लखनऊ : गांधी जयंती एक हफ्ते का ही समय बचा है और दो अक्टूबर तक पूरे प्रदेश को खुले में शौचमुक्त घोषित करना है. हालांकि सरकार दावा कर रही है कि सरकार तय समय में अपना लक्ष्य पूरा कर लेगी. लेकिन ज्यादातर जिलों में गांवों को कागजों में ही शौचमुक्त कर दिया गया है.
असल में स्वच्छ भारत मिशन के तहत पूरे प्रदेश को दो अक्टूबर तक खुले में शौचमुक्त करना है. यह मिशन राज्य का पंचायती राज विभाग चला रहा है. सरकार की तरफ से सभी जिलों को 30 सितंबर तक सभी आंकड़े देने को कहा गया है, लेकिन ज्यादातर जिलों में आंकड़े कागजों में चल रहे है.
राजधानी लखनऊ में ही कई गांवों में शौचालय नहीं बने हैं. लेकिन सरकार का दावा है कि सभी गांवों को खुले में शौचमुक्त कर दिया गया है. सरकार दावा करती है कि सभी जिलों में स्वच्छ शौचालयों का निर्माण कार्य तेजी से कराया जा रहा है. योजना के तहत अब तक प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों में 2.40 करोड़ से ज्यादा शौचालयों का निर्माण कराया जा चुका है. इसके चलते प्रदेश के 11 जिले, 95 ब्लॉक व 23775 ग्राम पंचायतों को ओडीएफ घोषित किया जा चुका है.
प्रदेश को ओडीएफ करने के लिए विभाग को सितम्बर माह के अंत तक 15.79 लाख शौचालय और बनाने हैं. केंद्र व प्रदेश सरकार ने उत्तर प्रदेश को खुले में शौचमुक्त करने का अभियान चला रखा है. इसके तहत नगरीय क्षेत्र को नगर विकास विभाग द्वारा तथा ग्रामीण क्षेत्र को पंचायतीराज विभाग द्वारा ओडीएफ किया जाना है.
ग्रामीण क्षेत्र को ओडीएफ करने के लिए पंचायतीराज विभाग ने विशेष अभियान चला रखा है. इसके चलते प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्र में अब तक 93.83 प्रतिशत परिवारों को शौचालय की सुविधा उपलब्ध करायी जा चुकी है. एक सर्वे के मुताबिक 2012 के अनुसार प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्र में कुल परिवारों की संख्या 2,56,02977 है.
जिसमें से मौजूदा समय में 2,40,23,196 परिवारों को शौचालय की सुविधा मिल चुकी है. अभी 15,79,781 परिवारों का शौचालय निर्माण कराया जाना बाकी है. राज्य के शामली, बिजनौर, हापुड़, गाजियाबाद, गौतमबुद्धनगर, मेरठ, मुजफ्फरनगर, बागपत, अमरोहा एवं इटावा जिले को पहले ही ओडीएफ घोषित किया जा चुका है.
इसके साथ ही सहारनपुर जनपद भी ओडीएफ की श्रेणी में आ चुका है. प्रदेश के दस अन्य जनपद भी ओडीएफ की पात्रता में आ गये हैं लेकिन अभी वह क्रास चेंकिंग करा रहे हैं ताकि ओडीएफ घोषित होने के बाद शत-प्रतिशत शौचालय का निर्माण पूरा हो चुका है.
इसी तरह प्रदेश के कुल 821 विकास खण्डों में 95 विकास खण्ड व 58853 ग्राम पंचायतों में 23775 ग्राम पंचायतों को ओडीएफ घोषित किया जा चुका है. विभाग को दो अक्टूबर तक प्रदेश के ग्रामीण परिवारों को शौचालय की सुविधा उपलब्ध करा देनी है.

