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महिलाओं का विरोध जुलूस

बिहार के बाद कोयलांचल के विभिन्न इलाकों में अवैध शराब बिक्री के खिलाफ महिलाओं का प्रतिवाद मुखर होने लगा है. उन्होंने जुलूस निकालना और तोड़फोड़ करना शुरू किया है. शनिवार को मिठानी कोलियरी के बाउरीपाड़ा की महिलाओं ने प्रतिवाद किया. पुलिस की टीम साथ-साथ रही. विभिन्न राजनीतिक दलों की दिखावे के विरोध के विकल्प में […]

बिहार के बाद कोयलांचल के विभिन्न इलाकों में अवैध शराब बिक्री के खिलाफ महिलाओं का प्रतिवाद मुखर होने लगा है. उन्होंने जुलूस निकालना और तोड़फोड़ करना शुरू किया है. शनिवार को मिठानी कोलियरी के बाउरीपाड़ा की महिलाओं ने प्रतिवाद किया. पुलिस की टीम साथ-साथ रही. विभिन्न राजनीतिक दलों की दिखावे के विरोध के विकल्प में यह गंभीरता से उभर रहा है.

सीतारामपुर : अवैध शराब की बिक्री, इससे युवा पीढ़ी व श्रमिकों की बर्बादी तथा असाध्य बीमारियों की परेशानी ङोल रहे समाज के पिछड़े तबकों की महिलाओं ने इसके खिलाफ मोर्चाबंदी शुरू कर दी है.

शनिवार को मिठानी कोलियरी बाउरी पाड़ा की महिलाओं ने हाथों में तख्तियां लेकर पूरे इलाके में जुलूस निकाला. वे अवैध शराब बिक्री पर रोक लगाने की मांग कर रही थी. बिडम्बना यह कि जिनका दायित्व इस बिक्री पर रोक लगाना है, उनकी टीम इस जुलूस के साथ-साथ भ्रमण कर रही थी. मानो कोई झांकी निकली हो.

मिठानी कोलियरी बाउरी पाड़ा की महिलाओं ने इलाके में शराब बंदी की मांग को लेकर पाड़ा से निकलकर पूरे इलाके में भ्रमण किया. जुलूस के साथ साथ नियामतपुर पुलिस की पेट्रोलिंग गाड़ी भी साथ साथ रही. जुलूस मिठानी कोलियरी, लोडिंग चौड़ा, रानीसायर होते हुए मिठानी हाइ स्कूल प्रांगण में आकर समाप्त हुआ. इसका नेतृत्व चंपा बाउरी, हेमा बाउरी, उमा बाउरी, पर्मिला बाउरी, प्रतिमा बाउरी आदि ने किया.

इन महिलाओं ने कहा कि कोलियरी सहित सभी इलाकों में सैक ड़ों की संख्या में शराब की अवैध दुकानें हैं.

इसके साथ ही अधिसंख्य गुमटियों व दुकानों में भी इसकी बिक्री होती है. शराब दुकानों के कारण हजारों परिवार के सदस्य बरबाद हो रहे है. खास कर युवा पीढ़ी तो पूरी तरह से बरबाद हो रही है. असंगठित क्षेत्र व दिहाड़ी का कार्य करनेवाले युवक कार्य करने के बाद सीधे इन दुकानों पर पहुंचते हैं् तथा शराब पीने के बाद घर में घुसते हैं. इसके कारण घर में अशांति, कलह और दरिद्रता बनी रहती है. इस बात से सभी अवगत है. कई बार इसकी शिकायत स्थानीय पुलिस से की गयी. लेकिन पुलिस के ही संरक्षण में इन दुकानों का अस्तित्व टिका है. इस कारण पुलिस कभी कार्रवाई नहीं करती है.

काफी दबाब पड़ने पर दिखावे के लिये छापेमारी की जाती है. कुछ ही देर में स्थिति पूर्ववत हो जाती है. उन्होंने कहा कि स्थानीय पुलिस को नये सिरे से ज्ञापन सौंपा गया है.

उन्होंने कहा कि शिल्पांचल में विभिन्न इलाकों में इस मांग के समर्थन में महिलाएं संघर्षरत हैं. लेकिन पुलिस का संरक्षण होने के कारण बिक्रेता विरोध कर रही महिलाओं पर हमला करा रहे हैं.

उन्होंने कहा कि पुलिस टीम उनके जुलूस के साथ न चल कर दर्जनों दुकानों को बंद कराती तो ज्यादा सार्थक होता. समाज के पिछड़े तबके से जुड़ी महिलाओं के इस आंदोलन को पुलिस के स्तर से प्रोत्साहित करने के बजाय हतोत्साहित किया जा रहा है. हालांकि पुलिस अधिकारियों का कहना है कि श्किायत मिलने पर छापेमारी की जाती है. लेकिन यह महामारी की तरह फैली है. इसे रोकने के लिए जन सहयोग व जागरूकता जरूरी है. महिलाओं को जागरूक किया जा रहा है.

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