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प्रभात खबर ने मंगलवार को दुर्गापुर महकमा के विभिन्न स्कूलों के 325 मेधावी

विद्यार्थियों को सम्मानित किया. मौका था प्रतिभा सम्मान समारोह का. दुर्गापुर सिटी सेंटर स्थित सृजनी प्रेक्षागृह में आयोजित इस सम्मान समारोह में सीबीएसइ 10वीं व 12वीं, आइसीएसइ की 10वीं व 12वीं तथा पश्चिम बंगाल माध्यमिक परीक्षा बोर्ड से माध्यमिक व उच्च माध्यमिक (विज्ञान, कला व वाणिज्य) में स्कूल टॉपर रहे विद्यार्थियों को सम्मानित किया गया. […]

विद्यार्थियों को सम्मानित किया. मौका था प्रतिभा सम्मान समारोह का. दुर्गापुर सिटी सेंटर स्थित सृजनी प्रेक्षागृह में आयोजित इस सम्मान समारोह में सीबीएसइ 10वीं व 12वीं, आइसीएसइ की 10वीं व 12वीं तथा पश्चिम बंगाल माध्यमिक परीक्षा बोर्ड से माध्यमिक व उच्च माध्यमिक (विज्ञान, कला व वाणिज्य) में स्कूल टॉपर रहे विद्यार्थियों को सम्मानित किया गया.
बर्दवान के जिलाशासक डॉ सौमित्र मोहन, दुर्गापुर के मेयर अपूर्व मुखर्जी, आयकर विभाग के संयुक्त आयुक्त अजय कुमार केसरी, रियो ओलंपिक की भारतीय शूटिंग टीम के मैनेजर वीरेंद्र कुमार ढ़ल्ल, विंग कमांडर सह पानागढ़ फोर्स कैंप के प्रशासनिक अधिकारी व सियाचिन के प्रभारी पीएन सिंह, दुर्गापुर स्टील थर्मल पावर स्टेशन के वरीय अतिरिक्त निदेशक (एचआर) प्रमोद कुमार, दुर्गापुर के महकमाशासक शंख सातरा के हाथों सम्मान पाकर स्कूूली टॉप बच्चे काफी गौरवान्वित हुए.
सफलता के किसी भी सोपान पर पहुंचने के बाद भी अपनी मां, अपने पिता व गुरुजनों को हमेशा सम्मान दें. व्यक्तित्व को तराशने में इनकी महत्वपूर्ण भूमिका होती है. लगन, प्रतिबद्धता व सही मंजिल की तलाश सफलता के मूल मंत्र होते हैं.
सौमित्र मोहन, जिलाशासक
शिक्षा अर्जन के लिए लगातार प्रयत्न जारी रखे. सफलता के लिए कोई शॉर्टकट नहीं हो सकता है. राज्य सरकार शिक्षा के विकास की दिशा में महत्वपूर्ण तंत्र विकसित कर रही है. कोई भी ऐसा काम न करें, जिससे बाद में पछतावा हो. संयम व अनुशासन जरूरी है.
अपूर्व मुखर्जी, मेयर, दुर्गापुर
जीवन में सफलता हासिल करने के लिए स्कूली बच्चों को लगातार परिश्रम करना होगा. जीवन में पढ़ाई के लिए बहुत कम समय मिल पाता है. ज्ञानहीन मानव पशु के समान होता है. शहरों के साथ-साथ ग्रामीण इलाकों के बच्चों को भी उनके कैरियर विकास का पूरा-पूरा मौका मिलना चाहिए.
अजय केसरी, संयुक्त आयुक्त, आयकर
जीवन में सफलता के लिए लक्ष्य निर्धारण बहुत जरूरी है. लक्ष्य निर्धारित होने के बाद उनके अनुरूप कार्य करने की अनिवार्यता होती है. पूरी प्रतिबद्धता, अनुशासन, संयम, लगातार परिश्रम करने का लगन यदि एक साथ मिल जाये तो हर मंजिल आसान हो जाती है.
वीके ढल्ल, टीम मैनेजर, रियो ओिलंपिक भारतीय शूटिंग टीम
मां व पिता के सम्मान को प्राथमिकता मिलनी चाहिए. जिसने इनका सम्मान नहीं किया, उसका जीवन पशु समान होता है. इसके बाद जीवन में शिक्षकों का स्थान होता है. दुश्मन के प्रति भी सम्मान रखें, ताकि उसके दिल से आपके लिए सुखद विचार उपजे.
पीएन सिंह, विंग कमांडर, भारतीय वायुसेना
िशक्षण काल में इस तरह के सम्मान मिलने से छात्रों का मनोबल काफी बढ़ता है. वे अधिक ऊर्जा से भविष्य की तैयारियों में जुट जाते हैं. जिन्हें सम्मानित होने का मौका नहीं मिलता है, वे भी काफी प्रोत्साहित होते हैं. छात्रों को अपना कैरियर अपने पसंदीदा क्षेत्र ही चुनना चाहिए.
-प्रमोद कुमार, वरीय अतिरिक्त निदेशक, डीएसटीपीएस

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