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पांच एकड़ जमीन पर निजी, सरकारी कब्जा
रूपनारायणपुर : इसीएल सालानपुर एरिया के ईटापाड़ा प्रोजेक्ट में कंपनी की 60.805 एकड़ ए थ्री लैंड में से पांच एकड़ जमीन सरकारी भेस्ट व निजी मालिकाने के खाते में चली गयी है. प्रबंधन द्वारा बाराबनी बीएलएंडएलआरओ कार्यालय से ईटापाड़ा प्रोजेक्ट के दायरे में दो मौजा आमडीहा और बिला का प्लॉट इन्फॉर्मेशन (पीआई) निकालने पर उसे […]
रूपनारायणपुर : इसीएल सालानपुर एरिया के ईटापाड़ा प्रोजेक्ट में कंपनी की 60.805 एकड़ ए थ्री लैंड में से पांच एकड़ जमीन सरकारी भेस्ट व निजी मालिकाने के खाते में चली गयी है. प्रबंधन द्वारा बाराबनी बीएलएंडएलआरओ कार्यालय से ईटापाड़ा प्रोजेक्ट के दायरे में दो मौजा आमडीहा और बिला का प्लॉट इन्फॉर्मेशन (पीआई) निकालने पर उसे यह जानकारी मिली कि उसके 61 एकड़ जमीन में से पांच एकड़ जमीन गायब है.
जिसे लेकर तत्काल प्रबंधन ने बीएलएंडएलआरओ को सूचित किया और प्रोजेक्ट के लिए कहां कितनी जमीन अधिग्रहण करनी है, इसकी अधिसूचना की प्रति भी उन्हें प्रदान की. ईंटापाड़ा प्रोजेक्ट के लिए कुल 152.69 एकड़ जमीन की जरूरत है. जिसमे 61 एकड़ जमीन कंपनी की है. बाकी 91.649 एकड़ जमीन कंपनी को अधिग्रहण करना है.
जिसके लिए डेमोग्राफिक सर्वे का कार्य भी पूरा हो चुका है. महाप्रबंधक अनुराग कुमार ने कहा कि कोलियरियों का राष्ट्रीयकरण होने के बाद ए वन, ए टू और ए थ्री तीन केटेगरी में जमीन कंपनी को मिली थी. यहां कंपनी ने भी वर्ष 1987 तक कार्य किया है. इसके बावजूद यहां की जमीन भेस्ट हो गयी या निजी मालिकाने में चली गयी. जिसे लेकर प्रशासन को चिट्ठी लिखी गयी है. उक्त तीन केटेगरी के जमीन को कंपनी खरीद नहीं सकती है न ही वहां बसे लोगों को मुआवजा दे सकती है, क्योंकि यह जमीन कंपनी की है.
सालानपुर का भविष्य है ईंटापाड़ा
सालानपुर एरिया के लिए ईंटापाड़ा प्रोजेक्ट सबसे बड़ा प्रोजेक्ट है. तीस लाख टन कोयला उत्पादन के लिए मेगा प्रोजेक्ट तैयार है. हालांकि सीएमपीडीआई द्वारा कोयले की गुणवत्ता को लेकर पेश की गयी रिपोर्ट के बाद इस प्रोजेक्ट को घाटे का कार्य मानकर इसे ठंडे बस्ते में डाल दिया गया था.
महाप्रबंधक श्री कुमार ने मेगा प्रोजेक्ट के पूर्व छोटे स्तर पर यहां कार्य करने के लिए फाइल आगे बढ़ायी. जिसे मुख्यालय ने मंजूरी दी.
फिलहाल यहां 29.54 लाख टन कोयला और 36.31 लाख क्यूबिक मीटर ओबी खनन के कार्य के लिए आउटसोर्सिंग स्तर पर पांच साल के लिए कार्य आरंभ हुआ है. यदि इस प्रोजेक्ट से मुनाफा होता है तो फिर यहां मेगा प्रोजेक्ट का कार्य आरंभ हो जायेगा.
सात प्लॉट से पांच एकड़ जमीन गायब
प्रबंधन सूत्रों के अनुसार बाराबनी प्रखण्ड के दो मौजा बिला और आमडीहा में ईटापाड़ा प्रोजेक्ट का कार्य चल रहा है. यहां दोनों मौजा में कंपनी का कुल 60.805 एकड़ जमीन ए थ्री लैंड है. जिसमे से बिला मौजा के 23 नम्बर प्लॉट में दो एकड़ ए थ्री लैंड से 0.40 एकड़ निजी मालिकाने के नाम पर और 0.16 एकड़ जमीन भेस्ट हो गयी है.
इसी प्रकार प्लॉट नम्बर 27 में 1.35 एकड़ में से 0.92 एकड़, 57 नम्बर प्लॉट में 0.40 एकड़ में से 0.03 एकड़, 103 नम्बर प्लॉट में 0.35 एकड़ में से 0.18 एकड़, 117 नम्बर प्लॉट में 0.52 एकड़ में सम्पूर्ण जमीन, 129 नम्बर प्लॉट में 0.42 में से 0.03 एकड़, 139 नम्बर प्लॉट में 0.74 एकड़ में सम्पूर्ण जमीन ही या तो भेस्ट है या निजी मालिकाने में है. आमडीहा मौजा में 651 नम्बर प्लॉट में 0.96 एकड़ में से 0.74 एकड़, 647 नम्बर प्लॉट में 0.27 एकड़ में समूर्ण जमीन, 633 नम्बर प्लॉट में 0.02 एकड़ में सम्पूर्ण जमीन और 626 नम्बर प्लॉट में 0.01 एकड़ जमीन में 0.01 एकड़ जमीन ही गायब है.
नहीं मिलेगा ए थ्री लैंड का मुआवजा
महाप्रबंधक श्री कुमार ने कहा कि ए थ्री लैंड जमीन को प्राप्त करने के लिए कार्यवाई आरम्भ की गयी है. जो जमीन भेस्ट कर दी गयी है उसे पुनः सरकार से वापस लेने के लिए पत्र भेजा गया है. ए थ्री लैंड जो किसी कारण निजी मालिकाने के नाम पर है, उसका मुआवजा नहीं दिया जा सकता है. क्योंकि यह जमीन कंपनी की है.
प्रोजेक्ट में 91. 649 एकड़ जमीन का अधिग्रहण
श्री कुमार ने बताया कि ईंटापाड़ा प्रोजेक्ट में 91.649 एकड़ जमीन अधिग्रहण की जायेगी. जिसमें 0.04 एकड़ जमीन सरकार से लेना है. 15.745 एकड़ जमीन पट्टा धारकों से लेना है और 76.100 एकड़ जमीन निजी मालिकों से लेना है. जिसके लिए कंपनी के आरआर पॉलिसी के तहत मुआवजा की राशि तैयार की गयी है.
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