श्रमिकों के आंदोलन से उत्पादन हुआ ठप
जामुड़िया. इसीएल के केंदा एरिया अंतर्गत न्यू केंदा कोलियरी के श्रमिकों ने रविवार को साप्ताहिक अवकाश ‘संडे’ की सुविधा सभी कर्मियों को समान रूप से देने की मांग को लेकर विरोध प्रदर्शन किया. केकेएससी के बैनर तले शुरू हुए इस शांतिपूर्ण आंदोलन के तहत श्रमिकों ने हाजिरी नहीं बनायी, जिसके कारण न्यू केंदा कोलियरी के साथ केंदा एरिया की सभी कोलियरियों और ओसीपी में उत्पादन पूरी तरह ठप हो गया. प्रभावित इकाइयों में न्यू केंदा ओसीपी, लोअर केंदा कोलियरी, छोरा 7/9 पीट, छोरा 10 पीट, छोरा ब्लॉक इंकलाइन, शंकरपुर ओसीपी और सीएल जामबाद ओसीपी शामिल हैं. उत्पादन रुकने से इसीएल को करोड़ों रुपये का नुकसान होने का अनुमान है.प्रबंधन पर भेदभाव का आरोप और बढ़ता आक्रोश
प्रदर्शन का नेतृत्व कर रहे केकेएससी शाखा कमेटी सचिव देवाशीष चटर्जी ने कहा कि केंदा एरिया का 70 प्रतिशत से अधिक उत्पादन न्यू केंदा ग्रुप ऑफ माइंस से आता है, फिर भी इसी कोलियरी के श्रमिकों को संडे की सुविधा से वंचित किया जा रहा है. न्यू केंदा कोलियरी के कुल 141 श्रमिकों में पहले 120 श्रमिकों को साप्ताहिक अवकाश मिलता था, लेकिन हाल ही में इसीएल प्रबंधन द्वारा यह संख्या घटाकर 100 कर दी गयी. नये आदेश के बाद श्रमिकों में भारी असंतोष फैल गया है.समाधान के प्रयास नाकाम, आंदोलन जारी रहने का संकेत
देवाशीष चटर्जी ने स्पष्ट किया कि सप्ताह के सभी छह दिन काम होगा, लेकिन जब तक सभी 141 श्रमिकों को भुगतान सहित साप्ताहिक अवकाश नहीं दिया जायेगा, तब तक रविवार को हाजिरी नहीं बनायी जायेगी. आंदोलन को शांत कराने पहुंचे न्यू केंदा कोलियरी मैनेजर संजय मंडल, पर्सनल मैनेजर गुरुचरण निखंडिया और एडिशनल पर्सनल मैनेजर रामप्रकाश मुर्मू भी श्रमिकों की एकजुटता के आगे बेबस लौट गये. श्रमिकों ने साफ कहा है कि मांगों पर सकारात्मक निर्णय होने तक आंदोलन जारी रहेगा.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

