Advertisement
पार्टी पर हमले को ले आपत्तिजनक टिप्पणी
टकराव. आसनसोल नगर निगम बोर्ड की बैठक में भाजपा-तृणमूल पार्षद भिड़े आसनसोल : आसनसोल नगर निगम बोर्ड की बैठक में गुरुवार को भाजपा पार्षद सीके रेश्मा रामाकृष्णन द्वारा पार्टी कार्यालय में तोड़फोड़ व आगजनी का आरोप सत्ताशीन तृणमूल के ऊपर लगाये जाने के मुद्दे पर भारी हंगामा हुआ. तृणमूल पार्षदों का कहना था कि उन्होंने […]
टकराव. आसनसोल नगर निगम बोर्ड की बैठक में भाजपा-तृणमूल पार्षद भिड़े
आसनसोल : आसनसोल नगर निगम बोर्ड की बैठक में गुरुवार को भाजपा पार्षद सीके रेश्मा रामाकृष्णन द्वारा पार्टी कार्यालय में तोड़फोड़ व आगजनी का आरोप सत्ताशीन तृणमूल के ऊपर लगाये जाने के मुद्दे पर भारी हंगामा हुआ. तृणमूल पार्षदों का कहना था कि उन्होंने आपत्तिजनक शब्दों का उपयोग किया है. उन्हें अपने शब्द वापस लेने होंगे. बाद में मेयर जितेन्द्र तिवारी ने दोनों पक्षों के प्रतिनिधियों को शालीन भाषा के उपयोग की सलाह दी.
बैठक में भाजपा पार्षद सुश्री रेश्मा ने अपने पार्टी कार्यालय को तोड़े जाने वालों के संदर्भ में तृणमूल के गुंडे कहे जाने पर सदन में भारी हंगामा हो गया. बैठक में शामिल तृणमूल पार्षदों विवेक बनर्जी, गुरूदास चटर्जी , शिखा घटक, श्रवण साव, उमा सर्राफ, आदि ने गुंडे के साथ तृणमूल का नाम जोड़ने को लेकर कड़ी आपत्ति जताते हुए उनहें बीच में ही अपनी बात रखने से रोका और अपने शब्द वापस लेने को कहा.इसके बाद मेयर जितेंद्र तिवारी के हस्तक्षेप के बाद मामला शांत हुआ.
भाजपा पार्षद सुश्री रेश्मा ने बताया कि 19 मई को विधानसभा चुनावों के नतीजों की घोषणा के बाद उनके वार्ड के पार्टी कार्यालय को ही निशाना बनाया गया. कार्यालय में रखे कागजात और जरूरी दस्तावेज नष्ट कर दिये गये. उन्होंने बताया कि यह काम तृणमूल के ‘गुंडों’ द्वारा किया गया है. इस पर सदन में उपस्थित तृणमूल पार्षद भड़क गये. सभी तृणमूल पार्षद एक सुर में सुश्री रेश्मा को माफी मांगने और अपने शब्द वापस लेने को कहा.
माफी न मांगने तक सदन की कार्यवाही रोक दी और तीव्र विरोध किया. पार्षद सुश्री रेश्मा ने कहा कि बैठक में उन्हें अपनी बात रखने का गणतांत्रिक अधिकार है. उन्हें पूरी बात रखने दी जाये. उनके समर्थन में भाजपा पार्षद भृगु ठाकुर, आशा शर्मा, राजा चक्रवर्ती उठ गये. पूरे सदन में हंगामा चलता रहा.
चेयरमैन अमरनाथ चटर्जी ने पूछा कि क्या चांदमारी स्थित भाजपा कार्यालय का निर्माण नगर निगम से अनुमति लेकर किया गया था. सुश्री रेश्मा ने बताया कि उन्होंने नियमानुसार 2500 रुपये किराया देकर पार्टी कार्यालय भाड़े पर लिया है. जमीन दखल कर अवैध कब्जा नहीं किया है. चेयरमैन ने उन्हें रोकते हुए कहा कि उनके पार्टी कार्यालय में क्या हुआ, यह बोर्ड की बैठक में चर्चा का विषय नहीं है. बोर्ड की बैठक में वार्ड में उन्नयन के एजेंडा को छोड़ कर दूसरे अनर्गल मुददों पर चर्चा कर वे 106 पार्षदों का समय नष्ट कर रही हैं.
सुश्री रेश्मा ने बताया कि उनके कार्यालय में जो कागजात नष्ट किये गये, वे उनके वार्ड के हजारों नागरिकों के विधवा पेंशन, वृद्धा पेंशन, हाउस फार आल, बेरोजगारी योजना से संबंधित थे यह मुददा नगर निगम के बोर्ड की बैठक से अलग कैसे हो सकता है?. वह जनता का कार्यालय था. उनके इलाके के लोगों के घरों के पेय जल के पाइप लाइन तोड़े गये हैं. कई युवक घरों से भागने को विवश किये गये.
विवाद शांत न होता देख अंत में मेयर श्री तिवारी ने हस्तक्षेप करते हुए कहा कि बोर्ड की बैठक में सबको साथ लेकर चलने को कहते हैं. उन्होंने सभी पार्षदों को बैठक में कुछ भी अनुशासित होकर बोलने और अपनी वाणी पर नियंत्रण रखने को कहा. उन्होंने पार्षद रेश्मा को जनता के कार्यो से संबंधित कागजात जलाये जाने को लेकर थाने में एफआइआर करने और पूरे मामले को बोरो चेयरमैन गुलाम सरवर को देखने का आदेश दिया.
उन्होंने सुश्री रेश्मा को भी अपने शब्दों में नियंत्रण रखने की हिदायत दी. मेयर ने कहा कि उनके साथ जो हुआ वह गलत है. सीएम और मंत्री मलय घटक ने भी राज्य में बदले की नहीं बदलाव की राजनीति करने को कहा है. ममता बनर्जी भी इस तरह के कार्यो का सख्त विरोधी हैं.
उन्होंने कहा कि सभी पार्षद अपनी अपनी समस्या और मत रख रहे हैं. इलाके में समस्या का कारण वे हैं. पार्षदों के पास विकल्प है. छह महीने बाद अनास्था प्रस्ताव लाकर मेयर को हटाया जा सकता है. जब भी एक तिहाई पार्षद उनके खिलाफ अनास्था प्रस्ताव लायेंगे, वे मेयर के पद से इस्तीफा दे देंगे. इसके बाद हंगामा शांत हुआ.
Prabhat Khabar App :
देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए
Advertisement