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नागरकाटा : बंद चेंगमारी चाय बागान के श्रमिक हुए एकजुट, बागान को जल्द खोलने की मांग
नागराकाटा : चेंगमारी चाय बागान के चाय श्रमिक बागान को जल्द खोलने की मांग करते हुये बुधवार को एकजूट हुये. इस दौरान सभी चाय श्रमिकों को एक मंच पर देखा गया. मंगलवार रात को चाय बागान में संस्पेंश ऑफ वर्क का नोटिस जारी किया गया था. रात को यह खबर सभी चाय श्रमिकों के पास […]
नागराकाटा : चेंगमारी चाय बागान के चाय श्रमिक बागान को जल्द खोलने की मांग करते हुये बुधवार को एकजूट हुये. इस दौरान सभी चाय श्रमिकों को एक मंच पर देखा गया. मंगलवार रात को चाय बागान में संस्पेंश ऑफ वर्क का नोटिस जारी किया गया था. रात को यह खबर सभी चाय श्रमिकों के पास नहीं पहुंचा था. आज बुधवार सुबह जब श्रमिक काम के लिए बागान पहुंचे तो उन्हें यह नोटिस दिखाई दिया.
चाय प्रबंधक एवं अन्य सहायक प्रबंधक चाय बागान को छोड़कर जाने के साथ ही कार्यालय में कर्मचारी नहीं दिखने के बाद श्रमिक आक्रोशित हो गये. उसके बाद चाय श्रमिकों को चाय बागान प्रबंधक कार्यालय के आगे गेट मीटिंग करते हुए विक्षोभ प्रदर्शन शुरु कर दिया. गेट मीटिंग में श्रमिकों ने द्रुत चाय बागान को खोलन की मांग की. माल बाजार महकमा शासक सियाद ऐन ने कहा कि चेंगमारी चाय बागान के समस्या समाधान को लेकर जल्द ही त्रिपक्षीय वार्ता करने का प्रयास चल रहा है.
गेट मीटिंग के दौरान चाय बागान में नागराकाटा विधायक तथा तृणमूल मजदूर यूनियन के महासचिव सुकरा मुंडा पहुंचे. वहां पहुंचकर उन्होंने माहौल को शांत करने का प्रयास किया. उन्होंने बताया कि चाय बागान को बंद करने के निर्णय का हम विरोध करते हैं. फिर भी श्रमिकों को धैर्य रखने के लिए कह गया है. संपूर्ण विषयों के बारे में प्रशासन को अवगत करा दिया गया है. चाय बागान को लेकर राज्य के श्रम मंत्री से बातचीत करने की बात कही. लुकसान ग्राम पंचायत के नवनिवार्चित प्रधान मनोज मुंडा का कहना है कि किस कारण से मालिक पक्ष चाय बागान को बंद कर चले गए हैं.
यह अभी तक स्पष्ट नहीं हो पाया है. गत 24 दिसंबर को प्रबंधक के साथ किसी भी प्रकार की अप्रिय घटना नहीं हुयी है. फैक्ट्री में काम करनेवाले श्रमिकों को रविवार को काम करके इसके बदले सोमवार को छुट्टी करने के निर्णय को चाय श्रमिक नेताओं की ओर मंजूरी दिया गया था. लेकिन श्रमिक इस युक्ति को किसी हालत में मानने के लिए तैयार नहीं थे. नागराकाटा ब्लॉक तृणमूल सभापति एवं चाय बागान के स्थानीय निवासी अमरनाथ झा ने कहा कि चेंगमारी चाय बागान समस्या को लेकर शीर्ष नेता और विभाग को अवगत करा दिया गया है.
गौरतलब है कि 1400 हेक्टेयर में फैला हुआ यह चाय बागान उत्तर बंगाल ही नहीं ब्लकि भारत का बृहतम चाय बागान है. इस चाय बागान में कुल 20 हजार श्रमिक कार्य करते हैं.
जबकि स्थाई और अस्थायी मिलाकर कुल छह हजार श्रमिक आश्रित हैं. केवल चेंगमारी ही नहीं ब्लकि अपना परिवार का लालन-पालन करने के लिए निकट स्थित बंद केरन चाय बागान, बंद धरनीपुर चाय बागान सहित लुकसान और लालझमेला बस्ती के श्रमिक भी इस पर निर्भर हैं. उधर संपूर्ण लुकसान का व्यापार वाणिज्य भी चेंगमारी चाय बागान के पर टिका हुआ है.
यदि जल्द चाय बागान नहीं खुलता है तो प्रस्थिति काफी जटिल होने की संभावना जतायी गयी है. मालिक पक्ष का आरोप है कि 24 दिसम्बर को श्रमिकों का विक्षोभ प्रर्दशन के दौरान चाय बागान तीन परिचालक घायल हुये हैं. अशांति और असुरक्षा का हवाला देते हुए बागान प्रबंधक चाय बागान को छोड़कर जा चुके हैं.
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