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30 सीटों में से 26 पर दाखिला

मिली मंजिल. माइकल मधुसूधन मेमेरियल कॉलेज में हिंदी ऑनर्स में किया गया नामांकन दुर्गापुर में बड़ी संख्या में हिंदीभाषियों की आबादी तथा तीन कॉलेज होने के बाद भी हिंदी में ऑनर्स की पढ़ाई नहीं हो पाती थी. हिंदी माध्यम शिक्षा प्रेमियों की लंबी लड़ाई के बाद काजी नजरूल विश्वविद्यालय व कॉलेज प्रबंध कमेटी की पहल […]

मिली मंजिल. माइकल मधुसूधन मेमेरियल कॉलेज में हिंदी ऑनर्स में किया गया नामांकन
दुर्गापुर में बड़ी संख्या में हिंदीभाषियों की आबादी तथा तीन कॉलेज होने के बाद भी हिंदी में ऑनर्स की पढ़ाई नहीं हो पाती थी. हिंदी माध्यम शिक्षा प्रेमियों की लंबी लड़ाई के बाद काजी नजरूल विश्वविद्यालय व कॉलेज प्रबंध कमेटी की पहल पर आखिरकार इस सत्र से हिंदी ऑनर्स की पढ़ाई शुरू हो गयी. गुरुवार को पहले ही दिन 30 सीटों में से 26 पर नामांकन हो गया. सिर्फ आरक्षित कोटे की चार सीटें बच गयी है.
दुर्गापुर : दुर्गापुर शहर के उन हिंदी माध्यम के स्टूडेंट्सों के लिए बड़ी उपलब्धि के रुप में इस शिक्षण सत्र से माइक ल मधुसूधन मेमोरियल कॉलेज में हिंदी ऑनर्स की पढ़ाई शुरू होने का निर्णय आया है
कॉलेज के प्राचार्य डॉ गुलाम मोहम्मद हेलाउद्दीन ने कहा कि प्रथम वर्ष होने के कारण ऑनर्स में तीस सीटों पर नामांकन करने का निर्णय लिया गया है. इनमें से 26 छात्रों ने गुरुवार को नामांकन ले लिया. कॉलेज की शिक्षिका मीना कुमारी ने कहा कि यह शहर के उन छात्रों के लिए बड़ा उपहार है, जिन्हें हिंदी ऑनर्स की पढ़ाई के लिए शहर से बाहर कोयलांचल या मानकर के कॉलेज में जाना पड़ता था.
प्राचार्य डॉ हेलाद्दीन ने कहा कि कॉलेज में इस वर्ष से हिंदी ऑनर्स में नामांकन किया जा रहा है.यह हिंदी माध्यम छात्रों के लिए बड़ी खुशी है. उन्होंने कहा कि आनेवाले समय में ऑनर्स की सीटों में बढ़ोत्तरी की जायेगी. उन्होंने हिंदी विभाग में नामांकन करानेवाले छात्रों के बेहतर भविष्य की कामना की. कॉलेज सूत्रों ने बताया कि हिंदी ऑनर्स में दाखिले के लिये कॉलेज की ओर से सात जून से काउंसलिंग शुरू की गयी है. हिंदी ऑनर्स विभाग में कुल 30 सीटें है. जिनमें सामान्य के लिये 15, ओबीसी ‘ए’ के लिये तीन, ओबीसी ‘बी’ के लिये दो, अनुसूचित जाति के लिये सात,अनुसूचित जन जाति के लिये दो तथा शारीरिक विकलांग के लिये एक सीट आवंटित है.
काउंसलिंग के बाद गुरुवार को इन कोटे के आधार पर छात्रों का नामांकन किया गया. सामान्य श्रेणी में सभी 15सीटों में से 15, ओबीसी ‘ए’ की तीन सीटों में से दो, ओबीसी ‘बी’ कोटे की दो सीटों में से दो, अनुसूचित जाति के कोटे की सात सीटों में से पांच तथा अनुसूचित जन जाति के कोटे में से दो सीटों में से दो सीटों पर विद्यार्थियों ने दाखिला ले लिया है. अब नामांकन के लिए चार सीटें शेष बच गयी हैं. इनमें ओबीसी ‘ए’ कोटे की एक सीट, अनुसूचित जाति कोटे की दो सीट तथा दिव्यांग कोटे की एक सीट बाकी है. शीघ्र ही इन सीटों पर भी नामांकन कर लिया जायेगा.
शिक्षिका सुश्री कुमारी ने कहा कि इस कॉलेज में वर्ष 2008 में हिंदी में पासकोर्स की पढ़ाई शुरू हुयी थी. इसके आठ साल बाद ऑनर्स की पढ़ाई शुरू हो सकी है. उन्होंने कहा कि दुर्गापुर शहर में बड़ी संख्या में हिंदी माध्यम के छात्र निवास करते हैं. लेकिन तीन कॉलेजों के बावजूद किसी भी कॉलेज में हिंदी ऑनर्स की पढ़ाई नहीं होती थी. इच्छुक स्टूडेंट्सों को मानकर, खांद्रा, रानीगंज या आसनसोल जाना पड़ता था. इस कॉलेज में बेहतर संसाधन व शैक्षणिक माहौल होने के कारण वर्ष 2011 से ही इस कॉलेज में ऑनर्स की पढ़ाई शुरू करने की मांग शुरू की गयी.
विभिन्न मोचरे से समर्थन किया गया. काजी नजरूल विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ साधन कुमार चक्रवर्ती से शिष्टमंडल मिला और छात्रों की परेशानियों को देखते हुए इस दिशा में पहल की मांग की. डॉ चक्रवर्ती की पहल तथा कॉलेज के प्राचार्य डॉ हेलाउद्दीन के सहयोग के बाद इस सत्र से यह उपहार मिला है. इससे इस इस्पातनगरी में नये अध्याय की शुरूआत होगी.
शिक्षक डॉ बिजेंद्र कुमार ने बताया कि इसके लिए तृणमूल सुप्रीमो व मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का धन्यवाद करते है. जिनके सहयोग से यह उपलब्धि मिली है.

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