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ट्रेन में असुरक्षा से उजड़ गया एक परिवार, ट्रेन से गिरकर मां-बेटी की मौत, शव मिलने में भी परिजनों को हुई भारी परेशानी

दिल्ली से कोटा जाने के दौरान मथुरा जंक्शन से कुछ दूरी पर घटी घटना दुर्गापुर से निकली थी बेटी के मेडिकल कोचिंग में नामांकन के लिए कोटा कटे पर नमक की तर्ज पर जीआरपी ने शव सौंपने में किया भारी परेशान मेयर दिलीप अगस्ती के हस्तक्षेप से राहत, तृणमूल नेता पहुंचे परिजनों के पास दुर्गापुर […]

  • दिल्ली से कोटा जाने के दौरान मथुरा जंक्शन से कुछ दूरी पर घटी घटना
  • दुर्गापुर से निकली थी बेटी के मेडिकल कोचिंग में नामांकन के लिए कोटा
  • कटे पर नमक की तर्ज पर जीआरपी ने शव सौंपने में किया भारी परेशान
  • मेयर दिलीप अगस्ती के हस्तक्षेप से राहत, तृणमूल नेता पहुंचे परिजनों के पास
दुर्गापुर : उत्तर प्रदेश के मथुरा जंक्शन से कुछ दूरी पर अपराधियों से हुए संघर्ष के दौरान ट्रेन से गिर कर शनिवार को हुई मां मीना देवी और उनकी बेटी मनीषा कुमारी की मौत की सूचना मिलते ही दुर्गापुर रांची कॉलोनी में शोक फैल गया. दोनों अपने रिश्तेदार के साथ निजामुद्दीन त्रिवेंद्रम सेंट्रल एक्सप्रेस से कोटा (राजस्थान) जा रही थी.
उनके घर में सांत्वना देने के लिए रविवार को मेयर दिलीप अगस्ती, विधायक विश्वनाथ पाड़ियाल, बोरो चेयरमैन रमा प्रसाद हलदर, बोरो चेयरमैन सुष्मिता भूई, एमएमआईसी अमिताभ बनर्जी, दो नंबर ब्लॉक तृणमूल अध्यक्ष विप्लव विश्वास आदि पहुंचे.
उन लोगों ने मृतक के परिजनों को हरसंभव मदद करने का आश्वासन दिया. रविवार की दोपहर डेढ़ बजे अजमेर सियालदह एक्सप्रेस ट्रेन से दुर्गापुर स्टेशन में जीआरपी की निगरानी में मां-बेटी का शव एक ही को कैफीन में लाने से मृतक के परिजन काफी नाराज दिखे. दुर्गापुर स्टेशन में भी शव को लेने में मृतकों के परिजनों को काफी मशक्कत करनी पड़ी.
नाम में गड़बड़ी होने से शव को जीआरपी अधिकारियों ने मृतक के परिजनों को देने में तीन घंटे से अधिक का समय लिया. मेयर श्री अगस्ती के हस्तक्षेप के बाद शवों को मृतक के परिजनों को सौंपा गया. दुर्गापुर स्टेशन से रांची कॉलोनी में मां-बेटी के शव लाये गये. हर कोई के मुंह में एक ही चर्चा थी कि पूरा परिवार उजड़ गया.
उल्लेखनीय है कि रांची कॉलोनी के निवासी दिलीप डोम की पत्नी मीना देवी और उनकी बेटी मनीषा कुमारी अपने रिश्तेदार के साथ शनिवार को निजामुद्दीन त्रिवेंद्रम सेंट्रल एक्सप्रेस में सवार होकर कोटा (राजस्थान) के लिए निकली थी. उसी दौरान रास्ते में कुछ अपराधियों ने दोनो मां बेटी पर हमला कर दिया.
एक अपराधी मीना देवी का बैग छिनकर कर भागने लगा. बैग वापस पाने के लिए मीना देवी उसके पीछे भागी. मां की मदद में उनकी बेटी भी पीछे भागी. दोनों अपराधी से भिड़ गई. इसी दौरान मीना देवी ट्रेन से गिर गई. मां को बचाने के लिए बेटी ने भी ट्रेन से छलांग लगा दी जिसमें दोनो की मौत ट्रेन की चपेट में आने से हो गई.
ट्रेन में सफर कर रहे जब उनके रिश्तेदार को जानकारी मिली तो वह ट्रेन का चेन खींचकर ट्रेन को रोक दिया. घटनास्थल पर आरपीएफ और जीआरपी ने पहुंच कर दोनो शवों को अपने कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया.
मीना के पति श्री डोम ने बताया कि उनके पत्नी और बेटी दुर्गापुर स्टेशन से एक अगस्त को पूर्वा एक्सप्रेस से दिल्ली के लिये रवाना हुई थी. दो अगस्त को दिल्ली में एक रिश्तेदार के यहां ठहरने के बाद वे ट्रेन से कोटा में मेडिकल कोचिंग में दाखिला के लिए रवाना हुई. लेकिन नसीब देखे कि उनकी बेटी और पत्नी का सपना अधूरा ही रह गया.
उन्होंने कहा कि केंद्र की नरेन्द्र मोदी सरकार ट्रेन में महिला सुरक्षा के लिए हर साल बजट में बड़ी-बड़ी बातें करती है, लेकिन महिलाओं की सुरक्षा व्यवस्था सिर्फ कागजों में ही रह गया है. हर बोगी में आरपीएफ के जवान सुरक्षा के लिए तैनात होने चाहिए.
ट्रेन यात्री भाड़ा में सरकार ने वृद्धि तो कर दी लेकिन जो सुविधा यात्री को मिलनी चाहिए, वह नहीं मिल रही है. उनकी पत्नी और बेटी तो अब लौट नहीं पायेंगी. लेकिन मोदी सरकार को चाहिए कि ट्रेनों में यात्री सुरक्षा व्यवस्था दुरूस्त करें ताकि इस तरह का घटना दोबारा किसी के साथ न घटे. पुलिस दोषियों को जल्द गिरफ्तार कर कड़ी से कड़ी सजा दें.

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