पानागढ़ : बीरभूम राज्य का ऐसा जिला बन गया है, जहां बम और बारूद आये दिन की बात है. यहां आपराधिक घटनाएं थमने का नाम नहीं ले रही. अपराधी का मनोबल बढ़ा हुआ है. दो दिन पूर्व भी जिले के साईथिया थाना के कल्याणपुर गांव में शासक दल तृणमूल कांग्रेस के दो गुटों में झड़प तथा संघर्ष की घटना के दौरान बमबाजी और गोलीबारी हुई थी, जिसमें एक युवक की मौत हो गयी.
इस घटना के बाद पुलिस ने छापामारी अभियान चला कर 40 बम तथा 12 लोगों को गिरफ्तार किया. पुलिस गांव में टहलदारी कर रही है. पुलिस पिकेट बैठाया गया है. इसके बावजूद इस गांव के बूढ़े से लेकर जवान और बच्चों, महिलाओं में दहशत व्याप्त है. यही कारण है कि गांव में मौजूद कल्याणपुर प्राथमिक विद्यालय में गत दो दिनों से शिक्षक भय और डर के कारण भले ही पढ़ाने के लिए पहुंच रहे हैं, लेकिन छात्र-छात्राएं नदारद हैं.
शिक्षक दो दिनों से विद्यालय जाकर बैरंग लौट रहे हैं. विद्यालय के शिक्षक गांव के प्रत्येक घर में दो दिनों से घूम कर छात्र-छात्राओं को स्कूल भेजने का आग्रह उनके परिजनों को करते देखे गये, लेकिन किसी भी परिवार ने अपने बच्चों को विद्यालय नहीं भेजा. बच्चे भी दो दिन पूर्व हुई घटना के बाद दहशत में हैं.
बच्चों के मन में भय है कि कब फिर गांव में बमबाजी, गोलीबारी आरंभ हो जाये. इस कदर इस तरह का आतंक संभवत: इससे पहले बीरभूम जिले में कभी देखने व सुनने को नहीं मिला. कल्याणपुर गांव में घटी इस खूनी झड़प की घटना ने बच्चों के मन में आतंक कायम कर दिया है.
जिला पुलिस भले ही जितनी सफाई पेश करे. जमीनी हकीकत यही है कि दो दिनों से बच्चे विद्यालय नहीं पहुंच रहे हैं. बच्चों के विद्यालय नहीं पहुंचने पर विद्यालय में मिड डे मील तक नहीं बन रहा है. विद्यालय के प्रधान शिक्षक शुभ्र कांति भंडारी का कहना है कि दो दिनों से विद्यालय वे नियमित रूप से आ रहे हैं, लेकिन बच्चे विद्यालय पढ़ने के लिए नहीं पहुंच रहे है. जिला प्रशासन इस दिशा में अब भी मौन है. गांव के लोगों का साफ कहना है कि जिस तरह गांव के युवक इंसान अली की गोली मार कर हत्या कर दी गयी. इससे समूचा गांव दहशत में है. गांव में सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम नहीं हैं.