फर्रुखाबाद : यूपी की फतेहगढ़ जेल में रविवार को कैदियों ने जम कर उपद्रव मचाया. इसमें कार्यवाहक जिलाधिकारी और जेल अधीक्षक समेत तीन लोग घायल हो गये. कारागार में खराब भोजन और स्वास्थ्य सुविधाओं की कमी के विरोध में कैदियों ने जेल अस्पताल के स्टोर में रखे अभिलेखों में आग लगा दी. एक बंदी रक्षक […]
फर्रुखाबाद : यूपी की फतेहगढ़ जेल में रविवार को कैदियों ने जम कर उपद्रव मचाया. इसमें कार्यवाहक जिलाधिकारी और जेल अधीक्षक समेत तीन लोग घायल हो गये. कारागार में खराब भोजन और स्वास्थ्य सुविधाओं की कमी के विरोध में कैदियों ने जेल अस्पताल के स्टोर में रखे अभिलेखों में आग लगा दी. एक बंदी रक्षक को बंधक बना लिया और छत पर चढ़ कर पथराव किया.कैदियों के उपद्रव से कार्यवाहक जिलाधिकारी एनपी पांडेय तथा जेल अधीक्षक राकेश कुमार के सिर में चोट लग गयी, जबकि एक कैदी भी घायल हो गया.
डीआइजी ने इस मामले में जेलर डीपी सिंह और छह बंदी रक्षकों को दोषी मानते हुए निलंबित कर दिया है. जेल डॉक्टर नीरज को भी हटा दिया गया है. हालांकि, जेल में तनाव को देखते हुए सुरक्षा बढ़ा दी गयी है.
कैदियों के उपद्रव के दौरान जेल में तैनात चार होमगार्ड के जवानों ने कैदियों के ड्रेस पहन कर अपनी जान बचायी थी. मीडिया में चल रही खबरों के अनुसार, जवानों ने बताया कि सभी रुटीन के अनुसार अपनी ड्यूटी पर तैनात थे, रात में जब कैदियों ने उपद्रव मचाना शुरू किया उस समय छह जवान बैरक के पास तैनात थे. कैदी लगातार तोड़-फोड़ कर रहे थे. बैरक नंबर चार को कैदियों ने तोड़ दिया और बाहर आ गये.
उन्हें नियंत्रण में करने के लिए आंसू गैस के गोले दागे गये, जिससे वो भागने लगे. लेकिन उस समय चारों होमगार्ड उनके सामने थे, एक गैंगेस्टर का ध्यान उनकी ओर गया, उसने अपने साथियों से कहा, इन्हें भी पकड़ लो. बैरक के बाहर धुआं और अंधेरा होने के कारण वो हमतक नहीं पहुंच पाये.
उसके बाद चारों होमगार्ड जेल के अंदर बंद हो गये जिसमें अच्छे कैदी थे. उन्होंने कहा, अगर जान बचाना है तो हमारे कपड़े पहन लें. जवानों ने बताया, हमलोगों ने कैदियों के ड्रेस पहन लिये तक जाकर हमारी जान बची.