बालूरघाट. हत्या की घटना से जुड़े सात लोगों में से बाकी पांच लोगों की गिरफ्तारी की मांग को लेकर पुलिस अधीक्षक का दरवाजा खटखटाने वाले परिवार के घर में घुसकर आरोपियों के रिश्तेदारों ने हमला कर दिया.पुलिस भी आरोपों के घेरे में है. अपराधियों को बचाने के लिए पुलिस पर उदासीनता का आरोप लगा है. दूसरी ओर पांच आरोपी बेरोक टोक घूम रहे हैं.
उल्लेखनीय है कि दक्षिण दिनाजपुर जिले के कुशमंडी थाना क्षेत्र के बेलपुकुर आमीनपुर में दो महीने पहले हत्या की एक घटना हुई. इस इलाके के निवासी गोलेनूर बेगम के साथ जमीन को लेकर विवाद चल रहा था. गत 9 सितंबर को गोलेनूर के बेटे हुमायूं कबीर को जमीन का पट्टीदार रखुमद्दीन अहमद घर से खींचकर ले गया. इसके बाद रखुमद्दीन व उसका परिवार हुमायूं की लोहे के रॉड से पिटाई कर दी. सूचना मिलने पर हुमायूं को उसके परिवार के लोग पहले कुशमंडी अस्पताल ले गये. इसके बाद गंगारामपुर महकमा अस्पताल ले जाया गया. हालत बिगड़ने पर वहां से कोलकाता रेफर कर दिया गया. गंभीर रूप से घायल हुमायूं की अस्पताल में ही मौत हो गयी.
इस घटना को लेकर गत 10 सितंबर को रखुमद्दीन अहमद, अलाउद्दीन अहमद, अक्रामुल हक, आकलीमा बेगम, मंजुआया बेगम, अबुल कलाम आजाद व गुलजार हुसैन के साथ सात लोगों के विरुद्ध् शिकायत दर्ज करायी गयी. इस घटना में पुलिस ने केवल आक्रामूल हक एवं अबुल कलाम आजाद को गिरफ्तार किया है. बाकी लोगों के विरुद्ध कोई कदम नहीं उठाया गया. मृतक की मां व परिवार के लोग बाकी आरोपियों की गिरफ्तारी की मांग पर 9 नवंबर को बालूरघाट के जिला पुलिस अधीक्षक से मिले. इसे लेकर अपराधियों के रिश्तेदारों ने गुरुवार दोपहर को शिकायतकर्ताओं के परिजन मतिबुर रहमान, अख्तरारूल हुसैन, कुलसुम नेहार, रेजिना परवीन एवं रीना परवीन के घर में जाकर मारपीट की एवं मामला वापस लेने का दबाव दिया.
उसके बाद फिर इन पांच लोगों के खिलाफ कुशमंडी थाने में शिकायत दर्ज कराई गई. आरोप है कि पुलिस वहां पहुंची एवं घूमकर चली गई. आरोपी यहां खुलेआम घूम रहे हैं. मृतक की मां गोलेनूर बेगम ने बताया कि स्थानीय थाना के साथ-साथ जिला पुलिस अधीक्षक का दरवाजा खटखटाया लेकिन आरोपियों के विरुद्ध् कोई कदम नहीं उठाया गया. उन्होंने आरोप लगाया कि कि वित्तीय व राजनीतिक दबाव के कारण पुलिस चुप बैठी है.