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वर्षों से चल रहे देह व्यापार का पर्दाफाश, दो गिरफ्तार

अपने को पति-पत्नी बता रहे आरोपी काम के लालच में पहुंची मेघालय की युवती से करा रहा था देह व्यापार सिलीगुड़ी : मेघायल की युवती को सिलीगुड़ी लाकर उसे देह व्यापार के धंधे में उतारने के आरोप में एक दंपती को गिरफ्तार किया गया है. यह कार्रवाई इंफोर्समेंट ब्रांच तथा सिलीगुड़ी महिला थाना की पुलिस […]

अपने को पति-पत्नी बता रहे आरोपी

काम के लालच में पहुंची मेघालय की युवती से करा रहा था देह व्यापार
सिलीगुड़ी : मेघायल की युवती को सिलीगुड़ी लाकर उसे देह व्यापार के धंधे में उतारने के आरोप में एक दंपती को गिरफ्तार किया गया है. यह कार्रवाई इंफोर्समेंट ब्रांच तथा सिलीगुड़ी महिला थाना की पुलिस ने अभियान चलाकर आशीघर आउट पोस्ट के अरविंद पल्ली इलाके से की है. पुलिस के इस अभियान में कंचनजंघा उद्धार केंद्र (एनजीओ) की अहम भूमिका रही. आरोपी दंपती का नाम विप्लव विश्वास तथा अर्चना घोष बताया गया है. दंपती को अरविंद पल्ली इलाके में किराये का फ्लैट लेकर इस अवैध धंधे को संचालित करतीं थीं.
दोनों आरोपियों को गुरुवार को सिलीगुड़ी कोर्ट में पेश किया गया. दोनों के खिलाफ पोक्सो एक्ट सहित विभिन्न गैरजमानती धाराओं के साथ मामला दर्ज किया गया है. दंपती ने जिस समय युवती को मेघायल से लाया था, उस समय युवती नाबालिग थी. इसीलिए पोक्सो एक्ट भी लगाया गया है.
मिली जानकारी के अनुसार उत्तर-पूर्व भारत के खासी जनजाति की उक्त लड़की को उसी के एक पहचान वाले ने काम देने के बहाने सिलीगुड़ी लाया गया था. जिस समय बरामद युवती को सिलीगुड़ी लाया गया था, उस समय उसकी उम्र महज 16-17 वर्ष थी. सिलीगुड़ी पहुंचने के बाद लड़की को अर्चना घोष के हाथों सौंप दिया गया. आरोप है कि अर्चना घोष ने लड़की को देह व्यापार के धंधे में उतार दिया.
गुप्त सूत्रों से मिली जानकारी के आधार इंफोर्समेंट ब्रांच तथा सिलीगुड़ी महिला थाना पुलिस की टीम ने संयुक्त रूप से अभियान चलाकार युवती को फ्लैट से बरामद कर लिया. इस घटना में विप्लव विश्वास तथा अर्चना घोष को भी गिरफ्तार किया गया. पता चला है कि ये दोनों दक्षिण बंगाल के निवासी हैं. पिछले कई दिनों से अरविंद पल्ली में फ्लैट लेकर रह रहे थे. विप्लव तथा अर्चना ने अपने आप को दंपती बताया है. मगर अभी तक इस बात की पुष्टि नहीं हो सकी है.
घटना को लेकर कंचनजंघा उद्धार केन्द्र (एनजीओ) की ओर से रंगू सैरेया ने बताया कि उन्हें भी इस घटना के बारे में दो-तीन दिन पहले ही पता चला था. जिसके बाद उनलोगों ने अपने स्तर पर जांच शुरू कर दिया. उन्होंने बताया कि उस लड़की की पारिवारिक स्थिति काफी खराब है. काम का लालच देकर चार वर्ष पहले उसे सिलीगुड़ी में लाकर इस रैकेट के साथ जोड़ दिया गया था. उन्होंने बताया कि इस रैकेट को अंजाम देने वाले लोग हर छह माह पर जगह बदल देते थे. जिस वजह से इतने दिनों तक चिन्हित करना असंभव हो रहा था. उन्होंने बताया कि पुलिस की मदद से लड़की को नर्क से निकाला गया है.
पुलिस ने उन दोनों आरोपियों को गुरूवार को सिलीगुड़ी कोर्ट में पेश किया. जहां से कोर्ट ने दोनों को सात दिनों के लिए पुलिस रिमांड पर भेज दिया है. इस विषय पर बचाव पक्ष के वकील मधुमंती नंदी ने बताया कि उन्होंने कोर्ट के पास विप्लव तथा अर्चना की जमानत के लिए अर्जी दी थी. लेकिन कोर्ट ने उसे खारीज कर दिया है.

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