कोलकाता: बैंकों में धोखाधड़ी रोकने के लिए बैंकों के एटीएम काउंटरों में सीसीटीवी लगाया जाना जरूरी है. एटीएम काउंटरों में सीसीटीवी नहीं लगाने वाले बैंकों के संबंध में भारतीय रिजर्ब बैंक (आरबीआइ) को जानकारी दी जाये. ये बातें बुधवार को एमसीसी चैंबर ऑफ कामर्स एंड इंडस्ट्री मेंलोकपाल के परिवर्तित भूमिका : अवसर व चुनौतियों विषय पर आयोजित परिचर्चा में भाग लेती हुई भारतीय रिजर्व बैंक की बैंकिंग लोकपाल (कोलकाता व सिक्किम) डॉ. एस चट्टोपाध्याय ने कहीं. उन्होंने कहा कि एटीएम में सीसीटीवी कैमरा होना चाहिए तथा विजिटरों का रिकार्ड रखा जाये.
उन्होंने कहा कि एटीएम कार्ड में ग्राहक के फोटोग्राफ व खाता धारक की बॉयोमेट्रिक विवरण भी रखा जा रहा है. धोखाधड़ी रोकने के लिए आवश्यक है कि खाताधारक केवाइसी अपडेट रखें. उन्होंने कहा कि ग्राहक डेविट व क्रेडिट कार्ड व उनके पिन को सही ढंग से रखें. उन्हें इसकी जानकारी होनी चाहिए कि कब और कौन उनके कार्ड का इस्तेमाल कर रहा है.
उन्होंने कहा कि बैंकों से गड़बड़ी के संबंध में शिकायत में सदा ही ग्राहक को संदेह का लाभ मिलता है. एक सवाल के जवाब में डॉ चट्टोपाध्याय ने कहा कि बैंक कटे-फटे नोट स्वीकार करने के लिए बाध्य है. यदि कोई बैंक इससे इनकार करता है कि उन्हें इसकी जानकारी दी जाये. उन्होंने कहा कि बैंकों से ज्यादातर शिकायतें बैंकिंग कोड को नहीं मानने, एटीएम/डेबिट/ क्रेडिट कार्ड, ऋण व अग्रिम, पेंशन भुगतान, जमा, नोट व सिक्के से संबंधित होते हैं. उन्होंने कहा कि शिकायतों के निपटारे के लिए सार्वजनिक बैंकों ने खुद ही अंतरिम लोकपालों की नियुक्ति की है. इस अवसर पर एमसीसीआइ के अध्यक्ष संजय अग्रवाल ने बताया कि इस अवसर पर शिकायतों के संबंध में बैंकों की भूमिका पर प्रकाश डाला.