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पूर्व कोयला कर्मियों को न्यूनतम एक और अधिकतम 45 हजार रुपये की मिलेगी पेंशन

सीएमपीएफ एक्ट में बदलाव की हो रही तैयारी 50 वर्ष की उम्र के बाद ही सुनिश्चित हो जायेगा पेंशन का भुगतान अब अंतिम दस माह के वेतन के बजाय 30 माह पर होगा आकलन आसनसोल : कोयला कर्मियों व अधिकारियों को अब न्यूनतम एक हजार तथा अधिकतम 45 हजार रुपए की पेंशन मिलेगी़. साथ ही […]

सीएमपीएफ एक्ट में बदलाव की हो रही तैयारी

50 वर्ष की उम्र के बाद ही सुनिश्चित हो जायेगा पेंशन का भुगतान

अब अंतिम दस माह के वेतन के बजाय 30 माह पर होगा आकलन

आसनसोल : कोयला कर्मियों व अधिकारियों को अब न्यूनतम एक हजार तथा अधिकतम 45 हजार रुपए की पेंशन मिलेगी़. साथ ही पेंशन का फिक्सेशन रिटायरमेंट के अंतिम दस माह के बजाय 30 माह के वेतन के आधार पर किया जायेगा -उक्त बातें सीएमसीएफ एक्ट में संशोधन के लिए तैयार प्रस्ताव में कहीं गई है़.

प्रस्ताव में सीएमपीएफ प्रबंधन कई और महत्वपूर्ण बदलाव करने की तैयारी में है. संशोधित एक्ट के मुताबिक कोयला कामगारों को 60 वर्ष के अंशदान का ही लाभ मिलेगा. इतना ही नहीं कंपनी बीच में छोड़ने तथा अन्य कंपनी योगदान देने के बावजूद कोयला कर्मी तथा अधिकारियों का पेंशन भुगतान 50 वर्ष के बाद ही सुनिश्चित हो सकेगा.

पीएफ पासबुक 30 सितंबर से होगा अपडेट

कोलकर्मियों की भविष्यनिधि का पासबुक अब 30 सितंबर से ऑनलाइन अपडेट होना शुरू हो जायेगा एवं कोलकर्मियों को नोमिनेशन में सुधार का एक मौका मिलेगा. इस बात पर सहमति कोयला खान भविष्यनिधि संगठन के प्रभारी आयुक्त अनिमेष भारती की अध्यक्षता में मुख्यालय में संपन्न ट्रस्टी बोर्ड की बैठक में बनी़.

बैठक में संयुक्त आयुक्त यूपी कमल, अतिरिक्त आयुक्त एके सिन्हा, रमेन्द्र कुमार (एटक), वाइएन सिंह (बीएसएस) एवं राकेश कुमार (एचएमएस) उपस्थित थे़. जानकारी देते हुए एटक नेता रमेन्द्र कुमार एवं एचएमएस नेता राकेश ने संयुक्त रूप से बताया कि कोयला मजदूरों को एक बार नोमिनेशन सुधार करने का मौका देने पर आयुक्त ने सहमति जताई़. आयुक्त ने कहा कि इसे तीन माह में पूरा कर लिया जायेगा.

कोयला मजदूरों की यह मांग थी कि एक बार जो नोमिनेशन किया है़, उस नाम के स्पेलिंग में गलती आदि के कारण बहुत परेशानी होती है़. किसी ने पत्नी का नाम दिया था और पत्नी के निधन के बाद दोबारा नोमिनेशन नहीं कर पाये. उन्होंने कहा कि कि ठेका मजदूरों को एमसीएफ से जोड़ने पर भी सहमति बनी. कोलकर्मियों के रिटायरमेंट के बाद लिव इन कैशमेंट के भुगतान में कोयला कंपनी पीएफ तो काटती है, पर प्रबंधन अपना हिस्सा नहीं देता है, इस पर आयुक्त ने कदम उठाने की बात कहीं.

उन्होंने बताया कि सीएमपीएफ में स्टाफ की कमी है, स्टाफ का प्रमोशन एवं नयी बहाली का मुद्दा कोर्ट में लंबित है, जब तक कोई फैसला नहीं हो जाता, या केस करने वाले केस उठा नहीं लेते तब तक कुछ नहीं हो सकता. सीएमपीएफ में अनुकंपा के आधार पर नियोजन का निर्णय शीघ्र हो जायेगा. बैठक में वर्ष 2019-2020 के लिए 8.66 प्रतिशत ब्याज का प्रस्ताव कोयला मंत्रालय भेजने पर भी सहमति बनी. इसमें सीएमपीएफ के फंड मैनेजमेंट के लिए पोर्टफोलियो मैनेजर नियुक्त करने के आदि पर भी चर्चा हुई़. नेताओं ने बताया कि इस तरह की मीटिंग हर तीन माह पर होगी.

एचएमएस नेता और ट्रस्टी बोर्ड सदस्य राकेश कुमार ने बताया कि पेंशन खतरे में है़. अगर पेंशन फंड को मजबूत करने के लिए कोई कदम नहीं उठाया गया तो तीन साल के बाद कोलकर्मियों को पेंशन मिलना मुश्किल होगा. पेंशन फंड में अंशदान के विरुद्ध पेंशन भुगतान अधिक हो रहा है़. पेंशन फंड को मजबूत करने के लिए कोयला मंत्री से मिल कर कोयले पर प्रतिटन दस रुपए का सेस पेंशन मद में लेना होगा़ तभी पेंशन बचेगा.

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