पानागढ़.
जिले के 274-गलसी (अनुसूचित जाति) विधानसभा क्षेत्र के अधीन कांकसा ब्लॉक में विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआइआर) के तहत डिजिटाइज किये गये गणना-प्रपत्रों को जमा लेने और उनकी जांच का कार्य शुरू कर दिया गया है. बीएलओ और पर्यवेक्षकों के बीच गणना प्रपत्रों के हिसाब-किताब का मिलान किया जा रहा है और विभिन्न श्रेणियों के मतदाताओं से जुड़े मामलों पर मंथन जारी है.डिजिटाइजेशन पूरा, सात किस्म की त्रुटियां चिह्नित
पश्चिम बंगाल में एसआइआर के तहत गणना-प्रपत्रों के डिजिटाइजेशन का काम पूरा हो चुका है. डेटा विश्लेषण के दौरान कुल सात प्रकार की त्रुटियां सामने आई हैं. इन त्रुटियों से जुड़े मतदाता अब चुनाव आयोग के रडार पर हैं. आयोग का मानना है कि इन त्रुटियों के पीछे तकनीकी त्रुटि, डेटा त्रुटि या जानबूझकर की गई गड़बड़ी जैसे कारण हो सकते हैं.जिन बिंदुओं पर मिलीं गड़बड़ियां
त्रुटियों में वर्ष 2002 की सूची में मतदाता का नाम नहीं होना, 45 वर्ष या उससे अधिक उम्र होने के बावजूद 2002 की सूची में नाम का अभाव, संतान के गणना प्रपत्र में पिता का नाम 2002 की सूची से मेल न खाना, पिता और पुत्र की उम्र में 15 वर्ष से कम का अंतर, संतान और माता-पिता की उम्र में 50 वर्ष से अधिक का अंतर, मतदाता और दादा-दादी या नाना-नानी की उम्र में 40 वर्ष से कम का अंतर तथा गणना प्रपत्र में मतदाता की तस्वीर से जुड़ी त्रुटियां शामिल हैं.मसौदा-सूची से पहले दोबारा सत्यापन
चुनाव आयोग के अनुसार 16 दिसंबर को मसौदा मतदाता-सूची के प्रकाशन से पहले इन मतदाताओं की सूची की फिर से जांच की जा सकती है. इसी क्रम में कांकसा ब्लॉक में गुरुवार को इन मामलों की गहन जांच की गई. मौके पर बीएलओ, पर्यवेक्षक और अन्य संबंधित अधिकारी उपस्थित रहे.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

