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नहीं मिली है नवंबर माह की पेंशन इंतजार में दिन गिन रहे हैं पेंशनर्स

फंड के अभाव में आसनसोल नगर निगम के पेंशनभोगियों का पेंशन को लेकर अनियमितता बरकरार है. अक्तूबर की पेंशन दिसंबर माह के पहले सप्ताह में मिली, लेकिन नवंबर माह का पेंशन अबतक नहीं मिली है.

आसनसोल.

फंड के अभाव में आसनसोल नगर निगम के पेंशनभोगियों का पेंशन को लेकर अनियमितता बरकरार है. अक्तूबर की पेंशन दिसंबर माह के पहले सप्ताह में मिली, लेकिन नवंबर माह का पेंशन अबतक नहीं मिली है. प्रतिमाह एक तारीख को पेंशन की राशि मिल जाती थी, जो पिछले चार पांच माह से अनियमित हुई और पहली बार ऐसा हुआ कि नवंबर माह से पेंशन नहीं मिली. इसे लेकर नगर निगम में वित्त अधिकारी के कार्यालय के दीवार पर कुछ दिनों पहले एक नोटिस लगाया गया था कि डायरेक्टरेट ऑफ लोकल बॉडी (डीएलबी) से फंड मिलने के बाद पेंशन आवंटित की जायेगी. क्लेम न मिलने का कारण और इसकी मौजूदा स्थिति जानने के लिए इस्टैब्लिशमेंट सेक्शन के मोहनतो पाल से संपर्क करें, जिसे बाद में यह हटा दिया गया. जिसके कारण पेंशनभोगियों में डर का माहौल है. नवंबर माह के पेंशन को लेकर पूर्व कर्मचारी नियमित आकर कार्यालय के चक्कर लगा रहे हैं. नगर निगम चेयरमैन अमरनाथ चटर्जी ने बताया कि जीएसटी भुगतान में तकनीकी कुछ समस्या के कारण फंड प्राप्त करने में देरी हुई है. समस्या का समाधान हो गया है. नवंबर माह का पेंशन दो-तीन दिनों के अंदर मिल जायेगी और जनवरी माह से स्थिति सामान्य हो जायेगी. नगर निगम में वित्त विभाग के पूर्व कर्मचारी व पेंशनर ने बताया कि पेंशन की 60 फीसदी राशि निगम और 40 फीसदी राशि म्युनिसिपल अफेयर्स विभाग देता है. यह हमारे हक का पैसा है. जीपीएफ में हमारी जो राशि जमा होती है, वही हमें पेंशन के रूप में मिलती है.

गौरतलब है कि नगर निगम में करीब 1600 पेंशनभोगी हैं. जिसमें से अधिकतर ग्रुप डी के कर्मचारी हैं. फंड के अभाव में अभी तक नवंबर माह का पेंशन इन्हें नहीं मिला है. जिससे इन लोगों की हालत काफी खराब है. एक पेंशनभोगी ने बताया कि इस उम्र में रोटी से ज्यादा दवा पर खर्च हो जाता है. पेंशन पर ही पूरा परिवार निर्भर है. नगर निगम के कर्मचारियों को पेंशन के रूप में अंतिम माह के वेतन के बेसिक की आधी राशि के साथ डीए की राशि जोड़कर प्रतिमाह पैसा मिलता है. निगम में वित्त विभाग के पूर्व अधिकारी ने बताया कि प्रॉविडेंड फंड (पीएफ) में कर्मचारी का जितना पैसा कटता है नियोक्ता को भी उतना ही पैसा देना होता है. दोनों पैसा मिलकर जमा होता है और उसपर ब्याज मिलता रहता है. अवकाश ग्रहण में बाद ब्याज के साथ पूरा पैसा मिलता है. जो एक मोटी रकम होती है. नगर निगम के कर्मचारियों का जनरल प्रॉविडेंड फंड है. यहां नियोक्ता का अंशदान ही पेंशन के रूप में अवकाश ग्रहण के बाद प्रतिमाह मिलता है. कर्मचारियों का पैसा सरकार अपने पास रखकर उसके ब्याज से पेंशन देती है, पेंशन का पैसा कर्मचारी की हक की राशि है, इसे फंड के अभाव में रोकना जायज नहीं है. हर माह एक से दो तारीख के अंदर पेंशन की राशि खाते में आ जाती थी. पिछले चार पांच माह से पांच-छह तारीख के तक राशि आ जाती थी. नवंबर माह में पेंशन की राशि नहीं आयी है. अक्तूबर माह का पेंशन दिसंबर के पहले सप्ताह में मिला है. दिसंबर माह के पेंशन का क्या होगा? कोई नहीं जानता है. हालांकि चेयरमैन के अनुसार जनवरी माह से स्थिति सामान्य हो जायेगी.

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