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बाइक रैली पर लगा रहेगा पूर्ण प्रतिबंध
जिला निर्वाचन अधिकारी डॉ सौमित्र ने जारी किया निर्देश सिविल पुलिस कर्मियों को नहीं लगाया जायेगा चुनावी कार्य में आसनसोल : जिला निर्वाचन अधिकारी डॉ सौमित्र मोहन ने जिले के सभी चुनाव अधिकारियों को निर्देश दिया है कि आगामी 21 मई तक क्षेत्र में बाइक रैली निकालने की अनुमति किसी को भी नहीं दी जायेगी […]
जिला निर्वाचन अधिकारी डॉ सौमित्र ने जारी किया निर्देश
सिविल पुलिस कर्मियों को नहीं लगाया जायेगा चुनावी कार्य में
आसनसोल : जिला निर्वाचन अधिकारी डॉ सौमित्र मोहन ने जिले के सभी चुनाव अधिकारियों को निर्देश दिया है कि आगामी 21 मई तक क्षेत्र में बाइक रैली निकालने की अनुमति किसी को भी नहीं दी जायेगी तथा इसका उल्लंघन करनेवालों के खिलाफ क ड़ी कार्रवाई की जायेगी.
विभागीय सूत्रों ने कहा कि मुख्य चुनाव आयुक्त ने पिछले दिनों राज्य मुख्यालय का दौरा किया था तथा निष्पक्ष व शांतिपूर्ण चुनाव कराने के लिए कई दिशा निर्देश भी दिया था. इस दौरे में उन्होंने विभिन्न राजनीतिक पार्टियों के प्रतिनिधियों के साथ बैठक की थी. विपक्षी पार्टियों के प्रतिनिधियों ने आरोप लगाया था कि सत्ताशीन पार्टी तृणमूल बाइक रैली निकाल कर मतदाताओं को आतंकित करती है. विपक्षी पार्टियों के समर्थकों के साथ मारपीट की जाती है. इस माहौल में निष्पक्ष चुनाव कराना संभव नहीं है.
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने राज्य में बड़ी संख्या में पुलिस के सहयोग के लिए सिविक पुलिस कर्मियों की तैनाती की है. इनके नियोजन में सरकारी नियमों का पालन नहीं किया गया है तथा तृणमूल समर्थक युवकों को प्राथमिकता दी गयी है. इन पुलिस कर्मियों को चुनाव कार्य में लगाने पर इनसे सत्ताशीन पार्टी को मदद मिल सकती है.
निष्पक्ष चुनाव के लिए आवश्यक है कि इन सिविक पुलिस कर्मियों को चुनाव कार्य में न लगाया जाये.जिला निर्वाचन अधिकारी डॉ सौमित्र ने निर्देश में सभी चुनाव अधिकारियों को कहा है कि चुनाव के किसी भी कार्य में इन सिविक पुलिस कर्मियों का उपयोग नहीं किया जायेगा. इनका उपयोग आम पुलिसिया कार्य में किया जा सकता है. उन्होंने बाइक रैली निकालने पर भी रोक लगा दी है. उन्होंने कहा कि चुनावी अधिसूचना शुरू होने के बाद से ही बाइक रैली निकालने पर रोक लगी हुयी है. उन्होंने कहा कि जिले में चुनावी प्रक्रिया पूरी होने तक बाइक रैली पर पूरी तरह से रोक लगी रहेगी.
इस संबंध में विपक्षी पार्टियों का आरोप है कि सत्ताशीन पार्टी के प्रत्याशी जन संपर्क अभियान के दौरान भी बाइक रैली का उपयोग कर रहे हैं.
दर्जनों बाइकों पर सवार युवक प्रत्याशी के साथ चलते हैं. जानकारी रहने के बाद भी पुलिस या चुनाव अधिकारी इस दिशा में कोई पहल नहीं करते हैं. नामांकन के समय हजारों की संख्या में बाइक सवार रैली के रूप में चुनाव कार्यालय के समक्ष पहुंचते हैं. चुनाव आयोग को इसकी वीडियोग्राफी करा उन पर कार्रवाई करनी चाहिए.
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