लालच इस कदर हावी रहा कि खुद के खाते का पैसा खत्म हो जाने के बाद भाई और दोस्तों से पैसा लेकर किया निवेश पैसा डबल होने के चक्कर में गंवा दिया सारा पैसा, शिकायत के आधार पर अंडाल थाने में दर्ज हुई प्राथमिकी
आसनसोल. साइबर अपराध को लेकर पुलिस, वित्तीय संस्थान और विभिन्न सामाजिक संस्थाओ द्वारा लगातार जागरूकता फैलाने के बावजूद भी लोग इसमें फंस रहे है. लोगों को अपनी जाल में फंसाने के लिए साइबर अपराधी हर दिन नये-नये पैटर्न तैयार कर रहे हैं. जिसमें लोग आसानी से फंस जा रहे है. अंडाल थाना में साइबर अपराध से जुड़ा अपने किस्म का एक अलग मामला दर्ज हुआ.अंडाल मोड़ उखड़ा रोड इलाके के निवासी निमाई नंदी ने गेमिंग ऐप में फंसकर 5,91,108 रुपये गंवा दिये. लालच के वश में वह इस कदर इस गेम में घुस गये कि अपने बैंक का सारा पैसा खत्म होने के बाद अपने भाई और दोस्तों से पैसे लेकर उसमें लगा दिया. कुछ देर बाद उन्हें पता चला कि वे साइबर अपराध के शिकार हो गये हैं. जिसकी शिकायत उन्होंने अंडाल थाने में की. उनकी शिकायत के आधार पर कांड संख्या 158/25 में बीएनएस की धारा 319(2)/318(2)/338/336(3)/61(2) के तहत प्राथमिकी दर्ज हुई.
गेमिंग एप में कैसे गंवाए निमाई ने अपने पैसे ?
निमाई नंदी ने बताया कि गत 25 मई को टेलीग्राम ऐप के माध्यम से उन्हें एक गेमिंग ऐप में ऑनलाइन बोली लगाकर पैसे कमाने का एक मैसेज मिला और आगे बढ़ने के लिए लिंक मिला. कौतूहल वश वह उस लिंक को खोलकर आगे बढ़े. जिसमें उन्हें बताया गया कि किस प्रकार वह इस ऐप में बोली लगाकर पैसे जीत सकते हैं. इसी बीच उनके नंबर को व्हाट्सऐप ग्रुप से जोड़ दिया गया. व्हाट्सऐप पर मैसेज आने लगे और बात भी होने लगी. उनके एक अकाउंट का नंबर मांगा गया. उन्होंने बिना पैसे वाले पुराने एक अकाउंट का नंबर दिया. जिसमें कुछ देर बाद 1194 रुपये आ गये. उन्हें बताया गया कि पहले चरण में वह यह रुपये जीत गये हैं. श्री नंदी आगे नहीं बढ़े, हालांकि साइबर अपराधी उनका पीछा नहीं छोड़ रहे थे. वे नियमित उनसे संपर्क में रहे. एक जून को उन्हें इस खेल में जुड़ने के लिए मानसिक रूप से तैयार कर दिया गया. उनसे कहा गया कि सात हजार रुपये की बोली लगाइए 12,500 रुपये मिलेंगे. उन्होंने सात हजार रुपये लगाये और उन्हें 12.5 हजार रुपये मिल भी गये. फिर उन्हें कहा गया कि 10 हजार रुपये लगायें. यहां से साइबर अपराधियों का खेल शुरू हुआ. दस हजार रुपये लगाने के बाद उन्हें आगे बढ़ने का रास्ता नहीं मिला और उनसे कहा गया कि 50 हजार रुपये लगायें. उन्होंने 20-20 हजार करके दो बार में पैसे दिया. इसके बाद अगली बोली में जाने से पहले इस 50 हजार का रिटर्न मिलना था, लेकिन वह नहीं मिला. उन्हें कहा गया कि इसके बाद के चरण में जाने के लिए 1,48,348 रुपये लगाने होंगे. उन्होंने अपने भाई से उधार लेकर इस राशि का निवेश किया. इसके बाद भी उन्हें कहा गया कि आगे बढ़ने के लिए 3,92,760 रुपये लगाने होंगे तब नौ लाख रुपये मिलेंगे. अब वे बुरी तरह फंस गये थे. उनके करीब दो लाख रुपये फंस गये थे, उस राशि को निकाल कर मुनाफा कमाने के लिए 3.92 लाख रुपये के जुगाड़ में वह लग गये. लोगों से उधारी लेकर तीन जून को उन्होंने 3,92,760 रुपये का निवेश कर दिया. इसके बाद उन्हें कहा गया कि 8.71 लाख रुपये का निवेश करने पर 24 लाख रुपये मिलेंगे. इतनी देर बाद उन्हें समझ में आ गयया कि वह साइबर अपराधियों के चंगुल में फंसे हैं. तुरंत उन्होंने एनसीआरपी पोर्टल में शिकायत दर्ज करायी और शनिवार को अंडाल थाने में प्राथमिकी दर्ज करायी. श्री नंदी एक निजी अस्पताल के कर्मचारी हैं, यह राशि उनके लिए काफी बड़ी है. उन्होंने कहा कि अपराधियों को सजा मिलनी चाहिए और ताकि अन्य किसी को वे अपना शिकार न बना सकें.
ऑनलाइन ट्रेडिंग में कांकसा निवासी जीवन विश्वास ने गंवाये 18.97 लाख रुपये
साइबर अपराधियों का सबसे सफल फार्मूला ऑनलाइन ट्रेडिंग के नाम पर लोगों को लूटने का सिलसिला जारी है. कांकसा थाना क्षेत्र के बामुनारा अमृता हाउसिंग इलाके के निवासी जीवन विश्वास को साइबर अपराधियों ने 19,97,077 रुपये का चूना लगा दिया. श्री विश्वास ने अपनी शिकायत में बताया कि फॉरेक्स ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म एफएक्स रोड (वेबसाइट. एफएक्सरोड. कॉम) के माध्यम से उक्त राशि का ऑनलाइन निवेश किया था. भरोसा जीतने के लिए डैशबोर्ड में हेरफेर करके शुरू में फर्जी लाभ दिखाया गया. बाद में उनका अकाउंट ब्लॉक कर दिया गया और लाभ तो दूर निवेश की गयी राशि भी चली गयी. शिकायत के आधार पर कांकसा थाने में अज्ञात बदमाशों के खिलाफ बीएनएस की धारा 319(2)/318(4)/316(2) के तहत प्राथमिकी दर्ज हुई है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है