आसनसोल.
नहाय खाय के साथ सूर्योपासना के चार दिवसीय छठ महापर्व का शनिवार से शुभारंभ हो गया. रविवार को खरना है, जिसे लेकर छठव्रतियों के साथ इलाके के लोगों में भारी उत्साह है. हर ओर छठ के गीतों से इलाका भक्तिमय हो उठा है. यह एकमात्र ऐसा पर्व है, जिसमें जाति, धर्म का कोई बंधन नहीं है, विभिन्न धर्मों के लोग इस पर्व को करते हैं और हर किसी के लिए यह आस्था का पर्व बना हुआ है. जन प्रतिनिधियों में छठ पूजा की सामग्री वितरण करने की होड़ लगी हुई है. कोई साड़ी बांट रहा है, तो कोई पूजन सामग्री वितरण कर रहा है, तो कोई लौकी बांट रहा है. निमचा दो नम्बर कोलियरी इलाके में पासवान समाज की ओर से अपने रजत जयंती के उपलक्ष्य में 151 छठ ब्रतियों के बीच पीतल के परात में पूजन सामग्री वितरण किया गया. छठ घाटों पर प्रशासनिक व पुलिस आधिकारियों के साथ जन प्रतिनिधियों का दौरा पिछले सात दिनों से लगातार जारी है. आसनसोल नगर निगम की ओर से पांच टैबलो शनिवार को रवाना किया गया. छठ गीत बजाते हुए यह टैबलो पूरे इलाके में दो दिनों तक भ्रमण करेगी.डीएम ने दामोदर नदी के छठघाटों का किया निरीक्षण
जिलाधिकारी(डीएम) पोन्नमबालम. एस शनिवार को हीरापुर थाना क्षेत्र अंतर्गत दामोदर नदी किनारे स्थित भूतनाथ घाट, नेहरूपार्क घाट का निरीक्षण किया. जिला में सबसे अधिक भीड़ यहीं जुटती है. डेढ़ लाख से अधिक श्रद्धालुओं के इसबार जुटने की उम्मीद है. जिलाधिकारी ने कहा कि श्रद्धालुओं की सुरक्षा को लेकर पुलिस, प्रशासन और नगर निगम की ओर से पिछले सात दिनों से तैयारियां चल रही है. दो दिनों में पूरी कर ली जाएगी. पुलिस के साथ सिविल डिफेंस के जवान तैनात रहेंगे, नदी में बोट पर सिविल डिफेंस के जवान गश्त करते रहेंगे. छठ ब्रतियों के साथ यहां आनेवाले श्रद्धालुओं के लिए सुराक्ष और सुविधा की व्यवस्था यहां रहेगी. प्रशासन के साथ स्थानीय छठ पूजा कमेटी के सदस्य मिलकर सारे कार्य कर रहे हैं. नदी में पानी ज्यादा है, डीवीसी प्रबंधन को पानी कम छोड़ने के लिए कहा गया है, ताकि पानी थोड़ा कम हो जाये, जिससे पूजा करने वालों को सहूलियत होगी. मौके पर जिलाधिकारी के साथ आसनसोल सदर के महकमा शासक विश्वजीत भट्टाचार्य, सहायक पुलिस आयुक्त (हीरापुर) इप्सिता दत्ता, आसनसोल नगर निगम के मेयर परिषद सदस्य गुरुदास चटर्जी, स्थानीय बोरो चेयरमैन सिबानंद बाउरी व अन्य अधिकारी तथा जनप्रतिनिधि उपस्थित थे.
छठ पूजा के चार दिनों का कार्यक्रम
पहला दिन
नहाय-खाय का होता है. इस दिन छठव्रती पवित्र करके दोपहर को लौकी भात का सात्विक भोजन करते हैं.दूसरा दिन
खरना का होता है. व्रती पूरा दिन निर्जला उपवास रखते हैं और शाम को गुड़ व चावल से बनी खीर (रसियाव) व रोटी का प्रसाद ग्रहण करते हैं.तीसरा दिन
संध्या अर्घ्य का होता है. रसियाव रोटी का प्रसाद ग्रहण कर जो उपवास शुरू होता है, वह जारी रखते हुए डूबते सूरज को पहला अर्घ्य दिया जाता है.चौथा दिन
उषा अर्घ्य का होता है. अंतिम दिन प्रातःकाल उगते सूर्य को अर्घ्य दिया जाता है और व्रत का पारण होता है. फिर व्रती जल एवं अन्न ग्रहण करते हैं.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

