कोलकाता : विधानसभा चुनावों में चार राज्यों में कांग्रेस को करारी शिकस्त मिलने के एक दिन बाद आज पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी तीन दिवसीय यात्रापर दिल्ली रवाना हो गई, जिसके बाद अटकलें तेज हो गई हैं. हालांकि ममता ने कहा कि राष्ट्रीय राजधानी के लिए उनकी यात्राबंगाल के वास्ते है, किसी निजी काम के लिए नहीं, पर उनकी यात्राखास मायने रखती है क्योंकि उन्होंने लोकसभा चुनाव को ध्यान में रखते हुए एक ‘गैर भाजपा और एक गैर कांग्रेस’ मोर्चे का विचार दिया था.
नेताजी सुभाषचंद्र बोस अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर संवाददाताओं द्वारा उनकी यात्राके बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा, ‘‘मैं बंगाल के वास्ते दिल्ली जा रही हूं और किसी निजी काम के लिए नहीं. उन्होंने ज्यादा कुछ नहीं बताया.’’ हालांकि, तृणमूल कांग्रेस के एक सांसद ने कहा, ‘‘वह कल संसद के सेंट्रल हॉल में जाएंगी और अन्य राजनीतिक पार्टियों के नेताओं से बात करेंगी.’’उन्होंने कहा, ‘‘उन्होंने कांग्रेस और भाजपा के बगैर एकीकृत भारत मोर्चा का विचार दिया है.’’तृणमूल कांग्रेस महासचिव मुकुल रॉय ने कहा, ‘‘उन्हें गुजरा हुआ समय याद है. 15 वीं लोकसभा का कार्यकाल समाप्ति के करीब है. 2011 में मुख्यमंत्री बनने से पहले सदन की सदस्य रह चुकी ममता, संसद के सेंट्रल हॉल में जाएंगी और सदस्यों से मिलेंगी.’’
रॉय से यह पूछा गया कि उनकी (ममता की) यात्राका चुनाव नतीजों के बाद के राजनीतिक माहौल से कोई लेना देना है. पिछले साल सितबर में केंद्र में कांग्रेस से अपना नाता तोड़ने के बाद ममता ने महंगाई से लेकर साम्प्रदायिक हिंसा विधेयक तक कई मुद्दों पर सरकार पर हमला बोला था.गौरतलब है कि उन्होंने सभी गैर कांग्रेस और गैर भाजपा क्षेत्रीय पार्टियों से एकजुट हो कर लोकसभा चुनाव से पहले एक संघीय मोर्चा बनाने की अपील की थी. उन्होंने कहा था, ‘‘समय आ गया है कि सभी क्षेत्रीय पार्टियां एकजुट हो और आगामी लोकसभा चुनावों के लिए एक संघीय मोर्चा बनाए.’’’