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सिदो कान्हो बिरसा डहर सरणी के नामकरण पर विवाद

रविवार को आयोजित इस नामकरण समारोह को लेकर एक नया विवाद खड़ा हो गया है.

आदिवासी संगठन ने लगाया अपमान करने का आरोप, आयोजक ने किया खंडन

रानीगंज. रानीगंज इलाके में हाल ही में “सिदो कान्हो बिरसा डहर स्मरणी ” नामक एक सड़क का नामकरण किया गया है, जो बादाम बागान से रानी सायेर तक जाती है. यह सड़क स्वतंत्रता संग्राम के महान आदिवासी शहीदों सिदो-कान्हो और बिरसा मुंडा के सम्मान में नामित की गयी है. हालांकि, रविवार को आयोजित इस नामकरण समारोह को लेकर एक नया विवाद खड़ा हो गया है.

आदिवासी संगठन ने लगाया बहिष्कार और अपमान का आरोप

स्थानीय आदिवासी समुदाय के एक संगठन, “इरल डी मांझी मापाजि आतो बौईसी ” ने आरोप लगाया है कि नामकरण समारोह में उन्हें न केवल आमंत्रित नहीं किया गया, बल्कि मंच से उनके संगठन के नाम का उल्लेख करते हुए अपमानजनक और अनावश्यक टिप्पणियां भी की गयीं. रविवार को संगठन ने रानीसायेर स्थित सिदो-कान्हू की प्रतिमा के सामने एक पत्रकार सम्मेलन आयोजित कर इस घटनाक्रम पर कड़ी नाराजगी व्यक्त की. इस दौरान, उन्होंने अपने संगठन का आधिकारिक लोगो भी जारी किया. संगठन के प्रमुख प्रतिनिधि बाबलू हांसदा और अन्य सदस्यों ने आरोप लगाया कि “ऑल इंडिया आदिवासी कोऑर्डिनेशन कमिटी ” द्वारा आयोजित इस कार्यक्रम में उनके संगठन को “कलुषित ” करने की कोशिश की गयी. इरल डी मांझी मापाजि आतो बोईसी संगठन का दावा है कि वे इस क्षेत्र के 22 जनजातीय समूहों का प्रतिनिधित्व करते हैं और उनका गठन इन सभी की सहभागिता से हुआ है. उनका कहना है कि जब उनके इलाके में आदिवासी शहीदों के नाम पर सड़क बनायी जा रही थी, तो उनके प्रतिनिधियों को न्योता न देना और फिर मंच से उनकी आलोचना करना बेहद दुर्भाग्यपूर्ण और अस्वीकार्य है.

आयोजन समिति ने आरोपों को बताया निराधार

दूसरी ओर, “ऑल इंडिया आदिवासी कोऑर्डिनेशन कमिटी ” के अध्यक्ष जनार्दन कोड़ा ने इन सभी आरोपों को सिरे से खारिज किया है. उन्होंने इन आरोपों को “पूरी तरह से झूठे और निराधार ” बताया है. कोड़ा के अनुसार, कार्यक्रम में सभी संबंधित संगठनों को आमंत्रित किया गया था. उन्होंने सवाल उठाया कि अगर सभी को बुलाया गया था, तो अब इस प्रकार के आरोप क्यों लगाए जा रहे हैं? फिलहाल, इस घटना को लेकर आदिवासी समाज में व्यापक चर्चा का माहौल है. एक तरफ आदिवासी संगठन अपने अपमान के खिलाफ आवाज उठा रहे हैं, वहीं आयोजन समिति अपने ऊपर लगे आरोपों को गलत ठहरा रही है. अब देखना होगा कि यह विवाद किस दिशा में आगे बढ़ता है.

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