हुगली: मोगरा थाना अंतर्गत छोटा खेजुरिया इलाके में हुगली लोक सभा केंद्र के युवा कांग्रेस अध्यक्ष अभिजीत रहमान(33) की पीट-पीट कर हत्या कर दी गयी. घटना गुरुवार दोपहर इलाके के एक सैलून के सामने घटी है.
बेहद गंभीर रूप से घायल अभिजीत को पहले चुचुड़ा इमाम बाड़ा अस्पताल ले जाया गया, लेकिन उसकी हालत बेहद नाजुक होने से उसे कोलकाता रेफर किया गया, जहां रास्ते में ही उसकी मौत हो गयी. मौत की खबर मिलते ही पूरे इलाके में शोक व तनाव का माहौल है. हत्या के पीछे क्या कारण है, यह अभी तक साफ नहीं हो पाया है, लेकिन बताया जा रहा है कि, सैलून में पहले दाढ़ी बनाने को लेकर अभिजीत व स्थानीय तृणमूल समर्थकों के बीच बहस शुरू हुई.
बहस मारपीट में तब्दील हो गयी. आरोप है कि, तृणमूल समर्थकों ने कांग्रेस नेता की बेरहमी से पिटाई कर दी व मौके से भाग निकले. हालांकि, तृणमूल नेताओं ने इस घटना से इनकार किया है. इस घटना की खबर पुलिस को दी गयी. आरोप है कि पुलिस काफी देर से पहुंची. पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार घटनास्थल से एक हथियार मिला है. हथियार किसका है, इसकी जांच की जायेगी. फौरन कांग्रेस नेता को इमाम बाड़ा अस्पताल पहुंचाया गया. हालत नाजुक होने से उसे कोलकाता रेफर किया गया, लेकिन अस्पताल ले जाने के क्रम में उसकी मौत हो गयी. इधर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अधीर रंजन चौधरी ने अभिजीत के परिजनों से मुलाकात की और ढांढस बंधाया. श्री चौधरी ने 24 को हुगली चलो अभियान का आह्वान किया है.
राज्य में कांग्रेस मरी नहीं है. यही कारण है कि तृणमूल कांग्रेस के समर्थक हमारे कार्यकर्ताओं की हत्या कर रहे हैं, लेकिन कांग्रेस कमजोर नहीं है. तृणमूल डर से हमारे कार्यकर्ताओं पर हमले व हत्या कर रही है.
अधीर रंजन चौधरी, प्रदेश अध्यक्ष व रेल राज्य मंत्री
शासक दलों के समर्थकों ने अभिजीत की हत्या की है. पुलिस की भूमिका भी संदेहास्पद है. पुलिस ने मृतक का डायिंग स्टेटमेंट(बयान) तक नहीं लिया. इलाके में तृणमूल समर्थकों का खौफ इतना अधिक है कि, मृतक के परिजन अभी तक आरोपियों के खिलाफ एफआइआर भी दर्ज नहीं करा सके हैं.
अब्दुल मन्नान, कांग्रेस नेता
घटना दु:खद है. पूरे राज्य में हिंसा व महिला उत्पीड़न की घटनाओं में रोज इजाफा हो रहा है. राज्य की जनता ने जिस मकसद से ममता बनर्जी को कमान सौंपी थी, वह इसमें खरी नहीं उतर पायी हैं. अफसोस की बात यह है कि, वर्तमान सरकार के मंत्री व विधायक भी ऐसी घटनाओं को निंदा तक नहीं करते हैं. बंगाल में लोकतंत्र व्यवस्था पूरी तरह चरमरा गयी है. ममता बनर्जी को इसे तुरंत ठीक करने की जरूरत है, नहीं तो राज्य की जनता ममता को नहीं छोड़ेगी.
शकील अहमद खान, वरिष्ठ कांग्रेस नेता.