लखनऊ: ईज ऑफ डूइंग बिजनेस की सूची में भारत को प्रथम 50 राष्ट्रों में शामिल करने के निर्धारित लक्ष्य प्राप्ती की दिशा में कदम उठाते हुए उत्तर प्रदेश में वाणिज्यिक विवादों के निस्तारण के लिए पहले चरण में 13 जनपदों में वाणिज्यक अदालतों के गठन का निर्णय लिया गया है. सरकार के एक प्रवक्ता ने बताया कि कल रात मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में हुई मंत्रिमंडल की बैठक में उक्त फैसला लिया गया.
उन्होंने बताया कि किसी देश में व्यापार के अनुकूल दशाओं के सम्बन्ध में ईज ऑफ डूइंग बिजनेस पर विश्व बैंक की रिपोर्ट में पिछले वर्ष भारत 130वें स्थान पर था. इस सूची में भारत को प्रथम 50 में लाने के लक्ष्य से इन अदालतों का गठन किया गया है. द कामर्शियल कोर्ट्स, कॉमर्शियल डिवीजन एण्ड कॉमर्शियल अपीलेट डिवीजन आफफ हाई कोर्ट्स एक्ट-2015 (अधिनियम संख्या-4ा2016) की धारा-3 के अन्तर्गत जनपद स्तर पर वाणिज्यिक अदालत की स्थापना का प्रावधान विहित है.
प्रदेश में वाणिज्यिक अदालतों के गठन से उद्यमियों के वाणिज्यिक विवादों का शीघ्र निस्तारण होगा और देश में व्यापार के अनुकूल दशाओं में वृद्धि होगी. इसके अनुसार वाणिज्यिक विवादों के निस्तारण हेतु प्रथम चरण में प्रदेश के 13 जनपदों में वाणिज्यिक अदालतों की स्थापना का प्रस्ताव अनुमोदन के बाद शासकीय गजट में अधिसूचना में प्रकाशित होगा. यह प्रकाशन की तिथि से प्रभावी होगा. प्रवक्ता के अनुसार कैबिनेट में मेजा वन प्रभाग, इलाहाबाद में काला हिरन आरक्षित क्षेत्र घोषित करने को मंजूरी मिल गयी है.
भारत वर्ष में सामान्यत: घास के मैदानों तथा खुले वनों में प्राकृतिक रुप से पाए जाने वाले एण्टीलोप प्रजाति के जीव कृष्ण मृग संरक्षित करने के उद्देश्य से वन्य जीव (संरक्षण) अधिनियम-1972 यथा संशोधित की धारा-36 ए (1) व (2) के अन्तर्गत काला हिरन संरक्षण आरक्षित (कन्जर्वेशन रिजर्व) घोषित किए जाने का निर्णय लिया गया है.
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