सिलीगुड़ी: कॉलेज छात्र संघ चुनाव में राज्य के विभिन्न हिस्सों जैसी ही स्थिति सिलीगुड़ी में भी देखने को मिली. सिलीगुड़ी व आस-पास के कॉलेजों में नामांकन पत्र लेने व जमा देने के दौरान माकपा समर्थित स्टूडेंट फेडरेशन ऑफ इंडिया(एसएफआई) के सदस्यों को लहूलुहान कर अस्पताल पहुंचा दिया गया. तृणमूल छात्र परिषद और एसएफआई के बीच हुए संघर्ष को नियंत्रित करने के लिये जिला पुलिस को आंसू गैस के गोले दागने पड़े. दोनों राजनीतिक छात्र संगठनों के बीच झड़प में कुल चार लोग घायल हुए हैं.
उल्लेखनीय है कि उत्तर बंगाल विश्वविद्यालय के अंतर्गत सिलीगुड़ी व आस-पास स्थित कॉलेजों में छात्र संघ चुनाव की प्रक्रिया शुरू हो गयी है. अधिकांश कॉलेजों में उम्मीदवारी के लिये नामांकन पत्र लेने व देने की प्रक्रिया जारी है. सोमवार को नक्सलबाड़ी कॉलेज में नामांकन पत्र लेने की प्रक्रिया के दौरान टीएमसीपी और एसएफआई के बीच विवाद शुरू हो गया. आरोप है कि टीएमसीपी के सदस्य अन्य राजनीतिक पार्टियों के सदस्यों को कॉलेज परिसर में दाखिल ही नहीं होने दे रहे थे. इसका विरोध करने पर हाथापाइ की स्थिति पैदा हो गयी. इसके बाद कॉलेज का गेट तोड़कर तृणमूल समर्थकों के साथ कुछ बाहरी लोग कॉलेज परिसर में घुसे और एसएफआई सदस्यों को पीटना शुरू कर दिया. दो राजनीतिक पार्टियों के बीच हिंसक झड़प में कइ विद्यार्थी घायल हुए. इनमें से चार को अस्पताल पहुंचाया गया. इन चारों में एक को प्राथमिक चिकित्सा के बाद छोड़ दिया गया है जबकि तीन की स्थिति गंभीर बतायी जा रही है. टीएमसीपी और एसएफआई के बीच संघर्ष को नियंत्रित करने के लिये पुलिस ने काफी प्रयास किया. अंत में पुलिस की ओर से तीन सेल आंसू गैस दागे गये. आंसू के गोले दागे जाने के बाद दोनों पार्टियों के सदस्य तितर-बितर हुए और पुलिस ने स्थिति को नियंत्रित किया. एसएफआई से मिली जानकारी के अनुसार नक्सलबाड़ी कॉलेज के छात्र संसद में कुल 22 सीट है. एसएफआई ने सभी सीटों के लिये नामांकन पत्र लिया था लेकिन टीएमसीपी वालों ने 10 से 12 उम्मीदवारों का नामांकन पत्र फाड़ दिया.
दूसरी तरफ सिलीगुड़ी कॉलेज में भी छात्र संघ चुनाव के तहत नामांकन पत्र लेने के पहले दिन स्थिति तनावपूर्ण रही. सोमवार सुबह से ही टीएमसीपी के सदस्य कॉलेज के द्वार पर अपनी गुटबंदी करते दिखे. सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार सिलीगुड़ी कॉलेज में भी तृणमूल छात्र परिषद का दो गुट देखा गया. बारह बजे से नामांकन पत्र लेने का समय निर्धारित किया गया है. समय से पहले ही एसएफआई के सदस्य भी सिलीगुड़ी कॉलेज के गेट पर उपस्थित हुए. शांतिपूर्ण चुनाव प्रक्रिया जारी रखने के उद्देश्य से पहचान जांच कर सिर्फ विद्यार्थियों को परिसर में दाखिल कराने की व्यवस्था की गयी थी. कॉलेज के सुरक्षा कर्मी सहित कई अध्यापक गेट पर उपस्थित थे. एसएफआई सदस्यों को देखते ही टीएमसीपी के समर्थक बौखला उठे. एसएफआई के सदस्यों को निशाने पर लेकर हमला बोल दिया. इसी दौरान एसएफआई के राज्य कमिटी सदस्य सागर शर्मा के सर पर गहरी चोट आयी और वे लहूलुहान हो गये. एसएफआई के अन्य सदस्यों ने तुरंत उसे सिलीगुड़ी जिला अस्पताल पहुंचाया. शांति व्यवस्था कायम रखने के लिये सिलीगुड़ी कॉलेज में भी काफी संख्या में पुलिस के जवानों की तैनाती की गयी थी. स्थिति को बिगड़ते देखकर पुलिस ने भी मोरचा संभाला और स्थिति को नियंत्रित किया.
छात्र संघ चुनाव को लेकर पूरे राज्य का राजनीतिक माहौल गरम है. राजनीतिक पार्टियों के वरिष्ठ नेताओं की नजर इस चुनाव पर है. राज्य की तृणमूल सरकार की तरह तृणमलू छात्र परिषद भी प्रदेश के सभी विश्वविद्यालय और महाविद्यालयों पर निर्विरोध पकड़ बनाने को आतुर है. इस आतुरता को पूरा करने के लिये तृणमूल छात्र परिषद ने एक रणनीति बनाई है. विरोधी पार्टियों को चुनाव से हटाने के लिये नामांकन पत्र लेने ही नहीं दिया जा रहा है. सोमवार को सिलीगुड़ी व नक्सलबाड़ी कॉलेज में हुइ हिंसा पर एसएफआई ने टीएमसीपी पर करारा प्रहार किया है. एसएफआई के दार्जिलिंग जिलाध्यक्ष सौरभ दास ने बताया कि टीएमसीपी गणतांत्रिक पद्धति से डर रही है. चुनाव में हार के डर से तृणमूल अपनी शक्ति का प्रयोग कर विरोधियों को चुनाव मैदान में उतरने नहीं दे रही है. बागडोगरा कॉलेज, सूर्यसेन कॉलेज आदि में तृणमूल की गुंडागर्दी साफ इसी ओर इशारा करती है.
काफी हंगामे के बाद भी एसएफआई ने बागडोगरा कॉलेज में कुछ पदों पर नामांकन जमा किया है. बचे उम्मीदवारों का नामांकन मंगलवार को जमा कराया जायेगा. सोमवार को सिलीगुड़ी व नक्सलबाड़ी कॉलेज में जो हुआ वह विद्यार्थियों के अधिकार का हनन है. सिलीगुड़ी कॉलेज में दो व नक्सलबाड़ी कॉलेज में सैकड़ो एसएफआई सदस्य घायल हुए हैं. नक्सलबाड़ी कॉलेज के तीन एसएफआई सदस्यों की स्थिति गंभीर है.
जबकि सिलीगुड़ी कॉलेज के संघर्ष में एसएफआई के राज्य कमिटी सदस्य सागर शर्मा भी बुरी तरह से जख्मी हुए हैं. पुलिस की भूमिका पर सवालिया निशान लगाते हुए घायल सागर शर्मा ने बताया कि चुनाव प्रक्रिया के दौरान शांति व्यवस्था बनाये रखने के लिये पुलिस प्रशासन को पहले ही ज्ञापन सौंपा गया था. फिर भी मूकदर्शक वाली भूमिका पुलिस प्रशासन के निष्पक्षता पर प्रश्नचिन्ह लगाता है. इस संबंध में तृणमूल छात्र परिषद के जिलाध्यक्ष निर्णय राय से संपर्क करने की कोशिश की गयी लेकिन संपर्क नहीं हो पाया है.