लोहा छलकने से छह श्रमिक उसकी चपेट में आकर झुलस गये. जिसमें बिहार के तीन श्रमिक लक्खीसराय के खगौर गांव का निवासी दीपांशु पासवान (21), मोहनिया थाना क्षेत्र के छोटकी गांव का निवासी कमलेश तिवारी (32) और सीतामढ़ी थाना क्षेत्र के मधुबन गांव का निवासी कृष्ण नंदन राय (36), धनबाद (झारखंड) थाना क्षेत्र के सलिवका गांव का निवासी राजेश सिंह (28) तथा बंगाल के दो श्रमिक कुल्टी थाना क्षेत्र के डिशेरगढ़ इलाके का निवासी गौतम विश्वकर्मा (46) और बराकर फांडी रोड इलाके का निवासी अभिषेक कुमार रजक (27) शामिल है. घायल इन छह श्रमिकों में से अभिषेक की हालत काफी गंभीर है, जिसे दुर्गापुर के एक निजी अस्पताल में दाखिल किया गया है और बाकी के पांच श्रमिकों को कुल्टी इलाके में स्थित एक निजी अस्पताल में दाखिल कराया गया है. इस घटना को लेकर कारखानों में श्रमिक सुरक्षा का मुद्दा सावलों के घेरे में आ गया है. नियमित अंतराल पर इस प्रकार की दुर्घटनाएं उद्योगों में हो रही है. चाहे वह सरकारी हो या गैर सरकारी. इसपर प्रशासन उदासीन है. इस घटना को लेकर फैक्टरी निरीक्षक देवव्रत चक्रवर्ती से पूछे गये सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि घटना की उन्हें जानकारी नहीं है. पूरी जानकारी लेने के बाद कुछ कह पाएंगे.गौरतलब है कि पश्चिम बर्दवान जिला की औद्योगिक नगरी के रूप में देश में मशहूर है. यहां छोटे, बड़े और मझोले प्रकार के हजारों कारखाने हैं. स्टील और लौह उद्योग के लिए मुख्यरूप से इसकी पहचान है. सरकारी और गैर सरकारी 100 से अधिक स्टील उद्योग यहां अवस्थित हैं. सेल आइएसपी बर्नपुर, दुर्गापुर स्टील प्लांट जैसे बड़े सरकारी उद्योग भी यहां स्थित है. इन सरकारी उद्योगों के साथ-साथ निजी उद्योगों में भी दुर्घटना का होना एक आम बात हो गयी है. बुधवार को सेल आइएसपी बर्नपुर में एक अभियंता की प्लांट के अंदर दुर्घटना में मौत हुई. गुरुवार को दो श्रमिक घायल हो गये. निजी संस्थाओं में तो स्थिति और भी भयावह है. सुरक्षा के नियमों की अनदेखी का मुद्दा बार-बार उठता रहा है. प्रशासन भी उदासीन है. जिसके कारण दुर्घटनाओं का सिलसिला लगातार जारी है.गुरुवार को एलेक्वेंट स्टील प्लांट में पिघला हुआ लोहा छलकने से छह श्रमिक झुलस गये. स्थानीय सूत्रों के अनुसार छलके हुआ पिघला लोहा से बचने के लिए दो मंजिला तक स्थित फर्नेस से एक श्रमिक कूद गया, लेकिन फिर भी वह इसकी चपेट से नहीं बच पाया. हालांकि इसे लेकर यूनियनों का कोई आंदोलन भी नहीं हुआ. घायलों को इलाज कराया जा रहा. तृणमूल के स्थानीय वरिष्ठ नेता ने कहा कि प्रबंधन श्रमिकों का इलाज करा रहा है. श्रमिकों के स्वस्थ होने के बाद मुआवजा की मांग की जाएगी.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

