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नौकरी दिलाने के नाम पर लाखों रुपये ठगनेवाला गिरफ्तार

दुर्गापुर : दुर्गापुर स्टील प्लांट (डीएसपी) में स्थाई नौकरी दिलाने के नाम पर दर्जनभर से अधिक लोगों से करीब 62 लाख रुपये ठगने के आरोप में अंडाल थाने की पुलिस ने एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया है. बुधवार को आरोपी को दुर्गापुर अनुमंडल अदालत में पेश किया गया, जहां सुनवाई के दौरान आरोपी को चार […]

दुर्गापुर : दुर्गापुर स्टील प्लांट (डीएसपी) में स्थाई नौकरी दिलाने के नाम पर दर्जनभर से अधिक लोगों से करीब 62 लाख रुपये ठगने के आरोप में अंडाल थाने की पुलिस ने एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया है. बुधवार को आरोपी को दुर्गापुर अनुमंडल अदालत में पेश किया गया, जहां सुनवाई के दौरान आरोपी को चार दिनों के लिए पुलिस रिमांड पर भेज दिया गया.

अगली सुनवाई 11 अगस्त को होगी. पकड़ा गया आरोपी वसीम अकरम दुर्गापुर के कादा रोड इलाके का रहनेवाला है. आरोप है कि वसीम अकरम ने दुर्गापुर एवं अंडाल इलाके के करीब 14 लोगों से प्लांट में सरकारी नौकरी दिलाने के नाम पर 62 लाख का गबन किया है. आरोपी के खिलाफ अंडाल क्षेत्र निवासी गयासुद्दीन नामक पीड़ित व्यक्ति ने अंडाल थाने में धोखाधड़ी का मामला दर्ज कराया था. शिकायत के आधार पर पुलिस मामले की जांच करते हुए वसीम अकरम को गिरफ्तार किया है.

वहीं इस मामले में शिकायतकर्ता ने सीआईएसएफ जवानों पर भी शामिल होने का संदेह जताया है. धोखाधड़ी के मामले में सीआईएसएफ जवानों का मिलीभगत होने के संदेह पर शहर में चर्चा शुरू हो गयी है. हालांकि सीआईएसएफ के उच्च अधिकारियों ने शिकायतकर्ता द्वारा लगाये जा रहे आरोपों को गलत बताया है. उल्लेखनीय है कि वसीम अकरम पिछले कई वर्षों से कादा रोड इलाके में रहता है. वसीम पेशे से वेल्डिंग मिस्त्री एवं प्लांट में छोटे-मोटे वेल्डिंग का ठीका लेने का काम करता है.

शिकायतकर्ता गयासुद्दीन ने बताया कि वसीम अकरम के साथ कुछ वर्ष पहले भेंट हुई थी. कुछ दिनों में वसीम की बातों से मैं एवं मेरे कुछ दोस्त उसके करीब आ गये थे. वसीम अपनी बातों से सभी को अपना दोस्त बना लिया था. वसीम ने दुर्गापुर स्टील प्लांट में सरकारी नौकरी दिलाने का हमेशा दावा करता था. उसकी बड़ी बड़ी-बड़ी बातों के चक्कर में हम लोग आ गये थे. उसे नौकरी के नाम पर करीब 14 लोगों ने 62 लाख से अधिक रुपये उसे दिया था.

वादे के मुताबिक प्लांट में नौकरी नहीं होने पर लोगों को संदेह हुआ. लोगों ने उसकी जांच की तो पता चला कि अकरम का यही धंधा है. वह भोले-भाले लोगों को अपनी बातों के फंसा कर उसे नौकरी के नाम पर ठगता है. वसीम अकरम जब भी पैसे मांगने आता था उसके साथ एक सीआईएसएफ का जवान भी संग में रहता था एवं जवान के पास रिवॉल्वर रहता था. रिवाॅल्वर देखकर हम लोगों को लगता था कि वसीम अकरम की पहुंच बहुत ऊंचे लोगों में हैं.

रुपये लेकर वसीम हम लोगों के साथ संपर्क तोड़ दिया एवं इलाके से भागा भागा रहने लगा. अंत में वसीम अकरम के खिलाफ अंडाल थाने में धोखाधड़ी का मामला दर्ज कराया गया एवं शिकायत पत्र में वसीम के साथ सुमित गिरि एवं जगदीश छाबा सीआईएसएफ जवान का भी नाम दर्ज है. इस संदर्भ में सीआईएसएफ के अधिकारियों ने बताया कि शिकायत पत्र में सुमित गिरि नामक जवान का नाम दर्ज है.

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