बांकुड़ा.
जिले में एसआइआर के बाद चल रही सुनवाई-प्रक्रिया और एक बीएलओ की आत्महत्या की घटना के बीच राज्य की मुख्यमंत्री और तृणमूल कांग्रेस सुप्रीमो ममता बनर्जी मंगलवार को बांकुड़ा जिले के दौरे पर आ रही हैं. वह दोपहर 12:00 बजे बरजोड़ा के बीरसिंह मैदान में पार्टी की जनसभा को संबोधित करेंगी. इस रैली में एसआईआर, बीएलओ की आत्महत्या, प्रशासनिक प्रक्रिया और 2026 के विधानसभा चुनाव को लेकर पार्टी की रणनीति पर बात होने की संभावना है.औद्योगिक क्षेत्र पर सियासी नजर
पिछले लोकसभा चुनाव में भाजपा ने जिले में जीत दर्ज की थी. तृणमूल नेताओं का मानना है कि जिले के औद्योगिक इलाकों में भाजपा का असर बढ़ा है. पिछले विधानसभा चुनाव में भाजपा ने जिले की 12 में से 8 सीटों पर जीत हासिल की थी, हालांकि बाद में बिष्णुपुर के विधायक तन्मय घोष और कोतुलपुर के विधायक हरकली प्रतिहार तृणमूल में शामिल हो गए. इसके बावजूद बरजोड़ा औद्योगिक क्षेत्र में भाजपा की सक्रियता से सत्ताधारी पार्टी सतर्क है.
इस इलाके में फैक्टरियों और खदानों में काम करनेवाले मजदूर, किसान और बाहर से आये श्रमिक बड़ी संख्या में रहते हैं. राजनीतिक जानकारों के अनुसार, पिछड़े वर्ग के परिवार तृणमूल की रणनीति के केंद्र में हैं और बरजोड़ा की यह सभा पार्टी के लिए टर्निंग-पॉइंट मानी जा रही है.सभा की तैयारी और सुरक्षा इंतजाम
जनसभा के लिए बीरसिंह मैदान में करीब 120 फीट लंबा और 60 फीट चौड़ा मंच तैयार किया गया है. मंच के सामने वीआईपी कॉरिडोर और मीडिया गैलरी बनाई गई है. पार्टी सूत्रों के अनुसार, औद्योगिक बस्तियों और गांवों से लोगों को लाने के लिए कई रूटों पर परिवहन की व्यवस्था की गयी है. पश्चिम और पूर्व बर्दवान के साथ-साथ बांकुड़ा जिले से लोगों को लाने की योजना है.मंच और आसपास के इलाकों में सुरक्षा के कड़े इंतजाम किये गये हैं. पार्टी, प्रशासन और पुलिस ने चरणबद्ध तरीके से निरीक्षण किया है. सांसद अरूप चक्रवर्ती, विधायक आलोक मुखर्जी, महिला नेता अलका सेन मजूमदार सहित अन्य नेताओं ने सभा स्थल का मुआयना किया. इस बीच, सांसद अरूप चक्रवर्ती ने दावा किया कि जनसभा में करीब एक लाख लोग शामिल होंगे, जिसके लिए लगभग 800 बसों की व्यवस्था की गई है. लोगों के बांकुड़ा और बर्दवान दोनों जिलों से आने की संभावना है. वहीं स्थानीय लोगों के बीच यह चिंता भी है कि बसों के पार्टी कार्य में लगने से दैनिक आवाजाही प्रभावित हो सकता है. अब सबकी निगाहें इस बात पर टिकी हैं कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी इस जनसभा से क्या संदेश देती हैं और अगले वर्ष होनेवाले विधानसभा चुनाव को लेकर पार्टी को क्या दिशा देती हैं.
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