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दुर्गापुर लूटकांड में छह काट रहे आजीवन कारावास

आसनसोल / दुर्गापुर : बेनाचिति बाजार स्थित मुथूट फाइनेंस गोल्ड में बीते एक फरवरी, 2013 को अपराधियों ने लूट कांड को अंजाम दिया था. इसमें पुलिस ने छह अपराधियों को गिरफ्तार किया था. दुर्गापुर के अतिरिक्त जिला एवं सत्न न्यायालय ने कस्टडी ट्रायल के बाद उन्हें दोषी करार दिया. एडीजे अमलेंदु भौमिक ने सभी आरोपियां […]

आसनसोल / दुर्गापुर : बेनाचिति बाजार स्थित मुथूट फाइनेंस गोल्ड में बीते एक फरवरी, 2013 को अपराधियों ने लूट कांड को अंजाम दिया था. इसमें पुलिस ने छह अपराधियों को गिरफ्तार किया था. दुर्गापुर के अतिरिक्त जिला एवं सत्न न्यायालय ने कस्टडी ट्रायल के बाद उन्हें दोषी करार दिया. एडीजे अमलेंदु भौमिक ने सभी आरोपियां को उम्र कैद की सजा सुनायी. इनमें रंजीत कुमार गिरि, नंदलाल महतो, उत्तम महतो, बाबू राज उर्फ सिद्धार्थ सिंह, दशरथ महतो एवं सुबोध महतो शामिल थे.

सभी सीमावर्ती झारखंड के धनबाद जिले के बरवड्डा इलाके के निवासी हैं. मुथूट फाइनेंस गोल्ड लोन कार्यालय में बीते एक फरवरी, 2013 में अपराधियों ने दिनदहाड़े धावा बोलकर 36 किलो सोना एवं 11 लाख रुपये कैश की डकैती की थी. तत्कालीन डीसीपी सुनील कुमार यादव के नेतृत्व में इसकी जांच की गयी थी. धनबाद के विभिन्न इलाकों में छापेमारी कर 12 लोगों को हिरासत में लिया था एवं साढ़े चार किलो सोना बरामद किया था. कस्टडी ट्रीयल के दौरान छह आरोपियों को साक्ष्य के अभाव में रिहा कर दिया गया था.

इनमें अमित चौधरी, मोहम्मद इजराइल, मुनिया देवी, टूनिया देवी एवं अजय महतो शामिल है. एक अन्य आरोपी की मौत हो चुकी है. मामले का मास्टर माइंड उत्तम महतो को बताया गया था. उसके खिलाफ देश के विभिन्न राज्यों बिहार, उड़ीसा, झारखंड, बंगाल के कई थानाओ में लूट व डकैती के मामले दर्ज है.

सुबह नौ बजे ही मुथूट फाइनेंस कार्यालय को बना लिया अपना निशाना
35 मिनट में कार्य कर निकले आराम से, सारी व्यवस्था हुया ध्वस्त
पुलिस आयुक्त एलएन मीणा सहित वरीय पुलिस अधिकारियों का दौरा
सब कुछ हुआ फिल्मी अंदाज में
शनिवार सुबह नौ बजे मुथुड फाइनेंस कोर्ट मोड शाखा की प्रबंधक पापड़ी बसुनायक ने गनमैन गार्ड की अनुपिस्थति में अपने अकाउंट स्टॉफ सुदीप कोनार और ऑफिस बॉय बाबन दास को लेकर अपने कार्यालय को खोला. कार्यालय खुलते ही हथियार से लैस दो अपराधी उनके पीछे से दाखिल हुए और तीनों को बंधक बना लिया. कुछ ही देर बाद आर्म्स गार्ड तापस सामंत और गार्ड अभिजीत दास कार्यालय में प्रवेश करते ही दो और अपराधी उन्हें भी पीछे से आकर बंधक बना लिया. अंत मे अकाउंट स्टॉफ चंदन गिरि प्रवेश करते ही उनके पीछे से भी दो अपराधी आकर उनके कनपट्टी पर पिस्टल सटाकर उन्हें भी बंधक बना लिया.
कुछ बातचीत करने से पहले ही अपराधियों ने सभी कर्मियों की जमकर पिटाई कर दी. महिला शाखा प्रबंधक के साथ भी अपराधियों ने हाथापायी की. अपराधी वोल्ट की चाबी मांगने लगे. चाबी नहीं मिलने पर पुन: पिटायी की. शाखा प्रबंधक के पर्स से अपराधियों ने वोल्ट की चाबी निकाली और सभी को जमीन पर औंधे मुंह के बल लिटा दिया और वोल्ट से सोना और नगदी लूटकर आसानी से बाहर निकले और पल्सर बाइकों से फरार हो गये.
सुबोध कांत के शामिल होने की संभावना
अपराधियों ने जिस प्रकार इस कांड को अंजाम दिया है, वह स्टाईल पूर्ण रूप से बैंक रॉबरी के मास्टर माइंड नालंदा बिहार निवासी सुबोध कांत सिंह का है. इससे पहले सुबोध नागपुर में मांनीपुरम फाइनेंस में 30 किलोग्राम सोना और तीन लाख रु पया नगद लूट कांड को अंजाम दे चुका है. वहां उसने चोरी की कार का उपयोग किया था. उसका कार्य क्षेत्न पश्चिम बंगाल, चंडीगड, कर्नाटक, तमिलनाडु, बिहार आदि राज्य प्रमुख है. वह सिर्फ वित्तीय संस्थानों पर ही डाका डालता है.
डाका डालने से पहले वह जिस इलाके में कार्य को अंजाम देगा, गूगल से उस इलाके का नक्शा पूरा खंगाल लेता है. क्षेत्न की स्टडी करने के बाद वह उस इलाके में आकर रैकी करने के बाद कांड को अंजाम देता है. महानगरों में इस प्रकार के कार्य को अंजाम देने के लिए वह चार बाइकों का इस्तेमाल करता है. अधिकांश गाडियां चोरी की होती है ।
कौन है सुबोध कांत सिंह
बिहार नालंदा जिला का यह युवक सुबोध पढ़ाई लिखाई में काफी तेज था. माध्यमिक परीक्षा में वह राज्य के टॉपरों की सूची में शामिल था.चर्चा है कि उसे नेवी में भी चांस मिला था. मुम्बई में वह नौकरी के लिए परीक्षा देने गया. उसी समय पुलिस ने किसी मामले में उसे पकड़ा और बैंक रॉबरी केस में डाल दिया. जेल से निकलने के बाद वह अध्यात्म की ओर चला गया लेकिन पुलिस ने उसका पीछा नहीं छोड़ा और कई अन्य आपराधिक मामले में उसे पकड़ लिया. इसके बाद जब वह जेल से निकला तो पूर्ण रूप से अपराधी बनकर निकला और उसका लक्ष्य सिर्फ बैंक और वित्तीय संस्थानों को लूटना है. जिसके लिए पुरे देश की पुलिस उसकी तलाश कर रही है.
बर्नपुर : बर्नपुर रोड स्थित मुत्थूड फाईनेंस गौल्ड लॉन के कार्यालय में शनिवार की सुबह डकैती की घटना से इलाके में सन्नाटा फैल गया. एक एक कर लोग मुत्तू फाइनेंस गोल्ड लोन कार्यालय के सामने एकत्रित होने लगे. सभी के चेहरे उदास थे. वे एक दूसरे से पूछ-ताछ कर रहे थे. उनके जेवर उनको वापस मिलेंगे या नहीं.
सज्जद खान ने कहा कि एक सप्ताह पहले ही वे अपनी पत्नी के गहने गिरवी रखकर 45 हजार रूपये का कर्ज लेकर गये है. इस घटना को सूनने के बाद वे तुरंत बराकर से आसनसोल पहुंच गये. उन्होंने कहा कि फाइनेंस कंपनी में सुरक्षा की व्यवस्था तो ठीक ठाक थी. इस प्रकार की घटना से लोगो में हताशा है.
इस बारे में काई भी कुछ बता भी नही रहा है. इससे और भी चिंता बढ़ रही है. स्वरूप मल्ल्कि ने कहा कि वे आसनसोल में रहते है. बीते एक वर्ष पहले 40 हजार रूपये का कर्ज लिया था. जिसकी मासिक व्यॉज की राशि का भुगतान किया करते है. इस घटना से उनके परिवार में अफरा तफरी मची हुयी है. उन्होने कहा कि उनके भाई तपन सानी का 1.3 लाख रूपया भी जमा है. प्रबोध राय ने कहा कि उन्होने एक वर्ष पहले तीन लाख रूपये कर्ज लेकर घर बनावाया था. इस डैकती की घटना से वे स्तब्ध है.
इसलिए खुद मौके पर पहुंचकर स्थिति का मुआयना किया. साथ ही पुलिस अधिकारियो से बातचीत भी की. किसी भी प्रकार को साकारात्मक जबाव नहीं मिल रहा है. इस प्रकार की डैकती की घटना से लोग परेशान हो गये है. संजय मंडल ने कहा कि 1.5 लाख रूपये का जेवरात गिरवी रखकर 90 हजार रूपये का कर्ज लिया था. डैकती की खबर से उनके परिवार निराशा में डूब गये. इस प्रकार की घटना से कंपनी की सुरक्षा व्यवस्था पर सवालिया निशान लग गया है. साबिर खान ने कहा कि बीते वर्ष 1.5 लाख रूपये के जेवरात के बदले 85 हजार रूपये कर्ज लिया था. जैसे ही डैकती की खबर मिली वे दौड कर कंपनी के सामने पहुंच गये. लेकिन मुत्तू फाइंनेंस के गेट बंद होने के कारण वे लोग बाहर की ओर आकर बैठे है.
सड़क के सभी चौराहे पर लगे सीसीटीवी के फुटेज संग्रह
कांड को अंजाम देने के बाद नौ बजकर चालीस मिनट के बाद से शहर के सभी चौराहों पर लगे सीसीटीवी की फुटेज पुलिस ने संग्रह किया है. स्नेहा अपार्टमेंट में स्थित मेडिकेयर इमेज, मणिकार ज्वेलर्स और सामने लाईटपोस्ट पर लगे सीसीटीवी के फुटेज में अपराधियों के हरकत का पता चला है. सारे अपराधी आसानी से एक एक करके लगेज बैग लेकर हेलमेट पहने सीढ़ी से उतर रहे है और बाइक पर बैग को रखकर निकल गये. इसमें छह लोगों को ही तीन बाइक पर देखा गया है. जबकि इनकी संख्या शाखा प्रबंधक के अनुसार आठ थी. जबकि पुलिस के अनुसार इनकी संख्या और भी ज्यादा हो सकती है. सड़क पर भी बाइक से कुछ लोग निगरानी के लिए खड़े रहे होंगे. सभी बजाज पल्सर बाइक पर सवार थे.
सभी अपराधी बात कर रहे थे हिंदी में
शाखा प्रबंधक श्रीमती बसुनायक ने बताया कि शाखा के अंदर जो भी अपराधी दाखिल हुए थे. सभी हेलमेट के अंदर भी कपड़ा से चेहरे को ढंक रखा था और एक दूसरे से या चाबी मांगने के लिए जो भी बात की, वह हिंदी में की. सभी काफी उग्र थे, लीडर की उम्र 35 वर्ष तथा शेष की उम्र 20 वर्ष के करीब थी. माना जा रहा है कि लीडर सुबोध कांत था. जबकि उसने नये अपराधियों को लेकर गैंग बनाया है.
एक अपराधी के जेब से मोबाइल गिरा
कांड को अंजाम देने के बाद सारे अपराधी पहले चित्र मोड़ की ओर निकले. उसके बाद आगे से मुडकर कोर्ट मोड से होकर निकले. तीनों बाइक एक साथ निकल रही थी. इनमें दो काले रंग तथा एक नीले रंग की थी. इसी क्र म में कोर्ट मोड के पास नीले रंग की बाइक पर सवार अपराधी के जेब से मोबाइल फोन गिर गया. वहां खड़े लोगों ने चिल्ला कर उन्हें रोकने की कोशिश कीतथा कहा कि मोबाइल गिर गया. अपराधियों ने पीछे मुड़कर नहीं देखा. वह मोबाइल फोन वहां खड़ा एक युवक लेकर चला गया.
पुलिस ने की चारो ओर नाकेबंदी
अपराधियों ने कांड को अंजाम देने के दौरान बंधक बनाए गए सभी कर्मियों का मोबाइल फोन ले लिया था और उसे स्विच ऑफ कर अपने साथ रख लिया था. गार्ड अभिजीत दास का मोबाइल स्विच ऑफ नहीं हुआ था. पुलिस ने जब दोपहर को सभी मोबाईलों की जांच आरम्भ की तो उसमें गार्ड के मोबाइल फोन का टॉवर लोकेशन दर्शाने लगा. जो चंद्रचूड मंदिर और जुबली मोड़ के बीच एक बार आना जाना किया. पुलिस तत्काल सालानपुर, कुल्टी, और आसनसोल नार्थ थाना को सूचना देकर हाईवे सहित अनेक इलाकों में नाकाबंदी कर बाइकों की जांच आरम्भ कर दी. लेकिन कोई सफलता नहीं मिली.
हावड़ा कमिश्नरेट की डीडी टीम आयेगी
मुत्थुड फाइनेंस के गुडगांव और हावडा में स्थित शाखा पर डकैती की योजना नाकामयाब हो गयी थी. हावडा कमिश्नरेट की खुफिया विभाग (डीडी) मामले की जांच कर रही है. इस बीच आसनसोल में अपराधियों द्वारा शनिवार को इस कांड के सफल अंजाम देने की सूचना पाकर हावडा खुफिया विभाग के अधिकारी सोमवार को मामले से जुडी तथ्यों का आदान प्रदान के साथ मामले की जांच में सहयोग करने के लिए आयेंगे.
मेडिकेयर के पास खड़े थे दर्जनों
स्नेह अपार्टमेंट में फस्र्ट फ्लोर में जहां मुत्थुड का ऑफिस है. वहां मेडिकेयर का लैब है. यहां सुबह से ही लोगों की लाइन लगी होती है. इसी का फायदा अपराधियो ने उठाया. आसानी से कांड को अंजाम देकर निकल गये. नीचे मणिकार ज्वेलर्स के बाहर गार्ड भी था । उसे भी कुछ समझ मे नहीं आया ।
बैंक कर्मियों को जानते थे अपराधी
पुलिस के अनुसार अपराधियों ने कांड को अंजाम देने से पहले काफी रैकी की थी. अलार्म और सीसीटीवी खराब है, उन्हें पता था. उन लोगों ने जब शाखा प्रबंधक से चाबी मांगा तो वह देने में आना कानी कर रही थी. उसे कहा गया कि तुम नरसिंगबांध में रहती हो, एक बेटा भी है. उसे भी नुकसान पहुंचा दिया जायेगा. जल्दी चाबी दो. यानी अपराधियों ने शाखा कर्मियों का पूरा बॉयोडाटा भी संग्रह किया था.
संस्था ने कहा – ग्राहकों का सोना सुरक्षित
कंपनी के महाप्रबंधक आरएम दीवान ने कहा कि अपराध के बाद कुछ समय के लिए कार्यालय बंद किया गया है. चिंता की बात नहीं है. सबके जेवन सुरक्षित हैं. कार्यालय के अधिकारियों ने भी कहा कि सभी का सोना सुरक्षित है. किसी भी ग्राहक को कोई नुकसान नहीं होगा. मंगलवार से सब कुछ सामान्य हो जायेगा.

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