बीएसएमसीएच में इलाज के दौरान कन्या शिशु को फेंक दिया था खिड़की से
घर में सामान्य प्रसव के बाद हुआ था जन्म, बाद में बिगड़ी थी उसकी तबीयत
बांकुड़ा : बांकुडा मेडिकल कॉलेज अस्पताल के एसएनसीयू विभाग की खिड़की से नवजात कन्या शिशु को बाहर फेंकने से हुई मौत के मामले में बांकुड़ा जिला न्यायाधीश अपूर्व सिन्हा राय ने आरोपित मां झूमा मंडल को दोषी करार देते हुए सात वर्ष के कारावास की सजा सुनाई. सरकारी अधिवक्ता रथीन कुमार दे ने बताया कि गंगाजलघाटी थाना अंतर्गत कुकराझोर ग्राम निवासी झूमा ने घर पर ही सामान्य प्रसव के दौरान कन्या शिशु को जन्म दिया था.
उसकी तबीयत बिगड़ने पर 24 मार्च,2018 को उसे बांकुड़ा सम्मिलनी मेडिकल कॉलेज अस्पताल के एसएनसीयू विभाग में दाखिल कराया गया. एक दिन बाद गिनती के दौरान नर्सों ने कन्या शिशु को गायब पाया. झूमा से पूछताछ में स्वीकार किया कि उसने शिशु कन्या को खिड़की से बाहर फेंक दिया है.
शिशु का शव नाली से बरामद किया गया. अस्पताल प्रशासन ने झूमा के खिलाफ थाना में शिकायत दर्ज कराई. पहले गिरफ्तारी और बाद में उसके खिलाफ कोर्ट में आरोप पत्र दाखिल हुआ. सुनवाई के बाद जिला न्यायाधीश ने उसे दोषई करार देते हुए भादवि की धारा 304(पार्ट दो) के तहत सात वर्ष की सजा सुनाई. उसकी चार साल की बच्ची भी है.