लखनऊ : उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में विधानसभा चुनावों के दौरान एटीएस की मुठभेड़ में मारे गये आतंकवादी सैफुल्लाह केस में योगी आदित्यनाथ सरकार ने मजिस्ट्रेट जांच के आदेश दिये हैं. बीते 8 मार्च को उत्तर प्रदेश की एटीएस की टीम ने राजधानी लखनऊ में 11 घंटे तक चलाये गये ऑपरेशन के बाद एक संदिग्ध आतंकी सैफुल्लाह को मार गिराया था. उसके कब्जे से कुछ हथियार और दस्तावेज भी बरामद किये गये थे. दरअसल, मध्य प्रदेश में हुए ट्रेन बम धमाके की जांच के दौरान इस आतंकी मॉड्यूल का खुलासा हुआ था. उसके बाद लखनऊ में एटीएस ने इस आतंकी सैफुल्लाह के ठिकाने पर धावा बोला दिया था. 11 घंटे तक चली मुठभेड़ में उसे मार गिराया गया था.
उत्तर प्रदेश एटीएस के आईजी असीम अरूण का कहना है कि्र आतंकी को जिंदा पकड़ने की हरमुमकिन कोशिश की गयी थी. उन्होंने बताया कि पहले कैमरों में देखने पर ऐसा लग रहा था कि वहां दो आतंकी छिपे हैं, लेकिन अंदर एक ही आतंकी छिपा था. पुलिस ने घर में तलाशी अभियान में आईएसआईएस से जुड़े कई दस्तावेज और भारी संख्या में हथियार और गोला-बारुद बरामद किये थे. एटीएस टीम के मुताबिक, आतंकी सैफुल्लाह आईएस से प्रभावित खुरासान माड्यूल का सदस्य था.
हालांकि, बाद में उत्तर प्रदेश के एडीजी (कानून और व्यवस्था) दलजीत सिंह चौधरी ने खुलासा किया कि सैफुल्लाह और उसके साथियों का आईएसआईएस से कोई सीधा संपर्क नहीं था. आरोपी खुद ही सोशल मीडिया और इंटरनेट के माध्यम से आईएस से प्रभावित हुए थे. वे आईएस के खुरासान मॉड्यूल के तौर पर अपनी पहचान बनाना चाहते थे.