डीआरएम की पहल पर टीआरएस की मेमू शेड में स्क्रैप पड़ी दो बोगियों को दिया जा रहा है रेस्तरां का रूप
ईस्टर्न रेलवे में अपने किस्म का यह पहला रेस्तरां होगा
आसनसोल से चलने वाली पहली मेमू ट्रेन है दोनों बोगियां
पार्सल कार्यालय के निकट स्थापित होगा यह रेस्तरां
आसनसोल : आसनसोल रेलवे स्टेशन का सौंदर्यीकरण बढ़ाने, यात्री व स्थानीय नागरिकों को एक सुखद अहसास देने और रेलवे का नॉन फेयर रेवेन्यू बढ़ाने के उद्देश्य से आसनसोल से चलने वाली पहली मेमू (लोकल ट्रेन) की दो बोगियों को रेस्तरां बनाया जायेगा. टीआरएस मेमू शेड में इन बोगियों को विभागीय स्तर पर रेस्तरां का रूप दिया जा रहा है.
इस रेस्तरां को पार्सल कार्यालय के निकट स्टेशन के बाहर स्थापित किया जायेगा. अतिरिक्त मंडल रेल प्रबंधक (एडीआरएम) आरके वर्णवाल ने बताया कि इसका दिसंबर माह के अंत तक करने का प्रयास किया जा रहा है. यात्री और इलाके के नागरिकों के लिए आसनसोल रेल मंडल की ओर से नये वर्ष का यह तोहफा होगा.
11 जुलाई 1994 को आसनसोल स्टेशन से पहली मेमू आरम्भ हुई थी. इस मेमू की बोगियों की आयु सीमा समाप्त हो जाने के कारण दो बोगियों को छोड़ सभी बोगियों को लिलुआ पीओएच में भेज दिया गया.
एडीआरएम श्री बर्णवाल ने बताया कि पहले मेमू की दो बोगी एक टेलर कोच और दूसरा मोटर कोच को टीआरएस मेमू शेड में रख दिया गया. मंडल रेल प्रबंधक (डीआरएम) सुमित सरकार टीआरएस मेमू शेड का निरीक्षण करने के दौरान उन्होंने इन दो बोगियों को देखा और उन्होंने इन दो बोगियों को रेस्तरां बनाने का निर्णय लिया, जिसके उपरांत विभागीय स्तर पर दो बोगियों को रेस्तरां का रूप देने का कार्य आरंभ हुआ.
श्री वर्णवाल ने कहा कि ईस्टर्न रेलवे में अपने किस्म का यह पहला रेस्तरां होगा. इससे स्टेशन की सौंदर्यीकरण बढ़ेगी, नागरिक नये किस्म के रेस्तरां का आनंद उपभोग करेंगे और मंडल के नन फेयर रेवेन्यू में भी बढ़ोतरी होगी.