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लाखों रुपये की जालसाजी मामले में BJP लीडर जयप्रकाश भेजे गये पुलिस रिमांड में

तीन दिन की पुलिस रिमांड में भेजा गया भाजपा नेता को सरकारी वकील ने गवाहों को प्रभावित करने की दी दलील 7.20 लाख की जालसाजी का मामला कोलकाता : लाखों रुपये की जलसाजी करने के आरोप में गिरफ्तार भाजपा के राज्य उपाध्यक्ष जय प्रकाश मजुमदार को रविवार को विधाननगर कोर्ट ने तीन दिन की पुलिस […]

तीन दिन की पुलिस रिमांड में भेजा गया भाजपा नेता को
सरकारी वकील ने गवाहों को प्रभावित करने की दी दलील
7.20 लाख की जालसाजी का मामला
कोलकाता : लाखों रुपये की जलसाजी करने के आरोप में गिरफ्तार भाजपा के राज्य उपाध्यक्ष जय प्रकाश मजुमदार को रविवार को विधाननगर कोर्ट ने तीन दिन की पुलिस हिरासत में रखने का निर्देश दिया. इस मौके पर सरकारी वकील ने कोर्ट के समक्ष दलील दी कि जय प्रकाश ने टेट प्रार्थी संगठन से प्रत्यशियों को नौकरी दिलाने के लिए हाईकोर्ट और सुप्रीमकोर्ट में जाने की बात कर सात लाख 20 हजार रुपये लिये थे. वह पेशे से वकील नहीं है, इसके बावजूद उन्होंने मामला लड़ने के लिए क्यों संगठन से इतनी बड़ी रकम ली. सरकारी वकील ने कहा कि पुलिस के समक्ष पूछताछ के दौरान उन्होंने संगठन से उक्त रुपये लेने की बात स्वीकार की है. मामला गंभीर है. जमानत मिलने पर वह गवाहों कोa प्रभावित कर सकते हैं. उन्होंने उक्त रुपये कहां-कहां रखे हैं. इन सभी तथ्यों की जानकारी के लिए उन्होंने कोर्ट से जय प्रकाश को सात दिन की पुलिस हिरासत में रखने का निर्देश दिया.
दूसरी ओर जयप्रकाश के वकील ने बताया कि मामले के शिकायतकर्ता अरूप रतन दास टेट के प्रत्याशी ही नहीं हैं. मामले की तीन बार सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हो चुकी है. सुप्रीम कोर्ट ने मामले की सुनवाई हाईकोर्ट में स्थानांतरण कर दिया है. जय प्रकाश ने टेट संगठन से कोई रुपये नहीं लिया है. वह एक राजनीतिक पार्टी के वरिष्ठ नेता हैं, उन्हें षडयंत्र कर मामले में फंसाया जा रहा है. उन्हें मामले में जमानत दी जाये. विधानननगर एसीजेएम कोर्ट ने दोनों वकीलों का पक्ष सुनने के बाद जयप्रकाश मजुमदार को तीन दिन की पुलिस हिरासत में रखने का निर्देश दिया.
दूसरी ओर शिकायतकर्ता अरूप रतन दास ने बताया कि उन्होंने प्रत्याशियों को शिक्षक की नौकरी दिलाने के लिए कोर्ट में मामला लड़ने के लिए टेट संगठन की ओर से दो बार जयप्रकाश मजुमदार के ऑफिस में जाकर उन्हें 7.20 लाख रुपये की राशि दी थी, उन्होंने आश्वासन दिया था कि मेरिट लिस्ट में शामिल सभी प्रत्याशियों को नौकरी मिलेगी, लेकिन उन्होंने रुपये लेने के बावजूद प्रत्याशियों को नौकरी दिलाने के लिए कुछ नहीं किया.
अरूप रतन दास ने माना कि वह प्रत्याशी नहीं थे, जबकि उनका भाई टेट प्रत्याशी है. उन्होंने प्रत्याशियों से उक्त रुपये जुगाड़ कर मामले लड़ने के लिए जय प्रकाश मजुमदार को रुपये दिये थे.
तीन दिन की पुलिस हिरासत में भेजा गया भाजपा नेता को
सरकारी वकील ने गवाहों को प्रभावित करने की दी दलील
7.20 लाख की जालसाजी का मामला
कोलकाता : लाखों रुपये की जलसाजी करने के आरोप में गिरफ्तार भाजपा के राज्य उपाध्यक्ष जय प्रकाश मजुमदार को रविवार को विधाननगर कोर्ट ने तीन दिन की पुलिस हिरासत में रखने का निर्देश दिया.
इस मौके पर सरकारी वकील ने कोर्ट के समक्ष दलील दी कि जय प्रकाश ने टेट प्रार्थी संगठन से प्रत्यशियों को नौकरी दिलाने के लिए हाईकोर्ट और सुप्रीमकोर्ट में जाने की बात कर सात लाख 20 हजार रुपये लिये थे. वह पेशे से वकील नहीं है, इसके बावजूद उन्होंने मामला लड़ने के लिए क्यों संगठन से इतनी बड़ी रकम ली. सरकारी वकील ने कहा कि पुलिस के समक्ष पूछताछ के दौरान उन्होंने संगठन से उक्त रुपये लेने की बात स्वीकार की है. मामला गंभीर है. जमानत मिलने पर वह गवाहों कोa प्रभावित कर सकते हैं. उन्होंने उक्त रुपये कहां-कहां रखे हैं. इन सभी तथ्यों की जानकारी के लिए उन्होंने कोर्ट से जय प्रकाश को सात दिन की पुलिस हिरासत में रखने का निर्देश दिया.
दूसरी ओर जयप्रकाश के वकील ने बताया कि मामले के शिकायतकर्ता अरूप रतन दास टेट के प्रत्याशी ही नहीं हैं. मामले की तीन बार सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हो चुकी है. सुप्रीम कोर्ट ने मामले की सुनवाई हाईकोर्ट में स्थानांतरण कर दिया है. जय प्रकाश ने टेट संगठन से कोई रुपये नहीं लिया है. वह एक राजनीतिक पार्टी के वरिष्ठ नेता हैं, उन्हें षडयंत्र कर मामले में फंसाया जा रहा है. उन्हें मामले में जमानत दी जाये. विधानननगर एसीजेएम कोर्ट ने दोनों वकीलों का पक्ष सुनने के बाद जयप्रकाश मजुमदार को तीन दिन की पुलिस हिरासत में रखने का निर्देश दिया.
दूसरी ओर शिकायतकर्ता अरूप रतन दास ने बताया कि उन्होंने प्रत्याशियों को शिक्षक की नौकरी दिलाने के लिए कोर्ट में मामला लड़ने के लिए टेट संगठन की ओर से दो बार जयप्रकाश मजुमदार के ऑफिस में जाकर उन्हें 7.20 लाख रुपये की राशि दी थी, उन्होंने आश्वासन दिया था कि मेरिट लिस्ट में शामिल सभी प्रत्याशियों कोनौकरी मिलेगी, लेकिन उन्होंने रुपये लेने के बावजूद प्रत्याशियों को नौकरी दिलाने के लिए कुछ नहीं किया.
अरूप रतन दास ने माना कि वह प्रत्याशी नहीं थे, जबकि उनका भाई टेट प्रत्याशी है. उन्होंने प्रत्याशियों से उक्त रुपये जुगाड़ कर मामले लड़ने के लिए जय प्रकाश मजुमदार को रुपये दिये थे.
उधर, भाजपा नेता जयप्रकाश मजुमदार ने कोर्ट से निकलने के दौरान कहा कि उन्हें षड्यंत्र कर मामले में फंसाया गया है. पूरा मामला झूठा है, जिसने आरोप लगाया है कि वह स्वयं ही टेट का प्रत्याशी नहीं है.
क्या है मामला :
28 जनवरी 2016 को विधाननगर उत्तर थाना में जयप्रकाश मजुमदार के विरूद्ध जालसाजी की शिकायत दर्ज की गयी थी. काफी महीने बीतने के बाद शनिवार को उन्हें विधाननगर उत्तर थाना में पूछताछ के लिए बुलाया गया. घंटों पूछताछ के बाद उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया. जय प्रकाश मजुमदार की गिरफ्तारी को राजनीतिक उद्देश्य से प्रेरित माना जा रहा है.

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