कोयला कर्मियों की 92 फीसदी रही उपस्थिति
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बंद का कोयला उद्योग पर नहीं पड़ा खास असर
कोयला कर्मियों की 92 फीसदी रही उपस्थिति सांकतोड़िया : केंद्रीय ट्रेड यूनियनों द्वारा बुधवार को बुलाई गई देशव्यापी एक दिवसीय हड़ताल का असर कोयला उधोगों पर कोई खासा असर नहीं पड़ा. बाजार, बैंक, स्कूल व अन्य प्रतिष्ठान खुले रहे. वहीं बड़े वाहनों का परिचालन ठप रहा. सरकारी बसें एवं छोटे वाहन का परिचालन जारी रहा. […]
सांकतोड़िया : केंद्रीय ट्रेड यूनियनों द्वारा बुधवार को बुलाई गई देशव्यापी एक दिवसीय हड़ताल का असर कोयला उधोगों पर कोई खासा असर नहीं पड़ा. बाजार, बैंक, स्कूल व अन्य प्रतिष्ठान खुले रहे. वहीं बड़े वाहनों का परिचालन ठप रहा. सरकारी बसें एवं छोटे वाहन का परिचालन जारी रहा.
इधर इसीएल प्रबंधन भी हड़ताल के दौरान आवश्यक सेवाएं बाधित न हो, इससे निपटने के लिए मुख्यालय स्तर से लेकर कोलियरियों तक कंपनी के सुरक्षा गार्ड एवं सीआईएसएफ की तैनाती कर दी थी. ताकि कोयला कर्मियों को ड्यूटी आने-जाने के दौरान कोई रोक नहीं सके. इधर तृणमूल समर्थक हड़ताल का विरोध कर रहे थे. जहां-जहां बंद होता वे लोग देख रहे थे, वहां-वहां तृणमूल समर्थक अपने दलबल के साथ जाकर उसे खुलवा दिया.
तृणमूल समर्थकों के तेवर को देखते हुए सभी श्रम संगठन चुप्पी साधे हुए थे. पुलिस प्रशासन भी मुस्तैदी से अपनी ड्यूटी का निर्वहन कर रहे थे. हड़ताल को लेकर श्रमिक संगठन दो गुट में बंट गए हैं. इससे हड़ताल की सफलता पर भी प्रश्न चिन्ह लग गया है. मालूम हो की केंद्र सरकार की आर्थिक व जन-विरोधी व श्रम विरोधी नीतियों के खिलाफ केंद्रीय मान्यता प्राप्त 10 ट्रेड यूनियनें तीन माह से हड़ताल की तैयारी कर रहे थे.
पिछले चार दिनों से एचएमएस, एटक, सीटू तथा इंटक रेड्डी गुट के प्रतिनिधियों ने हड़ताल सफल बनाने के लिए अपनी पूरी ताकत झोंक दी थी. ट्रेड यूनियन प्रतिनिधि बुधवार की सुबह से अपने कार्य क्षेत्र में हड़ताल को सफल बनाने के लिए जुटे हुए थे ताकि कोई कर्मचारी कार्यस्थल पर उपस्थित न हो सकें.
परंतु कार्यस्थल पर आने वाले कर्मियों को नहीं रोक पाए. कोयला कर्मी अपनी ड्यूटी पर उपस्थित हुए. हड़ताल के मद्देनजर पुलिस भी अलर्ट रही. खदान क्षेत्रों के लिए अलग-अलग पेट्रोलिंग की टीम तैयार की गई थी. पुलिस टीम की विशेष नजर हड़ताल से जुड़ी गतिविधियों पर थी. सभी थाना-चौकी प्रभारियों को निर्देश दिया गया था कि अपने-अपने क्षेत्र में निगरानी रखें.
वहीं पृथक पेट्रोलिंग टीम भी रहेगी, जो सभी क्षेत्रों का भ्रमण करेगी. हड़ताल में शामिल यूनियन से भी कहा गया था कि अप्रिय स्थिति निर्मित न करें. जो कामगार ड्यूटी में जाना चाहते हैं, उन्हें जबरन रोकने का प्रयास न किया जाए. इधर कोयला उद्योग पर हड़ताल का असर के बारे में इसीएल के निदेशक कार्मिक विनय रंजन ने कहा कि हड़ताल का असर इसीएल पर नहीं पड़ा है.
उन्होनें कहा कि इसीएल के झारखंड क्षेत्र में पड़ने वाली कोयला खदान में कामकाज कुछ प्रभावित हुआ है. मूग्मा एरिया एवं राजमहल एरिया दो चार घंटा प्रभावित हुआ. वहीं कनुस्तोरिया एरिया के बांसड़ा कोलियरी में भी कामकाज पर मामूली असर आया. बाकी सभी जगहों पर स्थिति सामान्य रही. श्री रंजन ने कहा कि प्रथम एवं द्वितीय पाली में कोयला कर्मियों की उपस्थिति 92 प्रतिशत रही.
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