12.1 C
Ranchi

लेटेस्ट वीडियो

दामोदर घाटी निगम के निजीकरण में लगे केंद्र की राह आसान कर रही बंगाल सरकार

जिले में दामोदर घाटी निगम (डीवीसी) के मेजिया थर्मल पावर स्टेशन(एमटीपीएस) के कॉलोनी गेट के बाहर वामपंंथी श्रमिक यूनियन की ओर से कई मुद्दों को लेकर विरोध रैली निकाली गयी, फिर वहां प्रतिवाद सभा आयोजित हुई.

बांकुड़ा.

जिले में दामोदर घाटी निगम (डीवीसी) के मेजिया थर्मल पावर स्टेशन(एमटीपीएस) के कॉलोनी गेट के बाहर वामपंंथी श्रमिक यूनियन की ओर से कई मुद्दों को लेकर विरोध रैली निकाली गयी, फिर वहां प्रतिवाद सभा आयोजित हुई. विरोध रैली में माकपा नेता व सांसद विकास रंजन भट्टाचार्य भी शामिल हए. उसके बाद प्रतिवाद सभा के मंच से उन्होंने केंद्र की भाजपा नीत राजग सरकार और पश्चिम बंगाल की सत्ताधारी तृणमूल कांग्रेस को कई मुद्दों को लेकर घेरा.

आरोप लगाया कि केंद्र की भाजपा सरकार यहां डीवीसी के निजीकरण की साजिश रच रही है और इसमें यहां की तृणमूल सरकार परोक्ष रूप से मदद कर रही है. डीवीसी श्रमिक संघों के एक वर्ग की मांगों का समर्थन करते हुए विकास रंजन ने कहा कि जिस तरह से केंद्र सरकार डीवीसी को लेकर अपना एजेंडा चला रही है, उससे संकेत अच्छे नहीं हैं. यहां की मां, माटी व मानुष का होने का दम भरनेवाली यहां की तृणमूल सरकार केंद्र सरकार की राह के रोड़े हटा कर उसकी मदद कर रही है. ध्यान रहे कि वरिष्ठ माकपा नेता विकास रंजन भट्टाचार्य डीवीसी श्रमिक संघ के अध्यक्ष भी है. उन्होंने कहा कि डीवीसी राष्ट्रीय संसाधन है, जिसकी सुरक्षा करना हमलोगों की जिम्मेदारी है. विरोध सभा के मंच पर डीवीसी श्रमिक संघ के कार्यकारी अध्यक्ष समीर बाइन, महासचिव अभिजीत रॉय, डीवीसी वर्कर्स यूनियन ज्वॉइंट फोरम के संयोजक जीवन आइच, सीटू जिला सचिव सोमेंदु मुखर्जी उपस्थित थे.

सभा के मंच पर यूटीयूसी के अखिल भारतीय अध्यक्ष और आरएसपी नेता अशोक घोष भी मौजूद थे. अशोक घोष ने कहा कि डीवीसी कोई औद्योगिक संगठन नहीं है. डीवीसी का गठन स्वतंत्रता के बाद बहुउद्देशीय नदी योजना और जन कल्याण कार्यों के लिए किया गया था. इसके लिए केंद्र सरकार ने अलग से कानून बनाया है. वरिष्ठ अधिवक्ता विकास रंजन भट्टाचार्य ने आगे कहा कि डीवीसी किसी पूंजीपति की दी गयी राशि से नहीं, बल्कि देश की जनता के राजस्व से गठित हुआ है. अनेक राष्ट्रीय संपदाओं का निर्माण हुआ. इतनी अकूत संपदा खरीदने की ताकत किसी उद्योगपति में नहीं है. इसलिए कुछ माह पहले केंद्रीय ऊर्जा मंत्री मनोहरलाल खट्टर यहां डीवीसी मुख्यालय आये थे और डीवीसी को उत्पादन, आपूर्ति व वितरण तीन भागों में बांट कर निगमीकरण की घोषणा की थी.

माकपा नेता ने इल्जाम लगाया कि केंद्र की भाजपा सरकार, डीवीसी को अदाणी या अंबानी को बेचना चाहती है और उसकी इस मंशा में बंगाल की मुख्यमंत्री की भूमिका संदेहास्पद है. केंद्र के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे कमेटी के प्रतिनिधियों को वापस बुला लिया गया है. विकास रंजन भट्टाचार्य ने आगे कहा कि यहां की तृणमूल सरकार को डीवीसी की सुरक्षा सुनिश्चित करनी चाहिए. उन्होंने दावा किया कि पूर्ववर्ती वाममोर्चा सरकार ने बाढ़ या सैलाब का ठीकरा कभी डीवीसी कमेटी पर नहीं फोड़ा. उनके मुताबिक डीवीसी को बचाने के लिए कार्यरत व सेवानिवृत्त कर्मचारियों को अपना आंदोलन जारी रखना चाहिए. फिर कोई ताकत डीवीसी को हरा नहीं सकती.

इसके अलावा, माकपा सांसद ने डीवीसी कर्मचारियों की लंबित मांगों को जल्द पूरा करने पर जोर दिया. स्थानीय लोगों के दूरगामी सामाजिक-आर्थिक विकास के मद्देनजर सभी संबद्ध पक्षों को आगे बढ़ना चाहिए. मांग की कि डीवीसी में संविदा या ठेकाकर्मी के रूप में भर्ती प्रक्रिया में स्थानीय लोगों को प्राथमिकता दी जाये. साथ ही उनके जायज अधिकारों पर सकारात्मक रुख दिखया जाये.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

Prabhat Khabar News Desk
Prabhat Khabar News Desk
यह प्रभात खबर का न्यूज डेस्क है। इसमें बिहार-झारखंड-ओडिशा-दिल्‍ली समेत प्रभात खबर के विशाल ग्राउंड नेटवर्क के रिपोर्ट्स के जरिए भेजी खबरों का प्रकाशन होता है।

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

संबंधित ख़बरें

Trending News

जरूर पढ़ें

वायरल खबरें

ऐप पर पढें
होम आप का शहर
News Snap News Reel