तीन साल पहले दुर्घटना में हुई थीबेटे की मौत, मंदिर में वाहन चालक से करायी शादी
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ससुर ने बहू का कन्यादान कर पेश की मिसाल
तीन साल पहले दुर्घटना में हुई थीबेटे की मौत, मंदिर में वाहन चालक से करायी शादी समाज के लोगों ने की सराहना दुर्गापुर : ससुर ने अपनी बहू का कन्यादान कर समाज के सामने एक मिसाल पेश की है. यह घटना दुर्गापुर के सिटी सेंटर स्थित पीयाला काली मंदिर में देखने को मिली, जहां ससुर […]
समाज के लोगों ने की सराहना
दुर्गापुर : ससुर ने अपनी बहू का कन्यादान कर समाज के सामने एक मिसाल पेश की है. यह घटना दुर्गापुर के सिटी सेंटर स्थित पीयाला काली मंदिर में देखने को मिली, जहां ससुर अजय कुमार शासमल ने अपनी विधवा पुत्रवधू को बेटी बनाकर उसकी दूसरी शादी कर समाज में फैली विसंगतियों को तोड़ने का प्रयास किया एवं समाज को नया संदेश दिया है. ससुर द्वारा किए गए कार्य को समाज के लोगों ने सराहना की है.
बुधवार को ससुर अजय कुमार शासमल ने अपनी बहू देवश्री की शादी स्थानीय करंगोपाड़ा निवासी वाहन चालक संतोष लायक के साथ हिंदू रीति रिवाज से संपन्न कराई एवं कन्यादान कर उपहार के तौर पर उन्हें नकदी समेत जेवरात भी प्रदान किया. उल्लेखनीय है कि डीपीएल स्थित बोनिक मोड़ निवासी अजय कुमार शासमल के पुत्र उत्तम शासमल का विवाह 7 वर्ष पहले पूर्व मेदिनीपुर के दुबाई ग्राम निवासी देवश्री के साथ हुई थी. उनका एक पुत्र भी है.
करीब साढ़े तीन वर्ष पहले अचानक उत्तम की दुर्घटना में मौत हो गई. तब से पुत्रवधू देवश्री ससुराल में अपने सास-ससुर के साथ रहती थी. बेटे की मौत के बाद उनके घर में दुखों का पहाड़ टूट पड़ा था. ससुर अजय ने बताया कि विधवा बहू एवं उसके 5 वर्ष के पुत्र को देख कर दिल दहल जाया करता था. उनका जीवन बर्बाद हो चुका था, लेकिन इस परिस्थिति में मैंने अपनी बहू को बेटी जैसा प्यार दिया एवं सभी की सर्वसम्मति से देवश्री का दूसरा विवाह करने का फैसला किया.
उस दौरान वाहन चालक संतोष लायक से मुलाकात हुई उन्होंने मेरे प्रस्ताव को मंजूर करते हुए देवश्री से शादी करने पर सहमति जताई. बहू को बेटी बनाकर उसका कन्यादान कर खुद को धन्य महसूस कर रहा हूं. बहू का उजड़ा घर फिर से बस जाने पर घर के सभी लोग खुश हैं. शादी समारोह में मायके पक्ष से देवश्री की मां मित्रा माईती, झुना माझी, माधवी बनर्जी शामिल हुई थीं.
जिन्होंने देवश्री के दूसरे विवाह पर उन्हें आशीर्वाद दिया. इस दौरान माधवी बनर्जी ने कहा कि आज भी हमारे समाज में विधवा महिलाओं को दूसरी शादी कराने पर समाज के कुछ ठेकेदार हैं, जो ताना मारने से बाज नहीं आते. इतना तो कहा ही जा सकता है कि विधवा देवश्री की दूसरी शादी समाज के उन लोगों के लिए संदेश है, जो अपनी घर की प्रतिष्ठा के नाम पर विधवा वधू को जीवन भर कष्ट भरी जिंदगी जीने पर विवश करते हैं.
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