दुर्गापुर : राष्ट्रीय विद्युत प्रशिक्षण प्रतिष्ठान (पूर्वी क्षेत्र) एवं नगर राजभाषा कार्यान्वयन समिति, दुर्गापुर के संयुक्त तत्वावधान मे ऊर्जा संकट और हमारा भविष्य विषयक राजभाषा पर आधारित तकनीकी संगोष्ठी का आयोजन एक अभिनव प्रयास है. इससे राजभाषा के तकनीकी क्षेत्र में कार्यान्वयन को प्रोत्साहन मिलेगा. ये बातें संगोष्ठी के उद्घाटन समारोह मे संस्थान प्रमुख आतिश बनर्जी ने कही. विशिष्ट अतिथि कमलेंदु मिश्र, हिन्दी अधिकारी एएसपी ने अपने सम्बोधन मे सेमिनार के आयोजन के महत्व को बताते हुए ऊर्जा संरक्षण पर बल दिया और कहा कि सभी के प्रयास से ही ऊर्जा संरक्षण के लक्ष्य को प्राप्त किया जा सकता है.
श्री एस के श्रीवास्तव उपनिदेशक (तकनीकी) ने ऊर्जा के विभिन्न स्रोतो तथा उत्पादन विधि यथा कोयला, लिग्नाइट व गैस आधारित थर्मल पावर, हाइड्रो, नाभिकीय, सौर, पवन इत्यादि पर चर्चा करते हुए उत्पादन एवं आपूर्ति सबंधित आंकड़ों को प्रस्तुत किया और वैकिल्पक ऊर्जा की जरूरतों को रेखांकित करते हुए कहा िक प्रदूषणमुक्त वैकिल्पक ऊर्जा से ही भारत विकसित राष्ट्र बनेगा. उन्होंने भारत सरकार द्वारा ऊर्जा के क्षेत्र में भावी संभावनाओं व योजनाओं पर चर्चा करते हुए कहा िक सरकार ने वर्ष 2022 तक 100 गीगावाट सौर ऊर्जा का संयंत्र स्थापित करने का लक्ष्य रखा है.
संगोष्ठी के दौरान उपनिदेशक(तकनीकी) दीपक पंडित ने कोयला और नाभिकीय क्षेत्र में ऊर्जा संरक्षण की आवश्यकता व उपाय के विभिन्न पहलुओं पर चर्चा की. सहायक निदेशक ए इिन्दरा ने पेट्रोलियम एवं गैस तथा सहायक निदेशक संजय कुमार ने जल संचयन और संरक्षण पर व्याख्यान िदये. संगोष्ठी में विभिन्न नराकास सदस्य संस्थानों से आए प्रतिभागियों ने कार्यक्रम की सराहना की. कार्यक्रम में नरकास के लगभग 100 प्रतिनिधियों ने भाग लिया.