अलीगढ़ : अलीगढ़ के जिलाधिकारी चंद्र भूषण सिंह ने आज कहा कि दो मई को अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय परिसर में हुई हिंसा में लिप्त पाये जाने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी. उन्होंने कहा कि घटना की मजिस्ट्रेटी जांच की जा रही है. दो से आठ मई के बीच हुई हिंसा और उपद्रव की घटनाओं में शामिल लोगों की पहचान की जा रही है. जो भी इनमें संलिप्त पाया जाएगा, उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी.
जिलाधिकारी ने कहा कि हिंसा की घटनाओं की वीडियोग्राफी से इन घटनाओं में शामिल लोगों की पहचान करना आसान हो गया है. वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अजय कुमार साहनी ने एक बयान में कहा कि धरने के दौरान विश्वविद्यालय छात्र संघ के कई नेता अपने भाषणों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का नाम लेकर उनको निशाना बना रहे थे. इससे स्पष्ट होता है कि विश्वविद्यालय परिसर में हो रहे विरोध प्रदर्शनों ने राजनीतिक रूप ले लिया है. उन्होंने कहा, शहर की शांति भंग करने वालों को बख्शा नहीं जायेगा.
उन्होंने एएमयू छात्र संघ के नेताओं को कठोर चेतावनी देते हुये कहा कि परिसर में छात्र संघ के धरना प्रदर्शनों के दौरान यदि कोई गैरकानूनी हरकत होती है तो उसके खिलाफ कठोर कार्रवाई की जायेगी. साहनी ने कल शाम एएमयू छात्र संघ द्वारा मानव श्रंखला बनाने के प्रयासों पर कहा कि अगर छात्र परिसर के बाहर कोई विरोध प्रदर्शन करते हैं तो उनके खिलाफ कार्रवाई की जायेगी क्योंकि शहर में धारा 144 (निषेधाज्ञा) लगी हुई है.
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गौरतलब है कि एएमयू के यूनियन हॉल में पाकिस्तान के ‘कायद-ए-आजम’ मुहम्मद अली जिन्ना की तस्वीर लगी होने को लेकर दो मई को हिन्दू युवा वाहिनी के कार्यकर्ताओं ने विश्वविद्यालय परिसर में हंगामा किया था. अराजकता फैलाने वालों के खिलाफ कार्रवाई की मांग को लेकर प्रदर्शन कर रहे एएमयू के छात्रों को तितर-बितर करने के लिये पुलिस ने लाठीचार्ज किया था. इस घटना में कई छात्र जख्मी हो गये थे. इस मामले में हिन्दू युवा वाहिनी के पूर्व नगर अध्यक्ष योगेश वार्षणेय और उसके साथी अमित गोस्वामी को पहले ही न्यायिक हिरासत में जेल भेजा जा चुका है.