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सरना धर्म को मान्यता दिलाने के लिए आदिवासियों ने ट्रेनें रोकी

आद्रा / नितुरिया / आसनसोल : दक्षिण पूर्व रेलवे के आद्रा मंडल के मधुकुंडा, इंद्रबिल एवं कांटाडीह स्टेशनों पर सोमवार को झारखंड दिशम पार्टी और आदिवासी सेन्गेल अभियान के समर्थकों के रेल रोको आंदोलन से आसनसोल-टाटा तथा आसनसोल-आद्रा रेलखंड में ट्रेनों का परिचालन बुरी तरह प्रभावित हुआ. उन्होंने सरना धर्म को राष्ट्रीय स्तर पर मान्यता […]

आद्रा / नितुरिया / आसनसोल : दक्षिण पूर्व रेलवे के आद्रा मंडल के मधुकुंडा, इंद्रबिल एवं कांटाडीह स्टेशनों पर सोमवार को झारखंड दिशम पार्टी और आदिवासी सेन्गेल अभियान के समर्थकों के रेल रोको आंदोलन से आसनसोल-टाटा तथा आसनसोल-आद्रा रेलखंड में ट्रेनों का परिचालन बुरी तरह प्रभावित हुआ. उन्होंने सरना धर्म को राष्ट्रीय स्तर पर मान्यता देने की मांग की. यात्रियों को घंटों परेशानियों का सामना करना पड़ा. आधा दर्जन से अधिक ट्रेनों का परिचालन रद्द कर दिया गया. मंगलवार को भी इनका परिचालन बंद रहेगा. राजधानी एक्सप्रेस समेत चार ट्रेनों को रूट बदल कर चलाया गया.
झारखंड दिशम पार्टी और आदिवासी सेन्गेल अभियान के समर्थकों ने सुबह छह बजे कांटाडीह, मधुकुंडा और इंद्रबिल स्टेशनों पर नारे लगाते हुए बैनर एवं प्लेकार्ड के साथ प्रवेश किया. रेल रोको आंदोलन के तहत उन्होंने रेलवे ट्रैक पर धरना देना शुरू किया. मंडल रेल प्रबंधक शरद कुमार श्रीवास्तव ने कहा कि पूर्व सूचना मिलने के कारण कानून-व्यवस्था बनाये रखने, आंदोलन के दौरान किसी अप्रिय घटना से बचने एवं आंदोलन शीघ्र समाप्त करने के लिए पुरुलिया की जिला पुलिस के साथ-साथ जीआरपी एवं रेल सुरक्षा बल के जवान इन तीनों रेलवे स्टेशनों पर तैनात किये गये थे.
उन्होंने कहा कि जिला प्रशासन से लगातार बातचीत के बाद मधुकुंडा में दोपहर 12 बजे, इंद्रबिल में 12.45 बजे और कांटाडीह में 14.30 बजे आंदोलनकारियों ने धरना समाप्त किया. आंदोलनकारियों ने न केवल ड्यूटी पर तैनात रेलवे कर्मचारियों को बाधा पहुंचायी बल्कि उपद्रव और रेलवे ट्रैक पर धरना देकर रेल परिचालन को भी अवरूद्ध किया, जिससे बहुत से यात्रियों को अपनी ट्रेन नहीं मिली, बहुत से लोग अपनी ड्यूटी पर नहीं जा सके. छात्रों के सामने समस्या आयी. बहुत से मरीज अस्पतालों तक नहीं पहुंच पाये और इसके साथ-साथ रेलवे एवं राष्ट्र को राजस्व की भारी हानि हुई.
श्री श्रीवास्तव ने बताया कि आंदोलन के दौरान 15 आंदोलनकारियों एवं उनके समर्थकों के खिलाफ मामला दायर किया गया है. मामले को रेलवे प्रशासन ने अत्यंत गंभीरता से लिया है क्योंकि ऐसे आंदोलनों से जनता या रेलवे या राष्ट्र को कोई लाभ नहीं होता बल्कि इससे सरकारी कर्मचारियों और जनता को काफी परेशानी उठानी पड़ती है और सरकार का भारी नुकसान होता है.
आसनसोल-टाटा व आसनसोल-आद्रा रेलखंड में ट्रेनों का परिचालन बाधित
ये ट्रेनें प्रभावित हुईं: ट्रेन संख्या 63598 आसनसोल-रांची पैसेंजर, 68065 आद्रा-आसनसोल पैसेंजर, 068064 आसनसोल-आद्रा पैसेंजर, 63592 आसनसोल-बोकारो पैसेंजर, 63591 बोकारो-आसनसोल पैसेंजर, 68055 आसनसोल-टाटा पैसेंजर, 68067 आद्रा-आसनसोल पैसेंजर, 68089/68090 आद्रा-मिदनापुर-आद्रा पैसेंजर, 18183 टाटा-दानापुर एक्सप्रेस एवं 58025 खड़गपुर-हटिया पैसेंजर ट्रेनों का परिचालन रद्द हुआ तथा इस आंदोलन के प्रभाव के कारण 22 मई को भी ये ट्रेनें रद्द रहेंगी.
उन्होंने कहा कि आंदोलन के फलस्वरूप चार ट्रेनों को मार्ग परिवर्तन कर चलाया गया. जिसमें ट्रेन संख्या 20818 नयी दिल्ली-भुवनेश्वर राजधानी एक्सप्रेस भी शामिल थी. कई ट्रेनों को सेक्शन में काफी देर तक रोककर कर रखना पड़ा और विलंब से चलाया गया, सात ट्रेनों को शॉर्ट टर्मिनेट किया गया जिसमें ट्रेन संख्या 58163 गरबेता-रांची एक्सप्रेस, 68087 विष्णुपुर-धनबाद एक्सप्रेस, 58017 खड़गपुर-आसनसोल एक्सप्रेस, 58662 हटिया-टाटा एक्सप्रेस, 68083 विष्णुपुर-आद्रा एक्सप्रेस प्रमुख है. जबकि ट्रेन संख्या 22605 पुरुलिया-विल्लुपुरम् एक्सप्रेस को 13 घंटे 25 मिनट विलंब से खुलने के लिए पुनर्निर्धारित किया गया.

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