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ड्रग इंस्पेक्टर नियुक्ति पर हाइकोर्ट ने उठाये सवाल, कोर्ट ने दो अखबारों में विज्ञापन देने का दिया निर्देश
कोलकाता : ड्रग इंस्पेक्टर नियुक्ति को लेकर अपारदर्शिता का आरोप लगाते हुए दायर याचिका मामले की सुनवाई में हाइकोर्ट ने सवाल उठाया कि मेधा सूची प्रकाशित न कर कैसे नियुक्ति हुई. आगामी सोमवार के भीतर यदि नौकरी के 88 उम्मीदवार मामले में शामिल होना यदि चाहें तो किसी भी दो अखबारों में विज्ञापन देने का […]
कोलकाता : ड्रग इंस्पेक्टर नियुक्ति को लेकर अपारदर्शिता का आरोप लगाते हुए दायर याचिका मामले की सुनवाई में हाइकोर्ट ने सवाल उठाया कि मेधा सूची प्रकाशित न कर कैसे नियुक्ति हुई. आगामी सोमवार के भीतर यदि नौकरी के 88 उम्मीदवार मामले में शामिल होना यदि चाहें तो किसी भी दो अखबारों में विज्ञापन देने का निर्देश न्यायाधीश दीपंकर दत्त व न्यायाधीश प्रतीक प्रकाश बंद्योपाध्याय की खंडपीठ ने दिया है.
साथ ही खंडपीठ ने कहा कि मामले के फैसले पर नियुक्त होने वाले उम्मीदवारों का भविष्य भी निर्भर है. इसकी अगली सुनवाई 12 नवंबर को होगी. मामले की सुनवाई आपात आधार पर हुई. सुनवाई में याचिकाकर्ता के वकील पार्थसारथी भट्टाचार्य व उदयशंकर बेताल ने कहा कि 2016 में ड्रग इंस्पेक्टर पद पर नियुक्ति के लिए विज्ञप्ति जारी की गयी थी.
लेकिन एक वर्ष बीत जाने पर भी नतीजा न निकलने पर सूचना का अधिकार (आरटीआइ) के जरिये पता चला कि नियुक्ति में न्यूनतम स्नातक रहने पर उसके आधार पर 40 अंक, किसी दवा उत्पादन कंपनी में पांच वर्ष तक काम का अनुभव होने पर 30 नंबर व उस अनुभव के हर दो वर्ष बढ़ने पर अतिरिक्त 10 अंक निर्धारित किये गये थे.
इसके अलावा इंटरव्यू में 15 अंक निर्धारित थे. लेकिन विज्ञप्ति के वक्त इस नियम के संबंध में कुछ नहीं कहा गया था. मेधा सूची प्रकाशित न करके ही 75 लोगों को नियुक्ति दे दी गयी. इसके अलावा नियुक्ति में अपारदर्शिता बरती गयी. कुछ उम्मीदवार इसके बाद स्टेट एडमिनिस्ट्रेटिव ट्राइब्यूनल(एसएटी) में गये. लेकिन एसएटी ने मामला खारिज कर दिया. एसएटी के निर्देश को चुनौती देते हुए हाइकोर्ट में आपात आधार पर उम्मीदवारों ने अपील किया.
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