लखनऊ : उत्तर प्रदेश में कुछ दिन पहले शुरू हुआ रुक-रुक कर बारिश होने का सिलसिला जारी है. गुरुवार से रविवार तक वर्षाजनित घटनाओं में कुल 70 लोगों की मौत हो गयी जबकि 77 अन्य घायल हो गये.
प्रदेश के राहत आयुक्त संजय प्रसाद ने बताया कि भारी बारिश के कारण हुई विभिन्न घटनाओं में कुल 70 लोगों की मौत हुई हैं तथा 77 अन्य घायल हुए हैं. सबसे अधिक 11 मौतें सहारनपुर में हुईं हैं. राज्य सरकार के एक प्रवक्ता ने बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सभी जिलों के वरिष्ठ अधिकारियों को निर्देश दिया है कि वे जनता को अलर्ट रखें और प्रभावित क्षेत्रों का दौरा करें. साथ ही जर्जर भवनों को खाली करायें.
मुख्यमंत्री ने वित्तीय सहायता और चिकित्सकीय उपचार के भी निर्देश दिये हैं. इस बीच, मौसम विभाग के मुताबिक पूरे प्रदेश में मानसून की सक्रियता बरकरार है और पिछले 24 घंटों के दौरान प्रदेश में अनेक स्थानों पर बारिश हुई. कुछ इलाकों में भारी वर्षा भी हुई. इस अवधि में बिजनौर में सबसे ज्यादा 16 सेंटीमीटर बारिश दर्ज की गयी.
इसके अलावा नीमसार में 13, पट्टी में 12, नजीबाबाद और देवबंद में 11-11, बनी, राम सनेही घाट, जमानिया और फूलपुर में 10-10, नगीना में नौ, मुरादाबाद में आठ, फैजाबाद, महराजगंज, हैदरगढ़, पूरनपुर और कैसरगंज में सात-सात सेंटीमीटर वर्षा दर्ज की गयी. अगले 24 घंटों के दौरान भी राज्य के ज्यादातर स्थानों पर बारिश होने का अनुमान है.
यह सिलसिला अगले दो दिन तक जारी रह सकता है. प्रदेश में पिछले कई दिनों से रुक-रुक कर हो रही वर्षा से नदियों का जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है. घाघरा और शारदा ने तो रौद्र रूप ले लिया है. केन्द्रीय जल आयोग की रिपोर्ट के मुताबिक घाघरा नदी एल्गिनब्रिज के बाद अब अयोध्या में भी खतरे के निशान को पार कर गयी है.
वहीं, तुर्तीपार में इसका जलस्तर लाल चिह्न के नजदीक बना हुआ है. इसके अलावा शारदा नदी पलियाकलां में खतरे के निशान से एक मीटर से भी ज्यादा ऊपर बह रही है. शारदानगर में इसका जलस्तर लाल निशान से करीब बरकरार है.यमुना नदी प्रयागघाट (मथुरा) में खतरे के निशान की तरफ बढ़ रही है. वहीं, गंगा नदी का जलस्तर नरौरा में लाल चिह्न की तरफ बढ़ गया है.