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15.83 करोड़ रुपये का हुआ इन्वेस्टमेंट स्कैम

आसनसोल दुर्गापुर पुलिस कमिश्नरेट (एडीपीसी) के इतिहास में साइबर ठगी के जरिये सबसे अधिक राशि की लूट का नया रिकॉर्ड बना.

आसनसोल/रानीगंज.

आसनसोल दुर्गापुर पुलिस कमिश्नरेट (एडीपीसी) के इतिहास में साइबर ठगी के जरिये सबसे अधिक राशि की लूट का नया रिकॉर्ड बना. इन्वेस्टमेंट स्कैम में साइबर अपराधियों ने रामबागान, डॉक्टर्स कॉलोनी रानीगंज के निवासी व पेशे से शिशुरोग विशेषज्ञ डॉ.अरुण कुमार शर्मा ने 15,83,90,000 (15 करोड़ 83 लाख 90 हजार) रुपये का चूना लगा दिया.

डॉ शर्मा ने यह राशि 24 अक्तूबर 2025 से 25 नवंबर के बीच निवेश किया. जब निकासी करने गये तब अपराधियों ने उनसे कमीशन के रूप में 12.5 करोड़ रुपये अतिरिक्त डिपॉजिट की मांग की. जिसके बाद ही उन्हें समझ आ गया कि वे साइबर फ्रॉड के शिकार हो चुके हैं.

तत्काल उन्होंने इसकी शिकायत नेशनल साइबर क्राइम रिपोर्टिंग पोर्टल में की और शुक्रवार रात को साइबर क्राइम थाना आसनसोल पहुंचकर लिखित दी. जिसके आधार पर कांड संख्या 77/25 में बीएनएस की धारा 316(2)/318(4)/319(2)/336(3)/338/340(2)/61(2) के तहत प्राथमिकी हुई. पुलिस उपायुक्त (मुख्यालय) डॉ.अरविंद आनंद ने बताया कि इन्वेस्टमेंट स्कैम में 15.83 करोड़ रुपये की ठगी की शिकायत मिली है. पुलिस मामले की जांच में जुट गयी है. यह अबतक की सबसे बड़ी राशि की ठगी का मामला है.

कैसे फंसाया डॉ. शर्मा को अपराधियों ने अपने चंगुल में

डॉ. शर्मा ने अपनी शिकायत में बताया कि उन्हें मोनार्क वीआइपी नामक एक व्हाट्सएप ग्रुप में जोड़ा गया. 23 अक्तूबर को उन्होंने उस ग्रुप में जवाब दिया, जिसके उपरांत उन्हें ट्रेडिंग अकाउंट खोलने के लिए मना लिया गया और उन्होंने पर्सनल डिटेल्स शेयर किया. गूगल प्लेस्टोर से मोनार्क एप डाउनलोड किया. 24 अक्तूबर 2025 को उन्होंने 50 हजार रुपये का पहला निवेश किया, जो उनके द्वारा दिये गये अकाउन्ट्स डिटेल्स और अमाउंट ट्रेडिंग एप्लिकेशन में भी दिख रहा था. ऐसा लग जैसे निवेश शुरू हो गया है. मोनार्क वीआइपी व्हाट्सएप ग्रुप में ग्रुप एडमिन के रूप में अनुश्री शाह नामक महिला पूरा ऑपरेशन मैनेज कर रही थी, जो 879264269, 7340648751, 9154272680, 9378111224, 9378139412 और 7547984145 नम्बरों से ऑपरेट कर रही थी. उनलोगों ने भरोसा जीतने के लिए मोनार्क नेटवर्क कैपिटल के सेबी रजिस्ट्रेशन का नकली कागजता भी दिखाया. जिसके उपरांत 24 अक्तूबर से 25 नवम्बर के बीच कुल 15.83 करोड़ रुपये का निवेश किया. जब राशि निकालने की कोशिश किया, तो नहीं निकल पाया. जिसके बाद उनलोगों से संपर्क करने पर उन्होंने अपने कमीशन के रूप में 12.50 करोड़ रुपये अतिरिक्त डिपॉजिट करने को कहा. जिसके बाद ही समझ आया कि साइबर फ्रॉड के शिकार हो चुके हैं.

कमिश्नरेट में 3.68 करोड़ की ठगी का था रिकॉर्ड

एडीपीसी में डिजिटल अरेस्ट के जरिये सबसे बड़ी राशि 3.68 करोड़ रुपये की ठगी का रिकॉर्ड था. यह इसी साल जून माह में हुई थी. इन्वेस्टमेंट स्कैम में सबसे बड़ी राशि 2.53 करोड़ की हुई थी. 27 जून 2025 को यह मामला साइबर क्राइम थाना आसनसोल में दर्ज हुआ था. डॉ. शर्मा से 15.83 करोड़ की राशि ठगी होने का यह नया रिकॉर्ड बना है.

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