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फेसबुक पर लाइफ सर्टिफिकेट अपडेट के चक्कर में पड़ कर गंवाये 26.87 लाख रुपये

पेंशनभोगी व्यक्ति अभी साइबर अपराधियों के सॉफ्ट टारगेट में हैं. बैंक के जाकर लाइफ सर्टिफिकेट जमा देने के झमेले से मुक्ति पाने का झांसा देकर साइबर अपराधी लोगों को लूट रहे हैं.

आसनसोल.

पेंशनभोगी व्यक्ति अभी साइबर अपराधियों के सॉफ्ट टारगेट में हैं. बैंक के जाकर लाइफ सर्टिफिकेट जमा देने के झमेले से मुक्ति पाने का झांसा देकर साइबर अपराधी लोगों को लूट रहे हैं. इस झांसे में अनेकों लोग शिकार हुए हैं, जिसकी शिकायत पुलिस थानों में दर्ज करायी गयी है. सबसे ताजा मामला मंगलवार को अंडाल थाना में दर्ज हुआ. अंडाल थाना क्षेत्र के साउथ बाजार, गोडाऊन रोड इलाके के निवासी 74 वर्षीय आलोक कुमार नंदी ने फेसबुक पर ऑनलाइन लाइफ सर्टिफिकेट अपडेट करने का नोटिफिकेशन देखा और उसके दिशानिर्देशों का पालन करने के उपरांत 26.85 लाख रुपये गंवा दिया. जिसकी शिकायत उन्होंने अंडाल थाने में दर्ज करायी.

जिसके आधार पर कांड संख्या 298/25 में बीएनएस की धारा 318(4)/316(2) के तहत प्राथमिकी दर्ज हुई. पुलिस मामले की जांच में जुटी है. श्री नंदी ने अपनी शिकायत में बताया कि छह नवम्बर 2025 की शाम पौने सात बजे उन्होंने अपने मोबाइल में फेसबुक पर लाइफ सर्टिफिकेट अपडेट का एक नोटिफिकेशन देखा. जिसमें कहा गया कि पेंशन के लिए बैंक में जाकर सर्टिफिकेट जमा करने की कोई जरूरत नहीं है, ऑनलाइल यह हो जायेगा. जिसके बाद श्री नंदी साइबर अपराधियों के चंगुल में फंसे और बैंक से जुड़ा अपना सारा डिटेल्स उनलोगों को दे दिया. ठीक इसके दूसरे दिन ही बिना उनके जानकारी के दो बैंक खतों से 26.85 लाख रुपये निकल गया.

जागरूकता से ही साइबर क्राइम पर लगेगा अंकुश : डीसीपी

पुलिस उपायुक्त (मुख्यालय) डॉ अरविंद आनंद ने बताया कि लाइफ सर्टिफिकेट अपडेट करने के नाम पर साइबर अपराधी पेंशनभोगी लोगों को अपना निशाना बना रहे हैं. लाइफ सर्टिफिकेट जमा करने के लिए बैंक में जाने के झमेले से मुक्ति दिलाने के नाम पर साइबर अपराधी ऑनलाइन फॉर्म भरवाने के लिए सारा डिटेल्स लेते हैं, उसके बाद वे अपने काम को अंजाम देकर निकल जाते हैं. पीड़ित की जिंदगी भर की कमायी एक झटके में चली जाती है. हाल के दिनों में इसप्रकार के अनेकों मामले सामने आया है. पुलिस जांच कर रही है. इससे बचने का सबसे आसान तरीका जागरूक होना है. जागरूक बनने से ही यह अपराध समाप्त हो जायेगा. जिसे लेकर पुलिस, वित्तीय संस्थान और गैर सरकारी संस्थाएं भी लगातार जागरूकता फैला रही है.

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