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2017 का उत्तरप्रदेश विधानसभा चुनाव जीतने के लिए भाजपा में पिछडा-दलित वर्ग के प्रदेश अध्यक्ष की तलाश हुई शुरू

लखनऊ : लोकसभा चुनाव में मिली जबरदस्त सफलता के बाद भाजपा की निगाहें अब 2017 में होने वाले उत्तर प्रदेश विधानसभा के चुनाव पर जा टिकी है. भाजपा ने संगठन को मजबूत करने के इरादे से काम करना शुरू कर दिया है. उत्तर प्रदेश भाजपा अध्यक्ष लक्ष्मीकांत वाजपेयी का अगस्त में कार्यकाल पूरा हो रहा […]

लखनऊ : लोकसभा चुनाव में मिली जबरदस्त सफलता के बाद भाजपा की निगाहें अब 2017 में होने वाले उत्तर प्रदेश विधानसभा के चुनाव पर जा टिकी है. भाजपा ने संगठन को मजबूत करने के इरादे से काम करना शुरू कर दिया है. उत्तर प्रदेश भाजपा अध्यक्ष लक्ष्मीकांत वाजपेयी का अगस्त में कार्यकाल पूरा हो रहा है और पार्टी ने नये अध्यक्ष की तलाश शुरू कर दी है. भाजपा रणनीतिकारों ने इस बार प्रदेश में संगठन की जिम्मेदारी पिछड़े या अनुसूचित जाति वर्ग के किसी ऐसे नेता को सौंपने पर विचार कर रही है जिसके नेतृत्व में पार्टी में इस समूह के लोगों को बड़ी संख्या में जोड़ा जा सके. बीते दिनों भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने इसके संकेत भी दिए हैं.

पिछड़े और दलित समुदाय को लुभाने की कोशिश करते हुए भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने रविवार को कहा थाकि उन्हें सुनिश्चित करना चाहिए कि उत्तर प्रदेश की सत्ता पर भाजपा काबिज हो, क्योंकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ही उनकी तकलीफ समझ सकते हैं. साफ है कि भाजपा ने इन वर्गो के लोगों के अपने साथ जोड़ने के लिए विशेष रणनीति पर काम करना शुरू कर दिया है और ऐसे में यूपी में प्रदेश भाजपा अध्यक्ष की जिम्मेदारी इन्हीं वर्गो से जुड़े किसी नेता को सौंपे जाने के कयास भी लगाये जा रहेहैं.

मालूम हो कि यूपी के प्रदेश भाजपा अध्यक्ष लक्ष्मीकांत वाजपेयी का अगस्त में कार्यकाल पूरा होने जा रहा है. ऐसे में भाजपा ने नये प्रदेश अध्यक्ष की दौड़ में कई नेता शामिल हो गएहैं. हालांकि पार्टी नेतृत्व इस बार संगठन की जिम्मेदारी पिछड़े या अनुसूचित जाति वर्ग के किसी नेता को सौंपे जाने पर विचार कर रहा है.

सूत्रों की मानें तो 2017 में होने वाले प्रदेश विधानसभा चुनाव में सामाजिक समीकरण साधने की नियत से पार्टी ऐसा करने पर विचार कर रही है. सूत्रों की मानें तो ब्राह्मण एवं ठाकुर से अलग अनुसूचित एवं पिछड़े वर्ग से आने वाले वे नेता जो संगठन में लंबे समय तक काम कर चुकेहैं,उनकी दावेदारी पर विचार किया जा सकता है. वहीं, पिछड़े और दलित समुदाय को अपने पाले में करने के लिए भाजपा की ओर से विशेष अभियान चलाया जा रहा है. इसी कड़ी में भाजपा अध्यक्षअमित शाहने इसका संकेत देते हुए बीते रविवार को कहा कि पिछड़े एवं अनुसूचित जाति के लोगों को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि उत्तर प्रदेश की सत्ता पर भाजपा काबिज हो, क्योंकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ही उनकी तकलीफ समझ सकते हैं. शाह ने कहा कि मोदी उनमें से ही हैं और फिर जीवन में आगे बढ़े हैं, इसलिए सिर्फ वही उनकी तकलीफ समझ सकते हैं. उन्होंने कहा कि आपके समर्थन से नरेंद्र मोदी इस देश के प्रधानमंत्री बने और भाजपा को लोकसभा चुनावों में पूर्ण बहुमत प्राप्त हुआ. अब एक बार फिर आपके समर्थन से उत्तर प्रदेश में अगली सरकार भाजपा की बनने जा रही है.

पिछड़ी जातियों के मतदाताओं से 2017 में होने वाले उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में भाजपा का समर्थन करने की अपील करते हुए शाह ने कहा कि यह वही पार्टी है जिसने अपने शासनकाल में उनके लिए काफी काम किया. भाजपा अध्यक्ष ने कहा था, हमारी पार्टी जाति एवं धर्म के आधार पर राजनीति नहीं करती, बल्कि हमारी राजनीति विकास के एजेंडा के इर्द-गिर्द रहती है. हमारा मकसद उत्तर प्रदेश को देश का सबसे विकिसत राज्य बनाना है. अमित शाह के बयानों से साफ है कि भाजपा उत्तर प्रदेश में होने वाले आगामी विधानसभा चुनाव के लिए विशेष रणनीति पर काम करना शुरू कर दिया है. ऐसे में प्रदेश अध्यक्ष का चुनाव पिछड़े व अनुसूचित जाति के बीच से कर पार्टी संगठन को मजबूत करने का मन बना चुकी है. जिससे उत्तर प्रदेश में उसकी जीत पक्की हो सके.

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