रानीगंज.
आसनसोल के सांसद शत्रुघ्न सिन्हा की ओर से रानीगंज के प्रसिद्ध बरदही छठघाट के पुनरुद्धार व निर्माण के लिए सांसद निधि से तीन करोड़ 76 लाख रुपये की बड़ी राशि आवंटित कर रखी है, फिर भी इस अहम छठघाट का पुनरुद्धार आज तक अटका पड़ा है. छठ महापर्व से पहले घाट का निर्माण कार्य शुरू नहीं हो पाया है. इसके चलते क्षेत्र के हिंदीभाषी छठव्रतियों में निराशा व चिंता का माहौल है, क्योंकि बरदही घाट पर सर्वाधिक भीड़ उमड़ती है.बरदही घाट पर गतिरोध का सबब
बरदही छठ घाट पर निर्माण शुरू न होने का मुख्य कारण कथित तौर पर स्थानीय स्तर पर भूमि विवाद है. रानीगंज बोरो चेयरमैन मुज्जमिल शहजादा ने बताया कि कुछ स्थानीय लोगों का आरोप है कि तालाब के अंदर उनकी कुछ ज़मीन शामिल है. इन आरोपों के निपटारे के लिए नगर निगम के सर्वेयर की ओर से तालाब की दो बार पैमाइश हो चुकी है. उन्होंने आश्वासन दिया कि अंतिम बार पैमाइश पूरी होते ही वहां निर्माणाधीन अधूरे ड्रेन का काम और सांसद-निधि से आवंटित राशि से घाट का निर्माण कार्य तुरंत आरंभ कर दिया जायेगा.वहीं, इस वार्ड के पार्षद दिव्येंदु भगत ने अपनी ओर से सफाई देते हुए कहा, “नगर निगम ने मुझसे अनापत्ति-पत्र (एनओसी) मांगा था, जिसे मैंने कई माह पहले ही दे दिया था. इसके बावजूद छठघाट का निर्माण क्यों नहीं हो पा रहा है, इसकी जानकारी मुझे नहीं है. छठव्रतियों को चिंता है कि पक्का घाट नहीं होने से उन्हें कच्ची मिट्टी पर छठ की सामग्री रखने और अनुष्ठान करने में फिसलन और असुविधा का डर बना रहता है. चेयरमैन शहजादा ने कहा है कि बरदही घाट पर साफ-सफाई का कार्य तेज़ी से चल रहा है और कल तक पूरा कर लिया जाएगा.
जामुड़िया मिश्री बांध पर भी निर्माण ठप
केवल बरदही घाट ही नहीं, बल्कि जामुड़िया के वार्ड नंबर 10 स्थित मिश्री बांध तालाब पर भी छठ घाट निर्माण के लिए सांसद शत्रुघ्न सिन्हा की ओर से आवंटित 10 लाख रुपये से भी इस बार भी घाट नहीं बन पाया. स्थानीय लोगों में इसे लेकर काफी रोष है.इस संबंध में स्थानीय पार्षद उषा पासवान के पति भोला पासवान ने बताया कि छठघाट निर्माण का ठेका जिस ठेकेदार और जिस नगर निगम इंजीनियर को दिया गया था, उनकी उदासीनता के कारण यह घाट निर्माण नहीं हो पाया. उन्होंने कहा कि अंतिम समय में छठ घाट के किनारे-किनारे पक्कीकरण का कार्य किया जा रहा है ताकि व्रत करने वालों को थोड़ी राहत मिल सके. मिश्री बांध में 10,000 से अधिक लोगों का आगमन होता है. भोला पासवान ने उम्मीद जताई कि अगले वर्ष छठव्रती नए पक्के घाट पर पूजा कर पायेंगे.
मालूम रहे कि रानीगंज में लगभग 35 तालाबों में छठपूजा की जाती है और निगम सभी तालाबों में साफ-सफाई का कार्य तेजी से करा रहा है. हालांकि, बरदही जैसे अहम घाटों के दुरुस्त नहीं होने से छठव्रती इस उदासीनता के लिए निगम प्रशासन पर सवाल उठा रहे हैं.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

