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आजम खां और राजनाथ के बेटे जीते, मुलायम का कुनबा धड़ाम

आरके नीरद लखनऊ. उत्तरप्रदेश विधानसभा चुनाव में सिद्धार्थनाथ सिंह, पंकज सिंह, अदिति सिंह और अब्दुल्ला आजम ने जीत दर्ज की है. मृगांका सिंह, उत्कर्ष मौर्य, राहुल यादव, अपर्णा यादव, अनुराग यादव और अब्बास अंसारी चुनाव हार गये. ये सभी बड़े नेताओं के बेटा-बेटी, पोता और नाती हैं. इस चुनाव में करीब-करीब सभी दलों ने बड़े […]

आरके नीरद

लखनऊ. उत्तरप्रदेश विधानसभा चुनाव में सिद्धार्थनाथ सिंह, पंकज सिंह, अदिति सिंह और अब्दुल्ला आजम ने जीत दर्ज की है. मृगांका सिंह, उत्कर्ष मौर्य, राहुल यादव, अपर्णा यादव, अनुराग यादव और अब्बास अंसारी चुनाव हार गये. ये सभी बड़े नेताओं के बेटा-बेटी, पोता और नाती हैं. इस चुनाव में करीब-करीब सभी दलों ने बड़े नेताओं के बेटा, बेटी, पत्नी, भाई, भतीजों और नाजी-पोतों को चुनाव मैदान में उतारा. ऐसे उम्मीदवारों में करीब 15 खास नाम थे. इनमें से ज्यादातर को हार मिली है. इनमें मुलायम सिंह यादव के पाेते और लालू प्रसाद यादव के दामाद राहुल यादव, उनके भतीजे अनुराग यादव और बहू अपर्णा यादव खास है. हारने वालों में सबसे बड़ा कुनबा मुलायम सिंह यादव का ही है. चुनाव जीतने वालों में राजनाथ सिंह के बेटे और लाल बहादुर शास्त्री के नाती सिद्धार्थनाथ सिंह भी शामिल हैं.

मोदी की लहर में भी सपा के आजम खां बाप-बेटे दोनों जीत गये. आजम खां को रामपुर सीट में बड़े वोटों के अंतर से तो जीत मिली ही, उनके बेटे अब्दुल्ला आजम ने भी स्वरा सीट पर जीत दर्ज की. आजम को 106268 वोट मिले. उन्होंने भाजपा की लक्ष्मी सैनी को हराया. सैनी को महज 53169 वोट मिले. आजम को सैनी से करीब दाेगुना ज्यादा वोट पड़े.

देश के दूसरे प्रधानमंत्री रहे लाल बहादुर शास्त्री के नाती सिद्धार्थनाथ सिंह ने इलाहाबाद पूर्वी सीट से चुनाव जीते हैं. सिद्वार्थनाथ भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता और आन्ध्र प्रदेश के प्रभारी हैं. यह उनका पहला चुनाव है. सिद्धार्थनाथ की मां सुमन शास्त्री लाल बहादुर शास्त्री की दूसरी बेटी हैं. उनके पिता स्व विजयनाथ सिंह के बड़े भाई चौधरी नौनिहाल सिंह एनडी तिवारी और वीपी सिंह की सरकार में गृहमंत्री व शिक्षामंत्री थे. 1997 से भाजपा से जुड़े सिद्धार्थनाथ ने कई अहम जिम्मेदारी निभायी.

इलाहाबाद उत्तरी सीट से हर्षवर्धन बाजपेयी चुनाव जीत गये हैं. हर्षवर्धन बाजपेयी इंदिरा गांधी की बहुत करीब रहीं पूर्व केंद्रीय मंत्री राजेंद्र कुमारी बाजपेयी के पौत्र हैं. हर्ष वर्धन बाजपेयी उत्तरी विधानसभा सीट से 2007 और 2012 का विधानसभा चुनाव बसपा पर लड़े थे और दोनों बार दूसरे स्थान पर रहे थे. उन्हें पहली बार चुनावी सफलता मिली है. उनके पिता अशोक बाजपेयी 1980 में इसी सीट से जीते थे. हर्षवर्धन की मां प्रो रंजना बाजपेयी सपा महिला मोर्चा की राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं.

रायबरेली सदर सीट से कांग्रेस उम्मीदवार बाहुबली विधायक अखिलेश सिंह की बेटी अदिति सिंह चुनाव जीती हैं. उन्होंने बसपा उम्मीदवार को हराया है. वह अमेरिका से एमबीए हैं.

राजनाथ सिंह के बेटे पंकज सिंह नोएडा सीट से भारी मतों के अंतर से जीते. उन्हें 162417 वोट मिले, जबकि उनके प्रतिद्वंदी सपा के सुनील चौधरी की झोली में उनसे करीब एक तिहाई 58401 वोट मिले.

मोदी लहर में भी भाजपा के जो नेता पुत्र हारे, उनमें भाजपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य के बेटे उत्कृष्ट मौर्य उंचाहार सीट से चुनाव हार गये. उन्हें सपा के मनोज कुमार पांडेय ने हराया. सांसद हुकुम सिंह की बेटी मृगांका को कैराना विधानसभा के वोटरों ने खारिज कर दिया. उन्हें सपा की नाहिर हसन ने वोटों के बड़े अंतर से हराया.

मुलायम सिंह का कुनबा मोदी आंधी में धड़ाम हो गया. उनके पोते और लालू प्रसाद यादव के दामाद राहुल सिंकदराबाद सीट से चुनाव मैदान में थे. वे तीसरे स्थान पर रहे. इस सीट से भाजपा के विमल सिंह सोलंकी चुनाव जीते. दूसरे स्थान पर बसपा का उम्मीदवार रहा. मुलायम सिंह की बहू अपर्णा यादव लखनऊं कैंट सीट से भाजपा की रीता बहुगुणा के हाथों हार गयीं. मुलायम के भतीजे अनुराग यादव के हिस्से भी हार ही आयी.
बसपा के बड़े नेता मुख्तार अंसारी ने घोसी सीट से अपने बेटे अब्बास अंसारी को चुनाव मैदान में अपनी पार्टी के टिकट पर उतारा था, मगर बेटे के खाते में हार आयी. हालांकि हार-जीत का अंतर बहुत कम वोटों का रहा. अब्बस महज 7003 वोटों के अंतर से हारे. यहां भाजपा के फागु चौहान को 88298 वोट मिले, वहीं अब्बास के पक्ष में 81295 वोट पड़े.

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