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तृणमूल पार्षद पर लगा अनाथ आश्रम से ‘सेविका’ मांगने का आरोप

आशीघर पुलिस आउटपोस्ट में दर्ज करायी गयी शिकायत रंजन ने अनाथ आश्रम पर देह व्यापार का आरोप लगाया सिलीगुड़ी : सिलीगुड़ी नगर निगम के 37 नंबर वार्ड के तृणमूल पार्षद और 5 नंबर बोरो चेयरमेन रंजन शील शर्मा एक बार फिर से विवादों में आ गये हैं. उनके खिलाफ उनके वार्ड स्थित उत्तरबंग अनाथ आश्रम […]

आशीघर पुलिस आउटपोस्ट में दर्ज करायी गयी शिकायत

रंजन ने अनाथ आश्रम पर देह व्यापार का आरोप लगाया
सिलीगुड़ी : सिलीगुड़ी नगर निगम के 37 नंबर वार्ड के तृणमूल पार्षद और 5 नंबर बोरो चेयरमेन रंजन शील शर्मा एक बार फिर से विवादों में आ गये हैं. उनके खिलाफ उनके वार्ड स्थित उत्तरबंग अनाथ आश्रम की सचिव उमा मल्लिक ने आशीघर पुलिस आउट पोस्ट में शिकायत दर्ज करायी है. दर्ज शिकायत में उन्होंने पार्षद पर अनाथ आश्रम से ‘सेविका’ मांगने का आरोप लगाया है.
दूसरी ओर, वार्ड पार्षद ने आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए कहा कि अनाथ आश्रम के नाम पर वह महिला वहां देह व्यापार चलाती है. वार्ड की महिला तृणमूल कार्यकर्ताओं द्वारा इसका विरोध करने पर उन्हें बदनाम करने की यह साजिश है. उमा मल्लिक ने आशीघर आउटपोस्ट में 15 अगस्त को रंजन शील शर्मा के खिलाफ शिकायत में उल्लेख किया है कि वर्ष 2015 में 37 नंबर वार्ड पार्षद बनने की खुशी में उन्होंने रंजन शील शर्मा से अनाथ बच्चियों के लिए खास भोजन का प्रबंधन करने की बात कही थी. इसके बदले में रंजन शील शर्मा ने अनाथ आश्रम से एक सेविका की मांग की थी, मगर उन्होंने साफ मना कर दिया था.
उमा ने आरोप लगाया कि रंजन शील शर्मा अक्सर उन्हें फोन कर गलत प्रस्ताव देते थे, लेकिन वह मना करती रहीं. एक दिन किसी काम के सिलसिले में जब वह उनके पास गयीं, तो पहले तो उन्होंने किसी मदद करने से इंकार कर दिया. फिर उन्होंने ‘गिव एंड टेक पॉलिसी’ की बात कही. शिकायत में इतनी देरी के बारे में पूछे जाने पर उमा ने कहा कि रंजन शील शर्मा तृणमूल कांग्रेस के प्रभावशाली नेता हैं, इसलिए वह इतने दिनों से चुप बैठी थीं.
पिछले दिनों एक शिक्षिका द्वारा रंजन शील शर्मा के खिलाफ आवज बुलंद करने पर उन्हें भी हौसला मिला. वहीं, आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए रंजन शील शर्मा ने बताया कि यह सब उन्हें बदनाम करने की साजिश है. वह महिला खुद अनाथ आश्रम में देह व्यापार चलाती है. उन्होंने कहा कि 2016 में सीडब्ल्यूसी की ओर से अनाथ आश्रम में अभियान चलाकर 25-30 लड़कियों को बरामद किया गया था. एक से डेढ़ वर्ष बाद महिला उस अनाथ आश्रम को चलाने लगी.
अबकी बार उसने अनाथ आश्रम में 18 वर्ष से ऊपर की लड़कियों को रखना शुरू कर दिया. उन्होंने कहा कि इलाके के लोगों ने महिला के खिलाफ उन्हें ज्ञापन दिया था. 10 अगस्त को महिला तृणमूल कांग्रेस की ओर से उस महिला के क्रियाकलापों के खिलाफ आशीघर थाने को भी एक ज्ञापन सौंपा गया. उन्होंने कहा कि अपने वार्ड में वह इस प्रकार के कामों को बर्दाश्त नहीं करेंगे. इसके खिलाफ वह रविवार को आशीघर थाने का घेराव करेंगे. गौरतलब है कि गत मंगलवार को सुभाषपल्ली स्थित प्राइमरी स्कूल की एक शिक्षिका ने भी रंजनशील शर्मा पर अभद्र प्रस्ताव देने का आरोप लगाया था.
क्या कहते हैं मेयर :
सिलीगुड़ी नगर निगम के मेयर अशोक भट्टाचार्य से रंजन शील शर्मा पर लग रहे एक के बाद एक आरोप को लेकर पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि वह शिकायत के आधार पर किसी पार्षद पर कोई कार्रवाई नहीं कर सकते. जब तक रंजन शील शर्मा को कानून दोषी साबित नहीं कर देता, उनके हाथ में कुछ नहीं है.

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