जालसाजों ने ऑनलाइन आवेदन करने वाले 82415 बेरोजगारों से की ठगी
सेंट्रल जूनियर स्कूलों में शिक्षक और सहायक की नियुक्ति के नाम पर निकाला फर्जी विज्ञापन
पंजीकरण शुल्क के नाम पर की गयी ठगी
कोलकाता :फर्जी वेबसाइट खोलकर शिक्षक भर्ती के नाम पर हजारों बेरोजगारों से ठगी का मामला सामने आया है. जालसाज ने कथित सेंट्रल जूनियर स्कूलों में सहायक और शिक्षक पदों पर भर्ती के लिए आवेदन मांगे और पंजीकरण शुल्क के नाम पर एक करोड़ 9 लाख 50 हजार रुपये ऐंठ लिये.
शिकायत के आधार पर विधाननगर साइबर थाने की पुलिस ने उत्तर 24 परगना के बनगांव स्थित सुभाषपल्ली निवासी राजा मित्रा (40) को गिरफ्तार किया है. आरोपी के पास से 81 लाख 48 हजार 222 रुपये जब्त हुए हैं. यह राशि अलग-अलग नौ खातों से जब्त की गयी है. उसके पास से कई एटीएम कार्ड, दो मोबाइल फोन, चेक बुक समेत अन्य दस्तावेज जब्त किये गये हैं.
जो अलग-अलग बैंक के नौ अकाउंट से बरामद हुये हैं. गिरफ्तार व्यक्ति के पास से कई एटीएम कार्ड, दो मोबाइल फोन, चेक बुक समेत कई दस्तावेज जब्त किया गया है. पुलिस ने दो वेबसाइट www.edigitalindia.wb.com और www.edigitalindiawb.co.in को डिलीट कर दिया है. पुलिस के मुताबिक, आरोपी राजा मित्रा (40) को सोमवार देर रात गिरफ्तार किया गया. वह संस्कृत से एमए है. बागुइहाटी की एक युवती ने तीन जनवरी 2018 को ठगी की एक शिकायत दर्ज करायी थी. जांच के बाद पुलिस ने गिरोह का पता लगाया और एक आरोपी को गिरफ्तार कर लिया.
बताया जाता है कि 9 दिसंबर 2017 को एक अखबार में विभिन्न जिलों में सेंट्रल जूनियर स्कूलों में शिक्षक और सहायक के कुल 14265 पदों पर नियुक्ति से संबंधित विज्ञापन ऑल इंडिया ह्यूमन डेवलपमेंट ट्रस्ट की ओर से www.edigitalindia.wb.com और www.edigitalindiawb.co.in पर निकला.आवेदन के साथ सहायक पद के लिए 130 रुपये और शिक्षक पद के लिए 180 रुपये बतौर पंजीकरण शुल्क मांगे गये.
सहायक पद के लिए शैक्षणिक योग्यता आठवीं से बारहवीं पास और शिक्षक के लिए योग्यता ग्रेजुएशन थी. 82415 बेरोजगारों ने ऑनलाइन आवेदन किया. बाद में जांच-पड़ताल में पता चला कि यह ठगी का मामला है. सेंट्रल जूनियर स्कूल नाम से कोई स्कूल अस्तित्व में नहीं है.
विधाननगर के पुलिस उपायुक्त (मुख्यालय) कुणाल अग्रवाल ने बताया कि गिरफ्तार व्यक्ति के जरिये इस मामले में लिप्त और लोगों के बारे में पता लगाया जा रहा है. प्राथमिक पूछताछ में पता चला है कि इसके पीछे एक गिरोह है और उसमें कई लोग शामिल हैं. पुलिस उन्हें भी दबोचने में जुटी है.